भोपाल। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक में दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मौजूद रहे. इन दस राज्यों में कोरोना संक्रमण के सबसे अधिक मामले सामने आ रहे हैं.
अस्पतालों की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं- पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कोरोना वायरस संक्रमण के कारण देश में फैली महामारी के हालात को देखते हुए उन सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की जहां हाहाकार मचा है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'अस्पतालों की सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए. ऑक्सीजन टैंकरों की आवाजाही के लिए रेलवे और एयरफोर्स को तैनात किया गया है. उन्होंने राज्यों से सख्ती का आग्रह करते हुए कहा कि आवश्यक दवाइयों की ब्लैक मार्केटिंग को लेकर कड़ाई होनी चाहिए.
एक दिन में 3,32,730 नए केस
पीएम मोदी की 10 राज्यों की मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक हुई. इस वर्चुअल बैठक में पीएम मोदी कोरोना संक्रमण के हालात पर बात की. बैठक में दिल्ली, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, यूपी, एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री मौजूद रहे. इन 10 राज्यों में ही कोरोना के सबसे ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. बीते 24 घंटे में देशभर में 3,32,730 नए केस सामने आए हैं जबकि 2,263 लोगों की मौत हुई है.
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मुख्यमंत्रियों के साथ हालात पर मंथन
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा 67 हजार मामले सामने आए हैं. महाराष्ट्र के अलावा दिल्ली, कर्नाटक, केरल, यूपी, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और तमिलनाडु में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं, जिसे देखते हुए पीएम मोदी इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ राज्यों के हालात और आगे की रणनीति पर चर्चा की. पीएम की मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी शामिल हुए.
अस्पतालों में बेड की 'किल्लत'
देश में घातक कोरोना वायरस संक्रमण के कारण जानलेवा खतरे के मद्देनजर पीएम मोदी लगातार बैठक कर रहे हैं. देश के अधिकांश राज्यों में महामारी का जानलेवा प्रकोप जारी है. यहां तक कि ऑक्सीजन, दवाओं और अस्पतालों में बेड की किल्लत व्यापक है. लोगों की जान पर्याप्त और उचित चिकित्सा व्यवस्था न होने के कारण भी जा रही है. इस किल्लत को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है और केंद्र को नोटिस जारी कर जवाब की मांग की है.