भोपाल। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की तर्ज पर मध्य प्रदेश सरकार राज्य में स्टेट सिक्योरिटी एडवाइजर नियुक्त करने की तैयारी कर रही है. अगर सरकार इसमें कामयाब रही तो देश में पश्चिम बंगाल के बाद मध्यप्रदेश ऐसा दूसरा राज्य होगा, जहां इंटरनल सिक्योरिटी के लिए स्पेशल सेक्रेट्री होगा.
बताया जाता है कि राज्य सुरक्षा सलाहकार के पद को लेकर मुख्यमंत्री कमलनाथ के सामने प्रेजेंटेशन भी किया जा चुका है. प्रपोजल के मुताबिक राज्य सुरक्षा सलाहकार के पद पर किसी रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी को पदस्थ किया जाएगा, जो सीधे मुख्यमंत्री को रिपोर्ट करेगा. राज्य सुरक्षा सलाहकार का कार्यकाल 3 वर्षों का होगा, बाद में परफॉर्मेंस के आधार पर कार्यकाल को बढ़ाया भी जा सकेगा.
राज्य सुरक्षा सलाहकार की एक महत्वपूर्ण जिम्मेवारी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ समन्वय बनाने की भी होगी. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने 2018 में इस पद का सृजन कर राज्य सुरक्षा सलाहकार को सुरक्षा और कानून व्यवस्था एजेंसी को लेकर तमाम पावर दिए हैं. पश्चिम बंगाल में मौजूदा राज्य सुरक्षा सलाहकार मध्य प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी रीना मित्रा हैं, जो 31 जुलाई 2019 को रिटायर्ड हुई थीं.
पश्चिम बंगाल सरकार ने दिए हस्तक्षेप के तमाम अधिकार
पश्चिम बंगाल सरकार ने 24 मई 2018 को जो गजट नोटिफिकेशन जारी किया है उसमें राज्य सुरक्षा सलाहकार को सुरक्षा से जुड़े तमाम मामलों में हस्तक्षेप के अधिकार दिए गए हैं. राज्य सुरक्षा सलाहकार किसी भी एजेंसी से किसी भी समय रिपोर्ट बुला सकता है. साथ ही जरूरत पड़ने पर राज्य सुरक्षा सलाहकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर पुलिस चीफ के साथ मिलकर किसी भी विभागों की बैठक ले सकता है.बताया जाता है कि मध्य प्रदेश राज्य सुरक्षा सलाहकार के प्रस्ताव में भी इस तरह के प्रावधान किए गए हैं. हालांकि इस प्रस्ताव को लेकर फिलहाल कोई भी आला अधिकारी बात करने के लिए तैयार नहीं है.