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खजुराहो में चमकेगा हीरा, कटिंग सेंटर, बंदरवान खदान की होगी नीलामी

प्रदेश सरकार जल्द ही सरकार पन्ना से सटे खजुराहो में हीरे का कटिंग सेंटर, संग्रहालय और नीलामी सेंटर बनाने जा रही है. पर्यटन विभाग ने एक टीम गठित की है, जो सूरत और मुंबई में बने सैंटरों को देखेगी उसके बाद ही संग्रहालय का डिजाइन तैयार किया जाएगा

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Published : Jul 8, 2019, 12:06 AM IST

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भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार पन्ना से सटे खजुराहो में हीरे का कटिंग सेंटर, संग्रहालय और नीलामी सेंटर बनाने जा रही है. खनिज विभाग ने संग्रहालय बनाने की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी है. पर्यटन विभाग की एक टीम मुंबई और सूरत में बने हीरे के संग्रहालय का अध्ययन करने जा रही है.

जल्द ही खजुराहो में हीरे का कटिंग सेंटर बनेगा

संग्रहालय के निर्माण का खर्च खनिज विभाग उठा रहा है. खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का कहना है कि मामले को लेकर सरकार बेहद गंभीर है, जिसकी तैयारियां की जा रही हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार छतरपुर की बंदरवान हीरा खदान की नीलामी करने जा रही है. खदान की टेस्टिंग कर चुकी हीरा कंपनी रियो टिंटो ने 2015 तक खनन का काम किया था.

टेस्टिंग के दौरान यहां बड़ी मात्रा में हीरे पाए जाने की संभावनाएं जताई गई थी. सरकार की योजना है कि पन्ना और छतरपुर की खदानों में खनन से निकलने वाले हीरों को खजुराहो में ही तराशा जाए. इसके लिए सरकार खजुराहो में हीरो का जो कटिंग सेंटर, संग्रहालय और नीलामी सेंटर बनाने जा रही है, वो खनिज विभाग पर्यटन विभाग की मदद से तैयार कर रहा है.

पर्यटन विभाग ने एक टीम गठित की है, जो सूरत और मुंबई में बने सैंटरों को देखेगी उसके बाद ही संग्रहालय का डिजाइन तैयार किया जाएग. 2015 में खनन कार्य खत्म करने के बाद रियो टिंटो कंपनी द्वारा सौंपे गए 330 कैरेट के हीरे को नीलामी के लिए रखा जाएगा. संग्रहालय के लिए नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन 50 लाख रुपये की सहायता कर रहा है.

भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार पन्ना से सटे खजुराहो में हीरे का कटिंग सेंटर, संग्रहालय और नीलामी सेंटर बनाने जा रही है. खनिज विभाग ने संग्रहालय बनाने की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी है. पर्यटन विभाग की एक टीम मुंबई और सूरत में बने हीरे के संग्रहालय का अध्ययन करने जा रही है.

जल्द ही खजुराहो में हीरे का कटिंग सेंटर बनेगा

संग्रहालय के निर्माण का खर्च खनिज विभाग उठा रहा है. खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल का कहना है कि मामले को लेकर सरकार बेहद गंभीर है, जिसकी तैयारियां की जा रही हैं. इसके अलावा प्रदेश सरकार छतरपुर की बंदरवान हीरा खदान की नीलामी करने जा रही है. खदान की टेस्टिंग कर चुकी हीरा कंपनी रियो टिंटो ने 2015 तक खनन का काम किया था.

टेस्टिंग के दौरान यहां बड़ी मात्रा में हीरे पाए जाने की संभावनाएं जताई गई थी. सरकार की योजना है कि पन्ना और छतरपुर की खदानों में खनन से निकलने वाले हीरों को खजुराहो में ही तराशा जाए. इसके लिए सरकार खजुराहो में हीरो का जो कटिंग सेंटर, संग्रहालय और नीलामी सेंटर बनाने जा रही है, वो खनिज विभाग पर्यटन विभाग की मदद से तैयार कर रहा है.

पर्यटन विभाग ने एक टीम गठित की है, जो सूरत और मुंबई में बने सैंटरों को देखेगी उसके बाद ही संग्रहालय का डिजाइन तैयार किया जाएग. 2015 में खनन कार्य खत्म करने के बाद रियो टिंटो कंपनी द्वारा सौंपे गए 330 कैरेट के हीरे को नीलामी के लिए रखा जाएगा. संग्रहालय के लिए नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन 50 लाख रुपये की सहायता कर रहा है.

Intro:भोपाल। हीरे की प्रचुरता के मामले में मध्य प्रदेश के पन्ना का नाम पूरे विश्व में प्रसिद्ध है। अब जल्द ही सरकार पन्ना से सटे विश्व धरोहर खजुराहो में हीरे का कटिंग सेंटर, संग्रहालय और नीलामी सेंटर बनाने जा रही है। खनिज विभाग ने संग्रहालय बनाने की जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी है। अब पर्यटन विभाग की एक टीम मुंबई और सूरत में बने हीरे के संग्रहालय का अध्ययन करने जा रही है। संग्रहालय के निर्माण का खर्च खनिज विभाग उठा रहा है। खनिज मंत्री प्रदीप जयसवाल का कहना है कि मामले को लेकर सरकार बेहद गंभीर है और इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं। आने वाले सालों में यह आकार लेता दिखाई देगा।

नोट - खबर से जुड़ी बाइट कैमरे से इन जस्ट की गई है।


Body:प्रदेश के पन्ना जिले का नाम हीरे के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्द है। सरकार जल्दी छतरपुर की बंदरवान हीरा खदान की नीलामी करने जा रही है। इस खदान की टेस्टिंग कर चुकी हीरा कंपनी रियो टिंटो ने 2015 तक खनन का काम किया था। टेस्टिंग के द्वारा यहां बड़ी मात्रा में हीरे पाए जाने की संभावनाएं जताई गई थी। सरकार की योजना है कि पन्ना और छतरपुर की खदानों में खनन से निकलने वाले हीरो को खजुराहो में ही तराशा जाएं। इसके अलावा यहीं से इन हीरो की नीलामी की जाए। इससे हीरे की ज्यादा अच्छी कीमत मिलेगी। इसके लिए सरकार खजुराहो में हीरो के कटिंग सेंटर, संग्रहालय और नीलामी सेंटर बनाने जा रही है। यह सेंटर खनिज विभाग पर्यटन विभाग की मदद से तैयार कर रहा है। पर्यटन विभाग ने एक टीम गठित की है जो सूरत और मुंबई में बने सैंटरो को देखेगी और उसके बाद संग्रहालय का डिजाइन तैयार किया जाएगा। संग्रहालय में 2015 में खनन कार्य खत्म करने के बाद रियो टिंटो द्वारा सौंपे गए 330 कैरेट के हीरे को नीलामी के लिए रखा जाएगा। संग्रहालय के लिए नेशनल मिनरल डेवलपमेंट कारपोरेशन ने ₹50 लाख की सहायता कर रहा है।


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