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प्रहलाद लोधी की विधानसभा की सदस्यता बहाल करने की मांग, राज्यपाल से मिले बीजेपी नेता - कमल पटेल

प्रहलाद लोधी की विधानसभा की सदस्यता बहाल करने की मांग को लेकर बीजेपी नेता राज्यपाल से मिलने पहुंचे.

राज्यपाल से मिले बीजेपी नेता
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Published : Nov 5, 2019, 3:52 PM IST

भोपाल। प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म होने के मामले को लेकर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा की अगुवाई में पूर्व मंत्री और विधायक राज्यपाल से मिलने पहुंचे. बीजेपी नेताओं ने विधायक की सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई को असंवैधानिक बताया है. उन्होंने विधायक की सदस्यता शून्य किए जाने को निरस्त करने की मांग की है.


पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार का फैसला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है. राज्यपाल से मिलने जाने से पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा, पूर्व मंत्री विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया,कमल पटेल, शैलेश जैन, मोहन यादव समेत कई विधायकों ने पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बंगले पर बैठक की.

राज्यपाल से मिले बीजेपी नेता


पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने कहा कि विधानसभा सचिवालय को विधायक की सदस्यता खत्म करने का कोई अधिकार नहीं है, इसके बावजूद सरकार ने आनन-फानन में बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता रद्द कर दी और इसकी जानकारी राजभवन को ना भेज कर सीधे चुनाव आयोग को भेज दी.


बीजेपी ने आरोप लगाया की कांग्रेस सरकार ने यह पूरा फैसला राजनीति से प्रेरित होकर लिया है. फैसले से नियमों का उल्लंघन हुआ है. बीजेपी ने राज्यपाल से सरकार द्वारा विधायक की सदस्यता शून्य किए जाने को निरस्त करने की मांग की है.


सूत्रों की माने तो विधायक की सदस्यता शून्य किए जाने के मामले में प्रदेश के नेताओं द्वारा कोई प्रभावी कदम ना उठाए जाने पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ी फटकार लगाई है. इसके बाद ही प्रदेश के बीजेपी नेताओं ने आनन-फानन में राज्यपाल से मिलने का समय मांगा और अपनी आपत्ति दर्ज कराई.

भोपाल। प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म होने के मामले को लेकर विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा की अगुवाई में पूर्व मंत्री और विधायक राज्यपाल से मिलने पहुंचे. बीजेपी नेताओं ने विधायक की सदस्यता रद्द करने की कार्रवाई को असंवैधानिक बताया है. उन्होंने विधायक की सदस्यता शून्य किए जाने को निरस्त करने की मांग की है.


पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने आरोप लगाया कि सरकार का फैसला पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है. राज्यपाल से मिलने जाने से पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा, पूर्व मंत्री विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया,कमल पटेल, शैलेश जैन, मोहन यादव समेत कई विधायकों ने पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बंगले पर बैठक की.

राज्यपाल से मिले बीजेपी नेता


पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा ने कहा कि विधानसभा सचिवालय को विधायक की सदस्यता खत्म करने का कोई अधिकार नहीं है, इसके बावजूद सरकार ने आनन-फानन में बीजेपी विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता रद्द कर दी और इसकी जानकारी राजभवन को ना भेज कर सीधे चुनाव आयोग को भेज दी.


बीजेपी ने आरोप लगाया की कांग्रेस सरकार ने यह पूरा फैसला राजनीति से प्रेरित होकर लिया है. फैसले से नियमों का उल्लंघन हुआ है. बीजेपी ने राज्यपाल से सरकार द्वारा विधायक की सदस्यता शून्य किए जाने को निरस्त करने की मांग की है.


सूत्रों की माने तो विधायक की सदस्यता शून्य किए जाने के मामले में प्रदेश के नेताओं द्वारा कोई प्रभावी कदम ना उठाए जाने पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ी फटकार लगाई है. इसके बाद ही प्रदेश के बीजेपी नेताओं ने आनन-फानन में राज्यपाल से मिलने का समय मांगा और अपनी आपत्ति दर्ज कराई.

Intro:भोपाल। प्रहलाद लोधी की सदस्यता खत्म होने के मामले में 3 दिन बाद जागी बीजेपी राज्यपाल लालजी टंडन से मिलने पहुंची। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष सीताशरण शर्मा की अगुवाई में आधा दर्जन से ज्यादा पूर्व मंत्री और विधायक ने राज्यपाल पहुंचकर विधानसभा सचिवालय की कार्रवाई को असंवैधानिक बताते हुए इसे शून्य करने की मांग की। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि सरकार का यह फैसला पूरी तरह राजनीतिक से प्रेरित है।


Body:पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा, पूर्व मंत्री विजय शाह, यशोधरा राजे सिंधिया कमल पटेल शैलेश जैन मोहन यादव सहित कई विधायक पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के बंगले पर एकजुट हुए बैठक के दौरान तय किया गया की पहलाद लोधी की सदस्यता खत्म किए जाने के मामले में आज ही राज्यपाल से मुलाकात की जाए। इसके बाद राज्यपाल से समय मिलते ही सभी राजभवन पहुंचे। मुलाकात के दौरान पूर्व विधानसभा अध्यक्ष ने कहां की सुप्रीम कोर्ट द्वारा मामला दर्ज होने के बाद सदस्यता खत्म करने की जो व्यवस्था दी है, लेकिन सदस्यता खत्म करने का अधिकार राज्यपाल को ही है। विधान सभा सचिवालय कोई अधिकार प्राप्त नहीं है लेकिन सरकार ने आनन-फानन में बीजेपी विधायक प्रहलाद मोदी की सदस्यता सोशल घोषित कर दिया और इसकी जानकारी राजभवन को ना भेज कर सीधे चुनाव आयोग को भेज दी। बीजेपी ने आरोप लगाया की कांग्रेस सरकार ने यह पूरा फैसला राजनीति को ध्यान में रखकर लिया है और सरकार के इस फैसले से नियमों का उल्लंघन हुआ है। बीजेपी ने राज्यपाल से सरकार द्वारा विधायक की सदस्यता सुन किए जाने को निरस्त करने की मांग की है।


Conclusion:सूत्रों की माने तो विधायक की सदस्यता सुनने किए जाने के मामले में प्रदेश के नेताओं द्वारा कोई प्रभावी कदम ना उठाए जाने पर केंद्रीय नेतृत्व ने कड़ी फटकार लगाई है। इसके बाद ही प्रदेश के बीजेपी नेताओं ने आनन-फानन में राज्यपाल से मिलने का समय मांगा और अपनी आपत्ति दर्ज कराई।
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