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अभिषेक भार्गव के दावेदारी छोड़ने पर भड़की सियासत, वंशवाद पर आमने-सामने आए कांग्रेस-बीजेपी

अभिषेक भार्गव के लोकसभा सीट की दावेदारी वापस लेने पर सियासत तेज हो गई है. जहां एक ओर कांग्रेस बीजेपी का घेराव कर रही है तो वहीं बीजेपी बचाव की भूमिका में आ गई है.

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ।
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Published : Mar 23, 2019, 7:50 PM IST

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव के लोकसभा सीट की दावेदारी छोड़ने के बाद इस मुद्दे पर सियासत गर्मा गई है. अभिषेक भार्गव ने दावेदारी छोड़ते वक्त कहा था कि परिवारवाद का कलंक न लगे इसलिए उन्होंने पीएम मोदी से प्रेरित होकर ये फैसला लिया है.

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ।

इस बयान के बाद बीजेपी अभिषेक भार्गव की दावेदारी के मुद्दे पर बचाव की भूमिका में आ गई है. भोपाल सांसद आलोक संजर पीएम मोदी के परिवारवाद पर बयान को आधार बना कर इस फैसले का बचाव कर रहे हैं.

वहीं अभिषेक के इस बयान पर कांग्रेस ने उन्हें जमकर घेरा है. प्रदेश के वाणिज्य कर मंत्री बृजेंद्र सिंह ने उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि इससे बीजेपी के दोहरे चेहरे सामने आ रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कैलाश विजयवर्गीय और वसुंधरा राजे के बेटे चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हार के डर से बीजेपी उम्मीदवारों पर कोई फैसला नहीं कर पा रही

हालांकि कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेश पचौरी इस मामले में पार्टी से अलग मिलीजुली प्रतिक्रिया देते नजर आए. एक तरफ तो उन्होंने कहा कि ये अभिषेक का निजी फैसला है, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राजनीति में सक्रिय हर शख्स चाहता है कि वो आगे बढ़े.

बहरहाल, अभिषेक भार्गव ने इस तरह नाम वापस लेकर एक बार फिर वंशवाद के मुद्दे को तूल दे दी है, जिसके जाल में कांग्रेस, बीजेपी को ही फंसाने की कोशिश में लगी है.

भोपाल। नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मंत्री गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव के लोकसभा सीट की दावेदारी छोड़ने के बाद इस मुद्दे पर सियासत गर्मा गई है. अभिषेक भार्गव ने दावेदारी छोड़ते वक्त कहा था कि परिवारवाद का कलंक न लगे इसलिए उन्होंने पीएम मोदी से प्रेरित होकर ये फैसला लिया है.

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के बेटे अभिषेक भार्गव ।

इस बयान के बाद बीजेपी अभिषेक भार्गव की दावेदारी के मुद्दे पर बचाव की भूमिका में आ गई है. भोपाल सांसद आलोक संजर पीएम मोदी के परिवारवाद पर बयान को आधार बना कर इस फैसले का बचाव कर रहे हैं.

वहीं अभिषेक के इस बयान पर कांग्रेस ने उन्हें जमकर घेरा है. प्रदेश के वाणिज्य कर मंत्री बृजेंद्र सिंह ने उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि इससे बीजेपी के दोहरे चेहरे सामने आ रहे हैं. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या कैलाश विजयवर्गीय और वसुंधरा राजे के बेटे चुनाव नहीं लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि हार के डर से बीजेपी उम्मीदवारों पर कोई फैसला नहीं कर पा रही

हालांकि कांग्रेस के दिग्गज नेता सुरेश पचौरी इस मामले में पार्टी से अलग मिलीजुली प्रतिक्रिया देते नजर आए. एक तरफ तो उन्होंने कहा कि ये अभिषेक का निजी फैसला है, साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि राजनीति में सक्रिय हर शख्स चाहता है कि वो आगे बढ़े.

बहरहाल, अभिषेक भार्गव ने इस तरह नाम वापस लेकर एक बार फिर वंशवाद के मुद्दे को तूल दे दी है, जिसके जाल में कांग्रेस, बीजेपी को ही फंसाने की कोशिश में लगी है.

Intro:नेता प्रतिपक्ष के बेटे अभिषेक भार्गव के लोकसभा की दावेदारी से नाम वापस लेने के फैसले पर वाणिज्य कर मंत्री बृजेंद्र सिंह राठौर का बयान सामने आया है ... राठौर ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि वंशवाद को लेकर बीजेपी के दो चेहरे सामने आ चुके हैं... राठौर ने बीजेपी सिद्धांत पर सवाल उठाते हुए कहा कि... क्या वसुंधरा राजे सिंधिया के बेटे चुनाव नहीं लड़ेंगे... कैलाश विजयवर्गीय के बेटे का चुनाव लड़ना क्या वंशवाद नहीं है..








Body:सिद्धांत बताना और सिद्धांत से हट कर बात करना बीजेपी के दो अलग चेहरे हैं ... साथ ही उन्होंने कहा कॉन्ग्रेस की लोकप्रियता का डर बीजेपी मे साफ नजर आ रहा है... ये डर ही है कि कांग्रेस की लिस्ट का बीजेपी इंतजार कर रही है बीजेपी के कई दिग्गज नेता अपनी सीट छोड़ने के लिए तैयार है... वहीं लालकृष्ण आडवाणी के बहाने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा बीजेपी में बुजुर्गो होना गुनाह है बुजुर्ग नेताओं को बीजेपी में हश्र किसी से छुपा नहीं है युवा सभी बीजेपी में निराश है....गोपाल भार्गव आडवाणी,मुरली मनोहर जोशी और यशवंत सिन्हा के हश्र को देखकर पीछे हटे हैं....


Conclusion:पहले गोपाल भार्गव ने अपने बेटा को लेकर टिकट मांगा था इन्हीं सब को देखते हुए चुनाव लड़ने फैसला वापस लिया...
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