भोपाल। 15 साल बाद मध्यप्रदेश की सत्ता में वापसी करने वाली कांग्रेस पार्टी के नेता एक के एक गलतियां कर रहे हैं, पहले जहां कमलनाथ, पार्टी के अंदर चर रहे असंतोष को संभालने में असफल रहे और सिंधिया खेमा कांग्रेस के अलग हो गया, जिसकी नतीजा ये रहा कि, कांग्रेस के हाथ से सत्ता फिसल गई, तो वहीं अब एक बार फिर कमलनाथ ने नई गलती कर दी है. उन्होंने सूबे की कैबिनेट मंत्री एवं डबरा से बीजेपी उम्मीदवार इमरती देवी को लेकर अपशब्द कह दिया.
कमलनाथ का बयान, जिस पर मचा बवाल
18 अक्टूबर को ग्वालियर की डबरा विधानसभा में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सभा करने पहुंचे थे, जहां उन्होंने मंत्री इमरती देवी को 'आइटम' कह दिया. पूर्व सीएम कमलनाथ ने मंच से बीजेपी प्रत्याशी इमरती देवी पर निशाना साधते हुए कहा कि, 'मैं उसका नाम क्यों लूं, क्योंकि आप मुझसे ज्यादा जानते हैं. उन्होंने कहा, जनता को मुझे तो पहले ही सावधान कर देना चाहिए था, कि वो क्या आइटम हैं.'
कमलनाथ पर इमरती देवा का पलटवार
कैबिनेट मंत्री इमरती देवी ने पूर्व सीएम कमलनाथ के बयान पर पलटवार करते हुए पूरे मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से अपील की है कि, वो इसका संज्ञान लें और कमलनाथ को कांग्रेस से बाहर का रास्ता दिखाएं. इमरती देवी ने कहा कि, जो लोग एक महिला, एक नारी का सम्मान नहीं कर सकते, ऐसे लोगों को मध्यप्रदेश में रहने का कोई अधिकार नहीं है. इमरती देवी ने कहा कि 'मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मांग करती हूं कि, कमलनाथ को पार्टी से निकाला जाए.'
कौन हैं इमरती देवी ?
इमरती देवी ग्वालियर जिले की डबरा विधानसभा सीट से विधायक रही हैं, उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ बगावत करते हुए कांग्रेस का दामन छोड़ दिया और बीजेपी में शामिल हो गईं. 2008 में पहली बार विधायक बनीं. जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है, उनमें से एक डबरा विधानसभा सीट से इमरती देवी बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ रहीं हैं. फिलहाल वो शिवराज कैबिनेट में मंत्री हैं. इमरती देवी के पास महिला एवं बाल विकास विभाग की जिम्मेदारी है.
सीएम शिवराज ने कमलनाथ के खिलाफ खोला मोर्चा
कमलनाथ का ये बयान ऐसे वक्त पर आया है, जब मध्यप्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. बीजेपी को बैठे- बिठाए कांग्रेस के खिलाफ एक मुद्दा मिल गया, जिसे सत्ताधारी पार्टी ने भुनाने में जरा भी देर नहीं लगाई. सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खुद मोर्चा संभाला, उन्होंने न सिर्फ कमलनाथ के इस बयान को प्रदेश की महिलाओं का अपमान से जोड़ दिया, बल्कि मौन उपवास पर भी बैठ गए हैं. बीजेपी की पूरी कोशिश है कि, पूर्व सीएम कमलनाथ के इस बयान को जितना हो सके आम आदमी के बीच लेकर जाएं. इसके लिए बीजेपी ने पूरे प्रदेश में कमलनाथ के इस बयान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जिले- जिले में पूर्व सीएम के बयान को लेकर बीजेपी विरोध प्रदर्शन कर रही है.
पूरे प्रदेश में बीजेपी कर रही मौन उपवास
राजधानी भोपाल में जहां सीएम शिवराज के साथ गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा और कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग मौन उपवास पर बैठे, तो वहीं ग्वालियर में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कमान संभाली, जबकि इंदौर में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कमलनाथ के आपत्तिजनक बयान के खिलाफ मौन उपवास किया.
कांग्रेस को भारी बड़ सकता है कमलनाथ का विवादित बयान
कांग्रेस को पूर्व सीएम कमलनाथ का ये बयान भारी पड़ सकता है, ग्वालियर- चंबल अंचल में दलित आबादी अच्छी-खासी है, यही वजह है कि, बीजेपी इसे एक दलित महिला का अपमान बताते हुए सियासी माइलेज लेने की कोशिश में जुट गई है. बीजेपी की मौन उपवास का सियाससत कांग्रेस पर भारी पड़ सकती है. उपचुनाव की नजाकत को देखते हुए बीजेपी के साथ-साथ बीएसपी भी इस विवाद में कूद पड़ी है. बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी पूर्व सीएम कमलनाथ के इस बयान की निंद करते हुए अति-शर्मनाक व अति-निन्दनीय बताया है, साथ ही कांग्रेस आलाकमान को सार्वजनिक तौर पर माफी मांगने की नसीहत तक दे डाली है.
पहले भी महिलाओं पर विवादित बयान दे चुके हैं कमलनाथ
2018 में विधानसभा चुनाव के वक्त महिलाओं को टिकट दिए जाने के सवाल पर कमलनाथ ने कहा था कि, उनकी पार्टी में महिलाओं को कोटा और सजावट के आधार पर टिकट नहीं दिए गए हैं. उनके इस बयान की तमाम महिला संगठनों ने निंदा की थी, साथ ही बीजेपी ने भी जमकर निशाना साधा था. उन्होंने ये बयान तब दिया था जब उनसे पूछा गया था कि, कांग्रेस ने महिलाओं को टिकट देने में कंजूसी क्यों की. पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 230 सीटों में सिर्फ 25 महिलाओं को टिकट दिया था.
दिग्विजय सिंह भी दे चुके है विवादित बयान
ऐसा नहीं है कि, पूर्व सीएम कमलनाथ ने ही महिला को लेकर इस तरह का बयान दिया है, इससे पहले पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने तो अपनी ही पार्टी की नेता मीनाक्षी नटराजन को लेकर आपत्तिजनक बयान दे दिया था, जिसपर उनकी खूब किरकिरी हुई थी. हालांकि उन्होंने बाद में अपने बयान पर सफाई दी थी, लेकिन तब तक बीजेपी ने उनके बयान को महिलाओं की अस्मिता से जोड़कर मुद्दा बना दिया था.
कमलनाथ के बयान से बैकफुट पर कांग्रेस
कैबिनेट मंत्री इमरती देवी के इस बयान के बीजेपी को जहां हमलावर होने का मौका मिल गया है, तो वहीं कांग्रेस बैकफुट पर आ गई है. कमलनाथ का ये बयान उपचुनाव का रुख पलट सकता है. ऐसे में दलित मतदाताओं की नाराजगी कांग्रेस की सत्ता में वापसी के सपने पर पानी फेर सकती है. जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है उनमें से 16 सीटे ग्वालियर- चंबल इलाके से हैं और ये वो इलाका है, जहां पर दलित काफी मुखर रहे हैं. SC/ST एक्ट में किए गए संसोधन के खिलाफ सबसे अधिक विरोध भी यहीं देखने को मिला था.