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गुमशुदा बच्चियों को तलाशने पुलिस बताएगी टाइम लिमिट, IG करेंगे मॉनिटरिंग

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Published : Jan 11, 2021, 7:24 PM IST

Updated : Jan 11, 2021, 8:16 PM IST

मध्यप्रदेश में गायब होने वाली बच्चियों को लेकर सरकार गंभीर है, सीएम शिवराज ने समीक्षा बैठक में महिला अपराध के हॉटस्पॉट इलाकों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के पुलिस को निर्देश दिए हैं.

CM Shivraj
सीएम शिवराज

भोपाल। गायब हुई बच्चियों को खोजने के लिए पुलिस अब टाइमलिमिट में काम करेगी. इन मामलों की मॉनिटरिंग रेंज आईजी तक के अधिकारी करेंगे. प्रदेश से गायब हो रहीं बच्चियों की घटनाओं को देखते हुए इसकी जांच के लिए मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक कर निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षा में सामने आया है कि 4 हजार बच्चियां अभी भी लापता हैं. सीएम ने छेड़खानी और महिला अपराध के हॉटस्पॉट इलाकों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के पुलिस को निर्देश दिए हैं.

सीएम शिवराज ने की बैठक

आईजी स्तर तक के अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग

मिंटो हॉल में आयोजित पुलिस विभाग के सम्मान समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चियां गायब हैं. इसको लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक भी की गई है. बैठक में तय किया गया है कि अब ऐसे मामलों की आईजी स्तर तक के अधिकारी मॉनिटरिंग करेंगे. सीएम ने कहा अब बच्चे की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचने वाले परिजनों की थाने में शिकायत दर्ज करने के साथ ही उन्हें टाइमलाइन बताएगी कि वे बच्चे को खोजने क्या-क्या कदम उठाएंगे.

30 दिन बाद एसडीओपी मामले की समीक्षा करेंगे और बच्चे के न मिलने पर पुलिस अधीक्षक द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी. पूरे मामले की रेंज आईजी द्वारा भी समीक्षा की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी महिला व बच्चों के लिए चल रही हेल्पलाइन का एकीकरण किया जाएगा. इसके अलावा सभी सार्वजनिक परिवहन बस, टेक्सी में पैनिक बटन लगाया जाएगा. मुसीबत के वक्त बच्चियां इस बटन को दबाकर मदद मांग सकेंगी.

बाहर जाने वाली बेटियों का होगा रजिस्ट्रेशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार काम के लिए बाहर जाने वाली बच्चियां लौटकर नहीं आती. बाद में वे गायब हो जाती हैं. इसको देखते हुए ग्राम, जिला और राज्य स्तर पर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था तैयार की जा रही है. इसमें अगर बच्ची काम के लिए गांव, ग्राम पंचायत स्तर पर, जिले से बाहर जाती हैं तो जिला स्तर पर और राज्य से बाहर जाने पर उसका राज्य स्तर पर रजिस्ट्रेशन होगा. जिससे बच्ची का पूरा रिकार्ड मौजूद हो कि बच्ची कहां है. सीएम ने कहा कि इसकी नोडल एजेंसी गृह विभाग होगा. जल्द ही पूरी प्रक्रिया तय कर ली जाएगी.

मानसिकता बदलने चलेगा अभियान

सीएम ने कहा कि बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को रोकने के लिए समाज की मानसिकता बदलने की जरूरत है. इसके लिए अभियान चलाया जाएगा. सीएम ने कहा कि कार्यक्रम में बेटी पूजन कार्यक्रम भी इसीलिए शुरू किया गया है, ताकि समाज की मानसिकता बदले. उन्होंने कहा कि कई बार लोगों के सामने छेड़खानी जैसी घटनाएं होती हैं. लोग कुछ नहीं करते, ऐसे लोगों को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए, लेकिन सरकार ऐसे मामलों में आंख मूंदकर बैठी नहीं रह सकती है. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार के साथ समाज को भी सहयोग करना चाहिए.

भोपाल। गायब हुई बच्चियों को खोजने के लिए पुलिस अब टाइमलिमिट में काम करेगी. इन मामलों की मॉनिटरिंग रेंज आईजी तक के अधिकारी करेंगे. प्रदेश से गायब हो रहीं बच्चियों की घटनाओं को देखते हुए इसकी जांच के लिए मुख्यमंत्री ने समीक्षा बैठक कर निर्देश दिए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि समीक्षा में सामने आया है कि 4 हजार बच्चियां अभी भी लापता हैं. सीएम ने छेड़खानी और महिला अपराध के हॉटस्पॉट इलाकों को चिन्हित कर कार्रवाई करने के पुलिस को निर्देश दिए हैं.

सीएम शिवराज ने की बैठक

आईजी स्तर तक के अधिकारी करेंगे मॉनिटरिंग

मिंटो हॉल में आयोजित पुलिस विभाग के सम्मान समारोह कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बड़ी संख्या में बच्चियां गायब हैं. इसको लेकर पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक भी की गई है. बैठक में तय किया गया है कि अब ऐसे मामलों की आईजी स्तर तक के अधिकारी मॉनिटरिंग करेंगे. सीएम ने कहा अब बच्चे की गुमशुदगी दर्ज कराने पहुंचने वाले परिजनों की थाने में शिकायत दर्ज करने के साथ ही उन्हें टाइमलाइन बताएगी कि वे बच्चे को खोजने क्या-क्या कदम उठाएंगे.

30 दिन बाद एसडीओपी मामले की समीक्षा करेंगे और बच्चे के न मिलने पर पुलिस अधीक्षक द्वारा इसकी समीक्षा की जाएगी. पूरे मामले की रेंज आईजी द्वारा भी समीक्षा की जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी महिला व बच्चों के लिए चल रही हेल्पलाइन का एकीकरण किया जाएगा. इसके अलावा सभी सार्वजनिक परिवहन बस, टेक्सी में पैनिक बटन लगाया जाएगा. मुसीबत के वक्त बच्चियां इस बटन को दबाकर मदद मांग सकेंगी.

बाहर जाने वाली बेटियों का होगा रजिस्ट्रेशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि कई बार काम के लिए बाहर जाने वाली बच्चियां लौटकर नहीं आती. बाद में वे गायब हो जाती हैं. इसको देखते हुए ग्राम, जिला और राज्य स्तर पर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था तैयार की जा रही है. इसमें अगर बच्ची काम के लिए गांव, ग्राम पंचायत स्तर पर, जिले से बाहर जाती हैं तो जिला स्तर पर और राज्य से बाहर जाने पर उसका राज्य स्तर पर रजिस्ट्रेशन होगा. जिससे बच्ची का पूरा रिकार्ड मौजूद हो कि बच्ची कहां है. सीएम ने कहा कि इसकी नोडल एजेंसी गृह विभाग होगा. जल्द ही पूरी प्रक्रिया तय कर ली जाएगी.

मानसिकता बदलने चलेगा अभियान

सीएम ने कहा कि बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध को रोकने के लिए समाज की मानसिकता बदलने की जरूरत है. इसके लिए अभियान चलाया जाएगा. सीएम ने कहा कि कार्यक्रम में बेटी पूजन कार्यक्रम भी इसीलिए शुरू किया गया है, ताकि समाज की मानसिकता बदले. उन्होंने कहा कि कई बार लोगों के सामने छेड़खानी जैसी घटनाएं होती हैं. लोग कुछ नहीं करते, ऐसे लोगों को चुल्लू भर पानी में डूबकर मर जाना चाहिए, लेकिन सरकार ऐसे मामलों में आंख मूंदकर बैठी नहीं रह सकती है. ऐसे लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. सरकार के साथ समाज को भी सहयोग करना चाहिए.

Last Updated : Jan 11, 2021, 8:16 PM IST
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