जबलपुर। जनवरी 2019 में हुई एससी खाटुआ की हत्या के मामले में एजीएम कमल किशोर शुरू से ही प्राइम सस्पेक्टे रहे हैं. यही वजह है कि जब पुलिस ने उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया तो उन्होंने हाईकोर्ट में अपनी याचिका दायर कर दी. लेकिन हाईकोर्ट ने ये कहते हुए उनकी याचिका खारिज कर दी कि पहले केस डायरी देखी जाएगी. जबलपुर एसपी भी मान रहे हैं कि एससी खाटुआ की मौत के मामले में एजीएम कमल किशोर प्राइम सस्पेक्ट शुरू से ही थे.
जिस समय धनुष तोप की बेरिंग में गड़बड़ी हुई थी उस समय एजीएम कमल किशोर भी जीसीएफ फैक्ट्री में पदस्थ थे और एससी खाटूआ उनके अंडर ही काम किया करते थे. इधर मृतक खाटुआ की पत्नी ने भी जो 9 लोगों के संदिग्ध नाम बताए थे उनमें कमल किशोर का नाम शामिल था. एसपी अमित सिंह का कहना है कि खाटुआ हत्याकांड के खुलासे के वे बिल्कुल करीब पहुंच गए हैं और जल्दी खाटुआ का हत्यारा पुलिस की गिरफ्त में होगा.