भोपाल। तो क्या एमपी में चुनाव में डबल इंजन की सरकार के नारे के साथ लाडली बहना पर बीजेपी का फोकस रहने वाला है. विंध्य के दौरे पर आए पीएम मोदी के भाषण में लखपति दीदियों का जिक्र इस पर मुहर लगाता दिखाई देता है. मध्यप्रदेश को चुनावी साल में हजारों करोड़ की सौगातें देने के साथ पीएम मोदी के भाषण में खास जिक्र माताओं बहनों बेटियों को लेकर था. पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह से बीजेपी सरकार के दौर में करोड़ों महिलाओं को घर की मालकिन बनाया गया. बीजेपी ने देश में करोड़ों दीदी को लखपति दीदी बनाया है.
लखपति दीदियों को पीएम मोदी का प्रणाम: एमपी में शिवराज सरकार ने लाडली बहना योजना को गेमचेंजर के तौर पर लॉच किया है. चुनावी साल में मध्यप्रदेश के दौरे पर आए पीएम मोदी के भाषण का एक हिस्सा दीदियों के नाम रहा. उन्होंने कहा कि हमारे यहां एक परंपरा सी बन गई है घर पुरुष के नाम पर, दुकान पुरुष के नाम पर, गाड़ी पुरुष के नाम पर, खेत पुरुष के नाम पर. महिलाओं के नाम पर कुछ होता ही नहीं. हमने ये रिवाज बदला. पीएम मोदी ने कहा कि मालकिन हमारी माताएं, बहनें और बेटियां बने. पीएम मोदी ने कहा कि देश की करोड़ों महिलाओं को घर की मालकिन बनाया. पीएम आवास का हर घर लाख रुपए से ज्यादा कीमत का होता है. देश में इस लिहाज से करोड़ों दीदियां लखपति बनी हैं. पीएम ने अपने भाषण में उन योजनाओं का जिक्र किया जो महिलाओं के जीवन को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाली हैं. उन्होंने कहा कि पीएम सौभाग्य योजना में ढाई करोड़ घरों तक बिजली पहुंची. हर घर जल योजना में 9 करोड़ से अधिक परिवारों को नल से जल मिलने लगा.
पचास लाख से ज्यादा महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ी: पीएम मोदी ने बताया कि गांव में स्वरोजगार देने गांव में मुद्रा योजना के जरिए 24 लाख करोड़ की मदद दी गई. करोड़ों लोगों ने गांव में ही कारोबार शुरु किए. बहन, बेटियां माताएं भी इस कारोबार का हिस्सा बनीं. पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार की योजनाएं इस तरह की हैं कि गांव में महिलाओं को सशक्त बना रही है. उन्होंने आंकड़े देकर बताया कि किस तरह से नौ साल में नौ करोड़ महिलाओं ने सेल्फ हेल्प ग्रुप का लाभ लिया. पचास लाख से ज्यादा महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप से जुड़ीं. उन्होंने एमपी का जिक्र करते हुए कहा कि यहां लघु उद्योग की कमान महिलाएं संभाले हैं. हर जिले में दीदी कैफे बनाया गया है. उन्होंने एमपी में नारी शक्ति को बधाई देते हुए कहा कि कि समावेशी विकास में उनका भी अहम योगदान है.
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बहना योजना पर भरोसा क्यों: एमपी में साइलेंट वोटर यानि महिलाएं बीजेपी का टेस्टेड और ट्रस्टेड वोट बैंक है. 2003 में उमा भारती के दौर में भी बीजेपी की जीत की राह जिसने आसान की फिर लाडली लक्ष्मी योजना के साथ तो 2007 के बाद से ये बीजेपी का मजबूत वोट बन गया. इस बार खास ये है कि महिला वोटर के हाथ में ही एक तरीके से एमपी की सत्ता की कमान है. प्रदेश के 41 जिलों में महिला वोटर के नाम बढ़ जाने के साथ महिला वोटर सात लाख के पार पहुंच गई हैं. जबकि पुरुष वोटर 6 लाख के पार हैं. खास बात ये है कि अमूमन सियासत से दूर और साइलेंट मोड में रहने वाला ये वोटर अब जागरुक भी हुआ है. 2013 से 2018 के विधानसभा चुनाव में इनका वोटिंग प्रतिशत का अंतर इसकी तस्दीक करता है. पिछले चुनाव में महिलाओं का वोटिंग प्रतिशत चार फीसदी बढ़ चुका है.