भोपाल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को रानी कमलापति रेलवे स्टेशन से देश की 5 नई वंदे भारत ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया. मध्यप्रदेश की दो वंदे भारत भोपाल-इंदौर और रानी कमलापति-जबलपुर को झंडी दिखाई. वंदे भारत का जिक्र आते ही एक बेहतर गाड़ी हमारे जहन में आ जाती है, लेकिन इस ट्रेन के अंदर आखिर क्या-क्या सुविधाएं हैं और किस तरह से इसको बनाया गया है. यह भी जानना बेहद जरूरी है. ईटीवी भारत संवाददाता ने भोपाल से जबलपुर जाने वाली वंदे भारत ट्रेन में सफर करने पहुंचे. देखा कि आखिर उस में क्या-क्या सुविधाएं मौजूद हैं. (MP Vande Bharat Express)
सेफ्टी फीचर्स के हिसाब से बेहद खास: वंदे भारत ट्रेन को सेफ्टी फीचर्स के हिसाब से बेहद खास बनाया गया है. अधिकतर आम ट्रेनों में दरवाजे कभी भी खुल जाते थे. लेकिन वंदे भारत ट्रेन में यह सिर्फ लोको पायलट यानी ड्राइवर जो गाड़ी चलाता है, वही इसको खोलेगा. जिस तरह से प्लेन में दरवाजे होते हैं और उनका कमांड आगे होता है. उसी तरह से इन दरवाजों को भी ऐसे बनाया गया है. यह दरवाजे तभी खुलेंगे जब ट्रेन रुकी हो. इसमें अलग से कोई हैंडल नहीं दिया गया. जिससे कि आम व्यक्ति इसे बीच में खोल सके. आपातकालीन स्थिति के लिए बटन दिया गया है. जिसे दबाने पर ट्रेन रुकेगी फिर दरवाजे खुलेंगे.
ट्रेन में लगे है CCTV: सीसीटीवी ट्रेन के दरवाजे के साथ ही अंदर भी सीसीटीवी लगाए गए हैं. इसके माध्यम से आसानी से हर गतिविधि पर निगरानी रखी जा सकती है. जिसका एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. 360 डिग्री रिवॉल्विंग चेयर वंदे भारत ट्रेन में सबसे आकर्षण सुविधा है, इसकी रिवॉल्विंग चेयर पर बैठ पैनोरेमिक व्यू लिया जा सकता है. यह चेयर 360 डिग्री पर आसानी से घूम जाती हैं और आमने-सामने बैठकर लोग एक-दूसरे से बात कर सकते हैं.
चार्जिंग प्वाइंट्स की सुविधा: खिड़की की ओर भी इसके चेयर्स को घूमने से आसानी से बाहर का नजारा यात्री देख सकते हैं. इन फीचर्स के साथ ही वंदे भारत में कई और सुविधाएं भी मौजूद है. जिसके नीचे पैरों के पास चार्जिंग प्वाइंट्स लगाए गए हैं जिसमें चार्जर नहीं होने के बाद अगर आपके पास डाटा केबल है तो भी आप आसानी से मोबाइल और लैपटॉप चार्ज कर सकते हैं. कुर्सियों के बीच में हाथ जहां रहते हैं, उसके ज्वाइन पर अंदर से एक प्लेट निकलती है जिसे आसानी से बिछाकर उस पर सामान रखकर आप नाश्ता या खाना खा सकते हैं.
डिस्प्ले बोर्ड ओर स्पीड: वंदे भारत ट्रेन की स्पीड अधिकता में 150 से 160 किलोमीटर प्रति घंटे तक भी पहुंचती है. इसके लिए बाकायदा ट्रेन के अंदर डिस्प्ले बोर्ड्स भी लगाए गए हैं, जिनमें इसकी स्पीड आसानी से देखी जा सकती है. ब्रेल लिपि के साथ ही दिव्यांगों को ध्यान में रखकर ट्रेन की सीटों को डिजाइन किया गया है जिसमें उसके नंबर ब्रेल लिपि में लिखे हैं. जिसे आसानी से दिव्यांग या ब्लाइंड लोग महसूस कर पहचान सकते हैं. ट्रेन के बारे में अनाउंसमेंट ट्रेन के अंदर होता है. जिस तरह से मेट्रो में आपने देखा होगा वैसा ही अनाउंसमेंट, स्टेशन के पहले यात्रियों के लिए किया जाता है. जिससे उन्हें स्टेशन पर उतरने या चढ़ने में दिक्कत ना हो.