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जीएमसी में शुरू हुआ प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल ट्रायल, कोरोना के इलाज में करेगा मदद

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज जीएमसी में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है. जीएमसी में माइक्रोबायोलॉजी और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के सहयोग से एक प्रोजेक्ट तैयार कर आईसीएमआर को भेजा था. जिसे अब अप्रूवल मिल गया है.

Plasma therapy clinical trial started in GMC
जीएमसी में शुरू हुआ प्लाज्मा थेरेपी क्लीनिकल ट्रायल
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Published : May 6, 2020, 4:59 PM IST

Updated : May 7, 2020, 6:57 AM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज ने कोरोना वायरस को हराने की जंग में एक कदम और बढ़ाया है. जीएमसी में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है, जिसके लिए उसे इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से मंजूरी भी मिल गयी है.

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल ट्रायल

क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी के लिए मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ सिमी दुबे ने माइक्रोबायोलॉजी और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के सहयोग से एक प्रोजेक्ट का तैयार कर आईसीएमआर को भेजा था. जिसे अब अप्रूवल मिल गया है.

क्लीनिकल ट्रायल के लिए मिली मंजूरी के बाद प्रोटोकॉल के मुताबिक यह ट्रायल शुरू कर दिया गया है. जीएमसी के डीन डॉ अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जो संक्रमित व्यक्ति कोरोना वायरस से अब ठीक हो चुके हैं उनके शरीर में एंटीबॉडीज़ विकसित हो जाती है.

ऐसे ही मरीजों का प्लाज्मा लेकर उन मरीजों का इलाज किया जाएगा जो अभी संक्रमित हैं. हालांकि अभी इसके जरिये इलाज को शत प्रतिशत सफल नहीं कहा जा सकता है. इसलिए हम अभी क्लीनिकल ट्रायल कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि यह कितना असरदार है और ट्रायल के बाद आये रिजल्ट से यह पता चल पाएगा कि इससे इलाज कितना सही है.

इस ट्रायल का परिणाम कब तक मिलेगा इस बारे में डीन डॉ श्रीवास्तव का कहना है कि यह निर्भर करता है कि मरीज किस स्टेज का है. मरीज की हालत गंभीर है या उसे पहले से कोई बीमारी है, उम्र क्या है यह सब तथ्य इलाज को प्रभावित करते हैं.

भोपाल। राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज ने कोरोना वायरस को हराने की जंग में एक कदम और बढ़ाया है. जीएमसी में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल ट्रायल शुरू हो चुका है, जिसके लिए उसे इंडियन कॉउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च से मंजूरी भी मिल गयी है.

भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में शुरू हुआ प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल ट्रायल

क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी के लिए मेडिसिन डिपार्टमेंट की एचओडी डॉ सिमी दुबे ने माइक्रोबायोलॉजी और पैथोलॉजी डिपार्टमेंट के सहयोग से एक प्रोजेक्ट का तैयार कर आईसीएमआर को भेजा था. जिसे अब अप्रूवल मिल गया है.

क्लीनिकल ट्रायल के लिए मिली मंजूरी के बाद प्रोटोकॉल के मुताबिक यह ट्रायल शुरू कर दिया गया है. जीएमसी के डीन डॉ अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जो संक्रमित व्यक्ति कोरोना वायरस से अब ठीक हो चुके हैं उनके शरीर में एंटीबॉडीज़ विकसित हो जाती है.

ऐसे ही मरीजों का प्लाज्मा लेकर उन मरीजों का इलाज किया जाएगा जो अभी संक्रमित हैं. हालांकि अभी इसके जरिये इलाज को शत प्रतिशत सफल नहीं कहा जा सकता है. इसलिए हम अभी क्लीनिकल ट्रायल कर रहे हैं ताकि यह पता चल सके कि यह कितना असरदार है और ट्रायल के बाद आये रिजल्ट से यह पता चल पाएगा कि इससे इलाज कितना सही है.

इस ट्रायल का परिणाम कब तक मिलेगा इस बारे में डीन डॉ श्रीवास्तव का कहना है कि यह निर्भर करता है कि मरीज किस स्टेज का है. मरीज की हालत गंभीर है या उसे पहले से कोई बीमारी है, उम्र क्या है यह सब तथ्य इलाज को प्रभावित करते हैं.

Last Updated : May 7, 2020, 6:57 AM IST
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