भोपाल। पेट्रोल व डीजल पर एक्साइज ड्यूटी घटाने के बाद भले ही उपभोक्ताओं को ईंधन के आसमान छूते दामों में कुछ राहत मिल गई हो, लेकिन अब दूसरी समस्या खड़ी हो गयी है. बीते कुछ दिनों से तेल कंपनियों ने पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति घटा दी है. राजधानी के पेट्रोल पंपों पर तेल कंपनियां 50 प्रतिशत ही पेट्रोल व डीजल की आपूर्ति कर पा रही हैं. सोमवार को भोपाल के 152 में से 12 पेट्रोल पंप सूख गए. कोकता ट्रांसपोर्ट नगर, नीलबड़, बैरसिया सहित शहर की सीमाओं व ग्रामीण क्षेत्र के पंपों पर पेट्रोल व डीजल नहीं बचा है. इससे लोगों को एक से दूसरे पेट्रोल पंपों पर भटकना पडड़ रहा है.
खपत के अनुसार पेट्रोल व डीजल नहीं दे पा रही कंपनियां : तेल कंपनियों का कहना कि डीजल में 23 रुपये और पेट्रोल में 16 रुपये प्रतिलीटर घाटा हो रहा है. इसलिए खपत के अनुसार पेट्रोल व डीजल नहीं दे पा रही हैं. पेट्रोल पम्प एसोसिएशन ने प्रदेश के मुख्य सचिव, चुनाव आयुक्त, संबंधित जिला कलेक्टर से तेल कंपनियों से खपत के अनुसार पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति कराने की मांग की है. तेल कंपनियों का कहना है कि उन्हें क्रूड ऑयल महंगा पड़ रहा है और उन्हें सस्ता बेचना पड़ रहा है.
पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह ने यही बात दोहराई है. फिलहाल मप्र में करीब 69 लाख लीटर कम पेट्रोल और डीजल मिल रहा है.
किसानो की बढ़ेगी परेशानी : यदि तेल नहीं पहुंचा तो ग्रामीण क्षेत्रों में सोयाबीन व धान की फसल बुरी तरह से प्रभावित होगी. इस साल खेती प्रभावित हुई तो महंगाई बढ़ना तय है. रूस-यूक्रेन युद्ध के चलते वैश्विक स्तर पर क्रूड के दामों में जारी उतार-चढ़ाव से तेल कंपनियाें ने आपूर्ति से हाथ खींचते हुए अघोषित राशनिंग शुरू कर दी.केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्रालय के पेट्रोलियम प्लानिंग एंड एनालिसिस (पीपीएसी) के आंकड़े कहते हैं कि मध्यप्रदेश में वित्तीय वर्ष 2019-20 में रोजाना 2.20 करोड़ लीटर पेट्रोल-डीजल बिक रहा था. (Petrol -Diesel crisis started in MP) (12 petrol pumps closed in Bhopal) (Petrol-Diesel Supply is coming down)