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अपनों को खोने वाले लोगों की अपील, 'जानलेवा साबित हो सकता कोविड-19, लापरवाही ना बरतें' - कोरोना को लेकर लापरवाही

कोविड-19 ने ना जाने अब तक दुनिया भर में कितनों की जान ले ली. वर्तमान में भी यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है. लेकिन लोग लगातार लापरवाही बरत रहे हैं. इस बीमारी से अपनों को खोने वाले लोग दूसरों को सलाह दे रहे हैं. कि कोरोना को लेकर लापरवाही पड़ सकती है भारी.

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अपनों को खोने वाले लोगों की अपील
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Published : Nov 22, 2020, 2:09 PM IST

Updated : Nov 22, 2020, 2:45 PM IST

भोपाल। कोविड-19 से दुनिया भर में अब तक लाखों लोगों के जान जा चुकी है. भारत में भी मौत के आंकड़े हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन लोग लगातार लापरवाही बरत रहे हैं. शहर के बाजार और कई सार्वजनिक सभाओं में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और न ही मास्क का उपयोग. जिसके चलते संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि जरा सी भी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है. वहीं कोरोना से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे जिन्होंने कोरोना की वजह से अपनों को खोया है, वह लगातार दूसरों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दे रहे हैं.

अपनों को खोने वाले लोगों की अपील
कोरोना का नहीं कोई इलाज

लापरवाही की सबसे बड़ी वजह यही है कि लोगों को लगता है कि यदि उन्हें कोरोना संक्रमण हो भी गया है, तो वह इलाज करवाकर ठीक हो जाएंगे, पर ऐसा जरूरी नहीं है कि हर मामले में व्यक्ति ठीक ही हो जाए, क्योंकि यह बीमारी कब किस व्यक्ति को गंभीर रूप से ग्रसित कर दे, कुछ कहा नहीं जा सकता. राजधानी भोपाल में भी अब तक 503 संक्रमितों की मृत्यु हो चुकी है. कई परिवारों ने अपनों को लापरवाही के चलते ही खोया है. अपने परिवार के सदस्यों को खोने का जो दुख होता है, वह बयां नहीं किया जा सकता, और ऐसे लोग अन्य लोगों को यही सलाह दे रहे हैं, कि लापरवाही ना बरतें.

जिन्होंने खोया अपनों को, उनकी सुनें

प्रियंका रजक जिनकी मां की मौत कोविड 19 के कारण हुई है. वह कहती हैं कि मेरी मां संतोष रजक कोरोना से जंग नहीं जीत पाई. इसका कारण यह है कि इस बीमारी का अब तक इलाज नहीं आ पाया है. यदि हम नियमित दूरी और सतर्कता बरततें हैं, मास्क पहनते हैं, और हाथों को सेनेटाइज करते हैं, तो ठीक है. लेकिन यदि कहीं भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाने से, मास्क न पहनने से और हाथ सेनेटाइज न करने से यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है. प्रियंका कहतीं हैं परिवार के सदस्य के जाने का दुख बहुत बड़ा होता है. मैंने इस बीमारी से अपनी मां को खोया है, मेरी मां तो अब वापस नहीं आ सकती हैं, लेकिन मैं नहीं चाहती कि इस बीमारी के कारण कोई और किसी अपने को खोए. इसलिए मेरी सभी से यही अपील है, कि इस बीमारी को हल्के में न लें, जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करें.

यह भी पढ़ें:- MP में कोरोना का कहर, एक ही दिन में मिले 1700 नए मरीज

कोविड 19 ने नवीन मालवीय के बड़े भाई को उनसे छीन लिया. नवीन के भाई सिर्फ 39 वर्ष के थे. नवीन ने बताया कि उनके भाई को लक्षण नहीं थे, लेकिन एक दिन अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद वह उन्हें शहर के जेपी अस्पताल लेकर गए, जहां से उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया. और डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मेरी लोगों से यही अपील है कि वह लापरवाही न बरतें, लक्षण होने पर टेस्ट करवाएं, और सही डॉक्टर से इलाज लें, वायरल बुखार समझ कर लापरवाही न करें.

भोपाल। कोविड-19 से दुनिया भर में अब तक लाखों लोगों के जान जा चुकी है. भारत में भी मौत के आंकड़े हर दिन बढ़ते जा रहे हैं. लेकिन लोग लगातार लापरवाही बरत रहे हैं. शहर के बाजार और कई सार्वजनिक सभाओं में न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और न ही मास्क का उपयोग. जिसके चलते संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी हो रही है. विशेषज्ञों का कहना है कि जरा सी भी लापरवाही खतरनाक साबित हो सकती है. वहीं कोरोना से मौतों का आंकड़ा भी बढ़ता जा रहा है. ऐसे जिन्होंने कोरोना की वजह से अपनों को खोया है, वह लगातार दूसरों को मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की सलाह दे रहे हैं.

अपनों को खोने वाले लोगों की अपील
कोरोना का नहीं कोई इलाज

लापरवाही की सबसे बड़ी वजह यही है कि लोगों को लगता है कि यदि उन्हें कोरोना संक्रमण हो भी गया है, तो वह इलाज करवाकर ठीक हो जाएंगे, पर ऐसा जरूरी नहीं है कि हर मामले में व्यक्ति ठीक ही हो जाए, क्योंकि यह बीमारी कब किस व्यक्ति को गंभीर रूप से ग्रसित कर दे, कुछ कहा नहीं जा सकता. राजधानी भोपाल में भी अब तक 503 संक्रमितों की मृत्यु हो चुकी है. कई परिवारों ने अपनों को लापरवाही के चलते ही खोया है. अपने परिवार के सदस्यों को खोने का जो दुख होता है, वह बयां नहीं किया जा सकता, और ऐसे लोग अन्य लोगों को यही सलाह दे रहे हैं, कि लापरवाही ना बरतें.

जिन्होंने खोया अपनों को, उनकी सुनें

प्रियंका रजक जिनकी मां की मौत कोविड 19 के कारण हुई है. वह कहती हैं कि मेरी मां संतोष रजक कोरोना से जंग नहीं जीत पाई. इसका कारण यह है कि इस बीमारी का अब तक इलाज नहीं आ पाया है. यदि हम नियमित दूरी और सतर्कता बरततें हैं, मास्क पहनते हैं, और हाथों को सेनेटाइज करते हैं, तो ठीक है. लेकिन यदि कहीं भीड़-भाड़ वाले स्थान पर जाने से, मास्क न पहनने से और हाथ सेनेटाइज न करने से यह बीमारी जानलेवा साबित हो सकती है. प्रियंका कहतीं हैं परिवार के सदस्य के जाने का दुख बहुत बड़ा होता है. मैंने इस बीमारी से अपनी मां को खोया है, मेरी मां तो अब वापस नहीं आ सकती हैं, लेकिन मैं नहीं चाहती कि इस बीमारी के कारण कोई और किसी अपने को खोए. इसलिए मेरी सभी से यही अपील है, कि इस बीमारी को हल्के में न लें, जरूरी प्रोटोकॉल का पालन करें.

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कोविड 19 ने नवीन मालवीय के बड़े भाई को उनसे छीन लिया. नवीन के भाई सिर्फ 39 वर्ष के थे. नवीन ने बताया कि उनके भाई को लक्षण नहीं थे, लेकिन एक दिन अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी. जिसके बाद वह उन्हें शहर के जेपी अस्पताल लेकर गए, जहां से उन्हें हमीदिया अस्पताल रेफर कर दिया गया. और डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. मेरी लोगों से यही अपील है कि वह लापरवाही न बरतें, लक्षण होने पर टेस्ट करवाएं, और सही डॉक्टर से इलाज लें, वायरल बुखार समझ कर लापरवाही न करें.

Last Updated : Nov 22, 2020, 2:45 PM IST
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