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राहत का ये कैसा वादा, उपभोक्ताओं को मिल रहे बढ़े हुए बिजली के बिल - Bhopal Electricity Consumers

कोरोना काल में मध्य और निम्न वर्ग दोहरी मार झेल रहा है. बिजली कंपनियों की तरफ से थमाए रहे भारी भरकम बिलों से लोग परेशान हैं.

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बिजली बिल
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Published : Jun 30, 2020, 8:09 PM IST

भोपाल। कोरोना काल में उपभोक्ताओं को पहले की अपेक्षा 3 गुना ज्यादा तक बिल थमाए जा रहे हैं. बिजली बिल में सुधार कराने के लिए उपभोक्ता, बिजली विभाग के शिविरों में पहुंच रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि शिविर में भी उन्हें फौरी तौर पर राहत नहीं मिल रही है.

लोगों का छलका दर्द

बीरगंज क्षेत्र में रहने वाले दिलीप सिंह राजपूत के मुताबिक उनके घर का हर महीने बिल करीब 100 रूपए के आसपास ही आता था, लेकिन इस महीने उन्हें 15 सौ रुपए का बिजली बिल थमा दिया गया. इसको लेकर उन्होंने राहत शिविर में शिकायत की, लेकिन यहां भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. उन्हें बिजली बिल भरने के लिए कहा गया है. वे कहते हैं कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि परिवार का पेट भरे या बिजली बिल का भुगतान करें. दिलीप ऑटो चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं.

यही स्थिति शक्ति नगर में रहने वाले प्रेम सिंह की है वे कहते हैं कि उनका बिल करीब 7 रूपए आया है, जबकि पहले हर महीने मुश्किल से 2000 रुपए ही आता था. ये स्थिति तब है, जब उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में राहत देने की बात सरकार कह चुकी है और इसके लिए बिजली कंपनियों द्वारा राहत शिविर लगाए जा रहे हैं.

इन शिविरों में बड़ी संख्या में लोग राहत की उम्मीद लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन कितने उपभोक्ताओं के बिलों में कितनी राशि का सुधार किया जा रहा है इसकी जानकारी उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही है.

भोपाल। कोरोना काल में उपभोक्ताओं को पहले की अपेक्षा 3 गुना ज्यादा तक बिल थमाए जा रहे हैं. बिजली बिल में सुधार कराने के लिए उपभोक्ता, बिजली विभाग के शिविरों में पहुंच रहे हैं, लेकिन कोई समाधान नहीं हो पा रहा है. उपभोक्ताओं का कहना है कि शिविर में भी उन्हें फौरी तौर पर राहत नहीं मिल रही है.

लोगों का छलका दर्द

बीरगंज क्षेत्र में रहने वाले दिलीप सिंह राजपूत के मुताबिक उनके घर का हर महीने बिल करीब 100 रूपए के आसपास ही आता था, लेकिन इस महीने उन्हें 15 सौ रुपए का बिजली बिल थमा दिया गया. इसको लेकर उन्होंने राहत शिविर में शिकायत की, लेकिन यहां भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली. उन्हें बिजली बिल भरने के लिए कहा गया है. वे कहते हैं कि उन्हें समझ नहीं आ रहा कि परिवार का पेट भरे या बिजली बिल का भुगतान करें. दिलीप ऑटो चलाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं.

यही स्थिति शक्ति नगर में रहने वाले प्रेम सिंह की है वे कहते हैं कि उनका बिल करीब 7 रूपए आया है, जबकि पहले हर महीने मुश्किल से 2000 रुपए ही आता था. ये स्थिति तब है, जब उपभोक्ताओं को बिजली बिलों में राहत देने की बात सरकार कह चुकी है और इसके लिए बिजली कंपनियों द्वारा राहत शिविर लगाए जा रहे हैं.

इन शिविरों में बड़ी संख्या में लोग राहत की उम्मीद लिए पहुंच रहे हैं, लेकिन कितने उपभोक्ताओं के बिलों में कितनी राशि का सुधार किया जा रहा है इसकी जानकारी उपभोक्ताओं को नहीं मिल रही है.

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