भोपाल। कोरोना संक्रमण से आज हर व्यक्ति डरा हुआ हैं. इससे बचने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है कि वैक्सीनेशन हो जाए. सरकार भले ही 18 वर्ष से अधिक आयु वालों को टीका लगाने का दावा कर रही हों, लेकिन हकीकत इससे परे हैं.
परेशान हो रहे लोग
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होने से 18+ वाले लोग परेशान हो रहे हैं. ऑनलाइन पंजीयन न होने के कारण स्वास्थ्यकर्मी चाह कर भी 45 वर्ष से कम उम्र वाले लोगों को टीका नहीं लगा पा रहे हैं, क्योंकि बचे हुए डोज से अगर उन्हें टीका लगा भी दिया जाए, तो ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के अभाव में उनको टीका लगने का मैसेज नहीं आएगा और न ही उन्हें ऑनलाइन सर्टिफिकेट जारी हो पाएगा.
राजधानी में टीकाकरण का काम शुरू हो गया हैं. लोगों को टीका लगने भी लगा हैं, लेकिन दूसरे डोज के लिए अभी केवल 45 साल या उससे अधिक वाले लोगों को ही प्राथमिकता दी जा रही हैं. हालात ऐसे है कि अभी भी 45 वर्ष या उससे अधिक उम्र वाले लोग पहले टीकाकरण के लिए अप्लाई कर रहे हैं. ऐसे में 18 से 44 साल तक के लोगों को कब तक टीका लग पाएगा, यह कहना मुश्किल हैं.
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अभी हाल में ही कटारा क्षेत्र में रहने वाली ज्योति साहू को अरवलिया गांव स्थित आंगनबाड़ी टीकाकरण केंद्र दिया गया था, जो उनके घर से लगभग 42 किलोमीटर दूर हैं. ऐसे में उन्हें आने-जाने में लगभग 80 किलोमीटर से अधिक का सफर तय करना पड़ा. कोरोना कर्फ्यू के चलते जहां प्रशासन एक ओर लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने की हिदायत दे रहा हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उन्हें इतने दूर सेंटर दिया जा रहा हैं.
भोपाल के रहने वाले राहुल मालवीय ने बताया कि वह लगातार एक तारीख से ऑनलाइन पंजीयन के लिए प्रयास कर रहे हैं, पर वह जब भी प्रयास करते हैं, तो या तो सेंटर के नाम नहीं आते हैं या फिर स्लॉट फुल बताया जाता हैं. वहीं रोहन अग्रवाल ने बताया कि वह भी काफी समय से प्रयास कर रहे हैं. रजिस्ट्रेशन न हो पाने के कारण अपना आधार कार्ड लेकर टीकाकरण केंद्र पहुंचे थे, लेकिन यहां अधिकारियों ने उन्हें बिना ऑनलाइन पंजीयन के टीका लगाने से मना कर दिया. वहीं रोहन ने बताया कि अगर यहां टीका नहीं लगता है, तो वह प्राइवेट संस्थान से टीका लगवाने का प्रयास करेंगे.