भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए जहां दिग्गज दावेदार तो लाइन में हैं ही साथ में प्रदेश के आदिवासी नेता भी दावेदारी ठोक रहे हैं. इस दावेदारी को लेकर आदिवासी नेताओं का मानना है कि विधानसभा चुनाव में आदिवासियों ने कांग्रेस पर भरोसा जताया और आदिवासी बहुल 47 में से 31 सीटें कांग्रेस की झोली में डाली. इसलिए प्रदेश अध्यक्ष पद की कमान किसी आदिवासी नेता को ही सौंपी जाना चाहिए, ताकि आदिवासियों का कांग्रेस पर भरोसा कायम रहे.
पद एक दावेदार अनेक
प्रदेश अध्यक्ष पद की दौड़ में कमलनाथ सरकार के आदिवासी मंत्री उमंग सिंघार, बाला बच्चन और ओमकार सिंह मरकाम भी हैं. इसके अलावा वरिष्ठ विधायक बिसाहू लाल सिंह सभी 31 विधायकों और पूर्व आदिवासी विधायकों के समर्थन का दावा कर अध्यक्ष पद पर अपनी ताजपोशी की मांग कर रहे हैं. हालांकि दावेदारी से दूर वरिष्ठ आदिवासी विधायक फुंदेलाल मार्को का कहना है कि प्रदेश और देश के वरिष्ठ नेता जिसका नाम तय करेंगे, वह हमारा नेता होगा और हम उसके नेतृत्व में काम करेंगे.
कमजोर हुई उमंग सिंघार की दावेदारी
इस दावेदारी को लेकर शुरूआत से ही यह माना जा रहा था कि कमलनाथ के बाद कोई आदिवासी नेता प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाएगा. कमलनाथ सरकार के गृहमंत्री बाला बच्चन का नाम इस सूची में सबसे ऊपर था. इसके बाद सिंधिया खेमे से वन मंत्री उमंग सिंघार की दावेदारी ने जोर पकड़ा. लेकिन दिग्विजय खेमे को पछाड़ने की कोशिश में उमंग सिंघार ने जो बयान दिये उससे अध्यक्ष पद से उनकी दावेदारी कमजोर हो गई.
आदिवासी विधायक बिसाहू लाल सिंह ठोक रहे दावेदारी
आदिवासी कल्याण मंत्री ओमकार सिंह मरकाम का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के दावेदारों के रूप में सामने आ रहा है. साथ ही मंत्री ना बनाए जाने से दुखी चल रहे पांच बार के विधायक बिसाहू लाल सिंह ने भी सभी 31 आदिवासी विधायकों के समर्थन का दावा कर अध्यक्ष पद पर दावेदारी ठोकी थी. लेकिन फिलहाल परिस्थितियां उलझी हुई नजर आ रही हैं. दूसरी तरफ दिग्गजों में प्रदेश अध्यक्ष पद को लेकर घमासान चल रहा है.
मध्य प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी विधायक फुंदेलाल मार्को का कहना है कि इस विषय में आप हमारे वरिष्ठों से जानकारी ले सकेंगे, इसके बारे में मैं कुछ ज्यादा नहीं कह पाऊंगा. हमारी सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रदेश और देश के वरिष्ठ गण जो निर्णय लेंगे, वह जिनको बनाएंगे वह हमारा नेता होगा और हमारा नेतृत्व करेगा.