भोपाल। मध्यप्रदेश में बाढ़ से हाहाकार मचा हुआ है. मंदसौर और नीमच के बाढ़ प्रभावितों को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मुआवजा देने की मांग की है, जिस पर सूबे की सियासत गरमा गई है. कमलनाथ के मंत्री पीसी शर्मा ने शिवराज सिंह पर पलटवार करते हुए कहा कि केंद्र की सरकार ने मध्यप्रदेश को दी जाने वाली करोड़ों की राशि रोक रखी है.
मंत्री पीसी शर्मा ने आरोप लगाया कि शिवराज सिंह दोहरी नीति अपनाकर किसानों और बाढ़ पीड़ितों से सहानुभूति लेना चाहते हैं, जबकि केंद्र केंद्र सरकार, प्रदेश सरकार के हिस्से का फंड रोककर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार थी और केंद्र में कांग्रेस की तो शिवराज दिल्ली में धरना देते थे और आज केंद्र सरकार के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहे.
पीसी शर्मा ने आरोप लगाते हुए कहा कि एक तरफ वे मध्यप्रदेश के लिए केंद्र सरकार से मिलने वाला फंड रुकवा रहे हैं और दूसरी तरफ धरने की बात कह रहे हैं. अगर शिवराज सिंह धरना देते हैं तो कांग्रेस उनके घर जाकर धरने पर बैठेगी.
पीसी शर्मा ने दावा किया है कि केंद्र सरकार ने भावांतर योजना के 117 करोड़, केंद्रीय योजनाओं के 6500 करोड़, गेहूं खरीदी के 1500 करोड़, सेंट्रल रोड फंड के 498 करोड़ नल जल योजना के 558 करोड़ रुपए राज्य सरकार के कोटे के रोक रखे हैं. शिवराज सिंह पर लग रहे आरोपों पर पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी पलटवा किया.
नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सरकार अपनी गलती छिपाने के लिए इस तरह के आरोप लगा रही है. मंदसौर और नीमच में जो आपदा आई है वो आसमानी नहीं सुल्तानी है. सरकार की लापरवाही से आपदा आई है. शासन और प्रशासन की लापरवाही से दोनों जिलों में यह स्थिति बनी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ अब तक किसानों के बीच नहीं गए.