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आपके बच्चे हो सकते हैं ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार, MP साइबर सेल ने जारी की एडवाइजरी, प्ले स्टोर पर रखें पेरेंटल कंट्रोल - पेरेंटल कंट्रोल कैसे करें

एमपी में ऑनलाइन फ्रॉड को देखते हुए साइबर सेल ने माता-पिता के लिए एक एडवाइजरी जारी की है. इसमें माता पिता को बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखने और उन्हें ऑनलाइन गेम्स से दूर रहने के लिए कहा गया है.

mp online fraud
एमपी ऑनलाइन फ्रॉड
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Published : Sep 2, 2021, 9:43 AM IST

Updated : Sep 2, 2021, 10:50 AM IST

भोपाल। लगातार बढ़ रहे साइबर फ्रॉड (Cyber fraud in MP) और ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) को देखते हुए मध्य प्रदेश साइबर सेल (Cyber Cell MP) ने एडवाइजरी (Online Fraud Advisory) जारी की है. यह एडवाइजरी बच्चों के ऑनलाइन गेम्स (Online Games) खेलने के कारण माता-पिता को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जारी की गई है. एडवाइजरी जारी करते हुए अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक (Additional Director General of Police MP) योगेश चौधरी ने बताया कि पैरेंट्स को बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी (Children Online Activity) पर नजर रखनी चाहिए, ताकि उनके साथ होने वाले फ्रॉड से बचा जा सके. हो सके तो बच्चों को ऑनलाइन गेम्स से दूर रखें.

ऑनलाइन गेम्स से हो रहे फ्रॉड
योगेश चौधरी ने कहा कि गेम्स खेलने के लिए अधिकतर बच्चे खुद के मोबाइल की जिद करते हैं. इसके साथ ही माता-पिता के मोबाइल से भी गेम खेलते हैं. इन गेम्स में अगले लेवल पर जाने के लिए, कोई अवतार, हथियार या ड्रेस खरीदने के लिए ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) करनी होती है. ऐसे में बच्चे अपने माता-पिता के ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) या डेबिट, क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर देते हैं. बाद में पेरेंट्स को ठगी होने का पता चलता है.

माता-पिता इन बातों का रखें ध्यान

  • बच्चों को हो सके तो मोबाइल न दें.
  • यदि ऑनलाइन क्लासेस (Online Classes) के लिए मोबाइल दें भी तो, उन्हें बिना सिम कार्ड के मोबाइल दें.
  • बच्चों को वाई-फाई से इंटरनेट इस्तेमाल करने दें. बाजार में ऐसे टेबलेट उपलब्ध हैं, जिनमें सिम नहीं लगती.
  • ‌बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें.
  • परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर (Play store) पर पेरेंटल कंट्रोल (Parental Control) ऑन करें.
  • माता-पिता अपने मोबाइल बच्चों को न दें.
  • मोबाइल का पासवर्ड बच्चों को न बताएं. खासकर तब जब आपके बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नंबर की ही सिम मोबाइल सेट में उपयोग हो रही हो.
  • बच्चों को हर तरह के ट्रांजेक्शन (Online Transaction) करने की छूट न दें और न ही उनसे बिल, रीचार्ज या अन्य पेमेंट करने को कहें.

फ्रॉड होने पर ऐसे करें शिकायत
ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड गेम्स के जरिए हो रहे हैं. अगर आपके खाते से अचानक पैसे कटते हैं और उसका मैसेज आपके मोबाइल में न आए तो पहले बच्चों व परिवार से पैसे कटने का कारण पूछें. यदि उनके द्वारा ट्रांजेक्शन नहीं किया गया है तो इसकी शिकायत थाने में, www.cybercrime.gov.in पर या टोल फ्री नंबर 155260 पर करें.

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पेमेंट मोड में सेव कर रहे बच्चे बैंक डिटेल
बच्चे की बार कार्ड और बैंक की डिटेल्स पेमेंट मोड में सेव कर देते हैं. जब अगली बार उन्हें पेमेंट करने की जरूरत होती है तो ओटीपी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आता है. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से ही अगर बच्चा गेम खेल रहा है तो फोन ऑटोमेटिक ओटीपी को कैप्चर (Automatic OTP Capture) कर लेता है और ट्रांजेक्शन हो जाता है. जब तक माता-पिता को खबर लगती है, तब तक नुकसान हो गया होता है.

भोपाल। लगातार बढ़ रहे साइबर फ्रॉड (Cyber fraud in MP) और ऑनलाइन ठगी (Online Fraud) को देखते हुए मध्य प्रदेश साइबर सेल (Cyber Cell MP) ने एडवाइजरी (Online Fraud Advisory) जारी की है. यह एडवाइजरी बच्चों के ऑनलाइन गेम्स (Online Games) खेलने के कारण माता-पिता को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए जारी की गई है. एडवाइजरी जारी करते हुए अतिरिक्‍त पुलिस महानिदेशक (Additional Director General of Police MP) योगेश चौधरी ने बताया कि पैरेंट्स को बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी (Children Online Activity) पर नजर रखनी चाहिए, ताकि उनके साथ होने वाले फ्रॉड से बचा जा सके. हो सके तो बच्चों को ऑनलाइन गेम्स से दूर रखें.

ऑनलाइन गेम्स से हो रहे फ्रॉड
योगेश चौधरी ने कहा कि गेम्स खेलने के लिए अधिकतर बच्चे खुद के मोबाइल की जिद करते हैं. इसके साथ ही माता-पिता के मोबाइल से भी गेम खेलते हैं. इन गेम्स में अगले लेवल पर जाने के लिए, कोई अवतार, हथियार या ड्रेस खरीदने के लिए ऑनलाइन पेमेंट (Online Payment) करनी होती है. ऐसे में बच्चे अपने माता-पिता के ऑनलाइन बैंकिंग (Online Banking) या डेबिट, क्रेडिट कार्ड से पेमेंट कर देते हैं. बाद में पेरेंट्स को ठगी होने का पता चलता है.

माता-पिता इन बातों का रखें ध्यान

  • बच्चों को हो सके तो मोबाइल न दें.
  • यदि ऑनलाइन क्लासेस (Online Classes) के लिए मोबाइल दें भी तो, उन्हें बिना सिम कार्ड के मोबाइल दें.
  • बच्चों को वाई-फाई से इंटरनेट इस्तेमाल करने दें. बाजार में ऐसे टेबलेट उपलब्ध हैं, जिनमें सिम नहीं लगती.
  • ‌बच्चों की ऑनलाइन एक्टिविटी पर नजर रखें.
  • परिवार के सभी सदस्यों के मोबाइल में प्ले स्टोर (Play store) पर पेरेंटल कंट्रोल (Parental Control) ऑन करें.
  • माता-पिता अपने मोबाइल बच्चों को न दें.
  • मोबाइल का पासवर्ड बच्चों को न बताएं. खासकर तब जब आपके बैंक खाते में जुड़े मोबाइल नंबर की ही सिम मोबाइल सेट में उपयोग हो रही हो.
  • बच्चों को हर तरह के ट्रांजेक्शन (Online Transaction) करने की छूट न दें और न ही उनसे बिल, रीचार्ज या अन्य पेमेंट करने को कहें.

फ्रॉड होने पर ऐसे करें शिकायत
ज्यादातर ऑनलाइन फ्रॉड गेम्स के जरिए हो रहे हैं. अगर आपके खाते से अचानक पैसे कटते हैं और उसका मैसेज आपके मोबाइल में न आए तो पहले बच्चों व परिवार से पैसे कटने का कारण पूछें. यदि उनके द्वारा ट्रांजेक्शन नहीं किया गया है तो इसकी शिकायत थाने में, www.cybercrime.gov.in पर या टोल फ्री नंबर 155260 पर करें.

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पेमेंट मोड में सेव कर रहे बच्चे बैंक डिटेल
बच्चे की बार कार्ड और बैंक की डिटेल्स पेमेंट मोड में सेव कर देते हैं. जब अगली बार उन्हें पेमेंट करने की जरूरत होती है तो ओटीपी रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आता है. रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से ही अगर बच्चा गेम खेल रहा है तो फोन ऑटोमेटिक ओटीपी को कैप्चर (Automatic OTP Capture) कर लेता है और ट्रांजेक्शन हो जाता है. जब तक माता-पिता को खबर लगती है, तब तक नुकसान हो गया होता है.

Last Updated : Sep 2, 2021, 10:50 AM IST
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