भोपाल। कोरोना संक्रमण महामारी ने जहां एक तरफ पूरे देश को अपने घरों में कैद कर दिया है. तो वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनके हाथों का हुनर पर्दे पर नजर आया है. ऐसी ही एक कहानी है हैयरकट सैलून चलाने वाले हेमंत की जिनके अंदर का कलाकार कई सालों बाद बाहर आया. जब लॉकडाउन के दौरान उनकी रोजी-रोटी के रास्ते पर ताला लगा तो उनके अंदर के कलाकार ने अपनी कला को एक नया रंग रूप और चेहरा दिया.
दरअसल, यह कहानी है हेमंत की जो रोजी-रोटी के लिए एक हैयरकट सैलून की दुकान चलाते हैं. जबकि उनका शौक पेंटिंग करना था, लेकिन शायद दुनिया की इस भाग दौड़ में हेमंत को कभी अपनी कला को निखारने का मौका ही नहीं मिला. हाथ तो चलते थे, लेकिन अपनी रोजी-रोटी के लिए सैलून में कैंची चलाया करते थे, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते लॉकडाउन में उनकी दुकान का शटर भी डाउन हो गया और कैंची चलाने वाले इस हेमंत के हाथों में पेंटिंग ब्रश आ गया.
हेमंत का कहना है कि पहले 21 दिन के लॉकडाउन के दौरान उन्होंने एक पेंटिंग बनाई और पेंटिंग के जरिए यह दिखाया कि, कैसे संपूर्ण लॉकडाउन के दौरान बालकनी में बैठकर अपनी जिंदगी के उन हसीन पलों को एक किताब के दो पन्नों पर लिखा जा रहा है. इसके साथ ही हेमंत ने लॉकडाउन के दौरान कई अन्य पेंटिंग्स भी बनाई है, क्योंकि इस दौरान उनके पास कोई काम नहीं था और अपनी कला को निखारते हुए ढेर सारी पेंटिंग्स बनाई.
इसके साथ ही हेमंत ने एक पेंटिंग के द्वारा संक्रमण को जल्द ही खत्म करने के लिए एक बच्चा और उसकी मां भगवान से पूजा अर्चना कर प्रार्थना करते हुए भी नजर आ रहे हैं. हेमंत की इन पेंटिंग्स को देखकर आप समझ सकते हैं कि, लॉकडाउन के दौरान देशभर में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं. जिन्होंने घर में रहकर कुछ नया सीखा है और हेमंत की पेंटिंग्स भी उसी का एक उदाहरण है.