भोपाल। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने सभी मेडिकल कॉलेजों से संबंधित अस्पतालों की ओपीडी का समय बदलने का फरमान जारी किया था. जिसे लेकर मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन लगातार विरोध कर रहा है. मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन का कहना है कि मेडिकल कॉलेज न केवल शासकीय अस्पताल है, बल्कि यहां पर मरीजों के इलाज के साथ-साथ मेडिकल स्टूडेंट्स को पढ़ाना भी पड़ता है.
मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन के सचिव डॉ राकेश मालवीय ने इस विरोध का कारण बताते हुए कहा कि ओपीडी का समय बहुत सही चल रहा है. सुबह 8.30 से दोपहर 1.30 बजे तक हम ओपीडी चलाते हैं. लेकिन अब ओपीडी का समय 8 बजे से 3 बजे तक कर देना सही नहीं है. विभाग के अधिकारी शायद यह भूल गए हैं कि यह कोई प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र या जिला अस्पताल नहीं है. 1.30 बजे से हम पोस्ट ग्रेजुएशन के स्टूडेंट्स को पढ़ाते हैं फिर शाम को हमें राउंड पर जाना होता है. इस तरह के गलत आदेश देना और वो एमसीआई का गलत रिफरेंस देना सही नहीं है. एमसीआई की गाइड लाइन में ओपीडी के समय को लेकर कोई दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं.
डॉ राकेश मालवीय ने कहा कि यह भी आदेश दिया गया है कि हम रविवार और शासकीय छुट्टी के दिन भी ओपीडी को चालू रखें. जबकि प्रदेश के सभी कर्मचारियों और अधिकारियों को रविवार-शनिवार की छुट्टी मिलती है. हम अधिकारियों से यह जानना चाहते हैं कि यदि हमें किसी दिन की छुट्टी नहीं दी जा रही है, तो क्या हम अपने परिवार को यह कह दें कि हमसे मिलना है तो ओपीडी में आकर मिलें. डॉ राकेश मालवीय ने इसको लेकर एक व्यक्ति कि मांग की है जो परिवार की जिम्मेदारी उठाए, तभी 24 घंटे में ओपीडी रखने के लिए तैयार हैं. यह आदेश असंवैधानिक और असंवेदनशील है. हालांकि मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन को चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से उम्मीद है कि वह इस आदेश को गलत समझकर इसे निरस्त कर देंगे.