भोपाल। महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च यानि कल मनाया जाएगा. यह दिन भगवान शिव को मनाने और उनकी कृपा पाने के लिए बहुत जरुरी माना जाता है. इस दिन व्रत और विशेष पूजा भी की जाती है. व्रत रखने के दौरान किन बातों का ध्यान रखे, कौन -कौन सी साम्रागी पूजन के लिए इस्तेमाल करे .इन सभी सवालों के जवाब दिए ईटीवी भारत की विशेष चर्चा में महाकाल मंदिर के महेश पुजारी ने.
सवाल : महाशिवरात्रि क्यों मनाई जाती है ?
जवाब:(महेश पुजारी):भगवान शिव का यह पर्व है और उसे विवाह के रूप में मनाया जाता है. शिव आदि और आनादि देवता हैं. शिवरात्रि के दिन रात 12 से 4 बजे तक पूजा करने का महत्व माना जाता है.
सवाल: धार्मिक मान्यताओं के अनुसार शिवलिंग पर जलाभिषेक करने का सही तरीका क्या है ?
जवाब:(महेश पुजारी):भागवान शिव को जल बहुत प्रिय है. अगर जल की धारा भगवान शिव के मस्तिष्क पर डाला जाता है. तो उनको शितलता मिलती है. भगवान को जल, बेल पत्र और बेर का प्रसाद देने की परंपरा है.
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सवाल: ऐसी मनाएताएं हैं कि भगवान शिव केवल एक लोटा जल और बेल पत्र अर्पित करने से ही प्रसन्न हो जाते हैं ?
जवाब:(महेश पुजारी):भगवान शिव को जल बहुत प्रिय है. अगर किसी के पास जल नहीं भी होता है. तो हमारे पास एक स्त्रोत होता है. हिम जल, उससे भी भक्त जल आर्पित कर सकते हैं. 5 श्लोकों के साथ भक्त भगवान को चढ़ावा चढ़ा सकते हैं.
सवाल: कोरोना काल में भगवान शिव के दर्शन के लिए मंदिर प्रशासन ने क्या व्यवस्था की है ?
जवाब:(महेश पुजारी): करीब 25 हजार भक्तों के दर्शन की व्यवस्था की गई है. कोरोना महामारी के कारण भक्तों की संख्या को सीमित किया गया है. कल सुबह से ही भक्त महाकाल के दर्शन कर सकेंगे. करीब 48 घंटे का समय निर्धारित किया गया महाकाल के दर्शन के लिए, कल सुबह 2.30 बजे द्वार खुलने के बाद 4.30 बजे भस्म आरती होगी. उसके बाद रात 11 बजे तक महाकाल के दर्शन किए जा सकते हैं.
सवाल: शिवरात्रि के दिन ऐसे कौन से कार्य हैं, जो भूलकर भी नहीं करने चाहिए ?
जवाब:(महेश पुजारी): इस दिन जो व्यक्ति शिवनिंदा करता है. उसे भी ऐसे कार्य नहीं करने चाहिए. इस दिन किसी से लड़ाई, झगड़ा या झूठ भी नहीं बोलना चाहिए.
सवाल: इस दिन भगना रंग पहनने की परंपरा भी है. क्या मान्यता है इसकी ?
जवाब:(महेश पुजारी): सनातन धर्म के अनुसार भगवा रंग धारण करने से मन साफ रहता है.