भोपाल। राज्यपाल लालजी टंडन की पहल पर राजभवन और विश्वविद्यालयों ने जरूरतमंदों की मदद के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया है. गवर्नर के निर्देशों के पालन में राजभवन और प्रदेश के विश्वविद्यालय आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रहे है. सोशल डिस्टेंसिंग के मापदंडों का पालन करते हुए शैक्षणिक और अन्य प्रशासनिक गतिविधियों का संचालन प्रभावी तरीके से किया जा रहा है.
सचिव राज्यपाल मनोहर दुबे ने जानकारी दी है कि, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से एकीकृत विश्वविद्यालय प्रबंधन सॉफ्टवेयर के निर्माण कार्य की समीक्षा की गई है. प्रदेश के विश्वविद्यालयों को राज्यपाल द्वारा निर्देशित किया गया है कि, आईसीटी का उपयोग करते हुए छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों का प्रभावी संचालन किया जाए.
विश्वविद्यालय कोरोना वायरस संकट के दौरान घर पर ही रहते हुए छात्र-छात्राओं से शैक्षणिक कार्य करा रहे हैं. साथ ही प्रशासनिक कार्य भी कर रहे हैं. जीवाजी विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा कार्य परिषद की कार्रवाई को किया गया. वहीं 2020-21 के बजट अनुमोदन की कार्यवाही की गई.
राज्यपाल ने की कुलपतियों से बजट पर चर्चा
बैठक में कुलपति सहित सभी सदस्यों ने अपने आवास से ही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के द्वारा बजट पर चर्चा कर, अनुमोदन की कार्यवाही की. विभिन्न विश्वविद्यालय के कुलपतियों द्वारा कोरोना वायरस संकट के दौरान सामाजिक दायित्वों में भी सक्रिय सहयोग किया जा रहा है. अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा द्वारा छात्र-छात्राओं की मदद के लिए वेबसाइट पर हेल्पलाइन का संचालन किया गया है. लॉकडाऊन के दौरान प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में रह रहे छात्र-छात्राओं द्वारा हेल्पलाइन पर संपर्क किया जा सकता है.
विश्वविद्यालय द्वारा परिसर और आसपास रहने वाले श्रमिकों के लिए नि:शुल्क भोजन की व्यवस्था भी की गई है. साथ ही रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर द्वारा सैनिटाइजर और मास्क का नि:शुल्क वितरण किया जा रहा है. गरीब और वंचित वर्गों को भोजन का वितरण किया जा रहा है.