भोपाल। पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation in Panchayat elections) पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब शिवराज सरकार ने ओबीसी वर्ग की जनगणना शुरू की है. मतदाताओं की सूची को तैयार करने के लिए पंचायत सचिव, रोजगार सहायक एवं पटवारी को काम पर लगाया गया है.
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7 जनवरी से पहले शासन को देनी होगी जानकारी
पंचायतों में ओबीसी आरक्षण खत्म किए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद शिवराज सरकार प्रदेश में ओबीसी वर्ग को साधने के लिए मैदान में आ गई है. पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या (Backward Class Voters) पता लगाने की कोशिश सरकार ने शुरू कर दी है, जिससे न्यायालय में ओबीसी वर्ग के आरक्षण को लेकर पक्ष रखे जा सकें. पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव द्वारा सभी कलेक्टरों को लिखे गए पत्र में पंचायती इकाईवार पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की जानकारी एकत्र करने के लिए निर्देशित किया गया है. यह जानकारी 10 दिन में तैयार कर 7 जनवरी के पहले शासन को जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं.
विभाग ने कहा है कि पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग को ग्राम पंचायत के पंचायत सचिव के जरिए पिछड़ा वर्ग में शामिल जातियों की सूची चाहिए. इस सूची को तैयार करने के लिए पंचायत सचिव, रोजगार सहायक एवं पटवारी की सेवाएं लेने के लिए निर्देश दिए गए हैं. वार्ड वार, पंचायत वार मतदाताओं की प्रतिशत निकालकर अलग-अलग प्रपत्र भेजने के लिए भी कहा गया है. आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायतों के चुनाव में ओबीसी को दिए गए आरक्षण खत्म किए जाने के बाद वोट बैंक साधने के लिए राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर कर चुकी है और विधानसभा में भी ओबीसी वर्ग के आरक्षण बगैर चुनाव न कराने को लेकर अशासकीय संकल्प पारित किया जा चुका है.