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अब सेटेलाइट से भी होगा फसलों का सर्वे, नुकसान होने पर किसानों को जल्दी मिलेगी बीमा की राशि

मध्य प्रदेश में अब फसलों के सर्वे (Crop Survey) और किसानों (Farmers) को होने वाले नुकसान के भौतिक सत्यापन (Physical Verification) के साथ ही सेटेलाइट सर्वे (Satellite Survey) भी किया जाएगा. कृषि मंत्री (Agriculture Minister) कमल पटेल (Kamal Patel) ने कहा कि इससे किसानों को नुकसान होने पर जल्दी और अधिकतम सीमा तक राहत राशि मिल सकेगी.

Now survey of crops will also be done by satellite
अब सेटेलाइट से भी होगा फसलों का सर्वे
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Published : Jun 24, 2021, 7:12 PM IST

भोपाल। बारिश और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हर साल खराब होने वाली फसलों के सर्वे (Crop Survey) के लिए अब मध्य प्रदेश का कृषि विभाग टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करेगा. खराब हुई फसलों के भौतिक सत्यापन (Physical Verification) में देरी से किसानों को आर्थिक सहायता मिलने में देरी होती थी. किसानों को तत्काल आर्थिक सहायता के लिए अब कृषि विभाग प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान का सेटेलाइट से सर्वे (Satellite Survey) करवाएगा.

कृषि को आधुनिक बनाने की कोशिश

इसके लिए कृषि विभाग अब टेंडर निकाल रहा है. विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री (Agriculture Minister) कमल पटेल (Kamal Patel) ने बताया कि खेती को आधुनिक बनाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में अब फसलों की बुवाई से लेकर फसलों के कटने तक भौतिक सर्वे (Physical Verification) के साथ ही सेटेलाइट सर्वे भी किया जाएगा. अभी तक राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मदद से सर्वे का काम होता था. ये कर्मचारी बीज बोने से लेकर फसलों का सर्वे (Crop Survey), कितने हेक्टेयर में कौन सी फसल की बोवनी हुई है, कहां पर बारिश के बाद नुकसान देखने को मिला है, कितने क्षेत्र में फसल कट गई है और कितना उत्पादन हुआ है जैसे तमाम सर्वे करते थे.

अब सेटेलाइट से भी होगा फसलों का सर्वे

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भौतिक के साथ ही सेटेलाइट सर्वे

कृषि विभाग अब इन कामों में तेजी लाने के लिए टेक्नोलॉजी की मदद से सेटेलाइट सर्वे (Satellite Survey) करवाएगा. इससे कम समय में ज्यादा जानकारी मिलेगी. साथ ही किसी भी प्रकार से किसानों (Farmers) की फसलों का नुकसान होने पर उन्हें तत्काल राजस्व विभाग की तरफ से प्रारंभिक सहायता राशि दी जा सकेगी, साथ ही बची हुआ राशि फसल बीमा के जरिए दिलाई जा सकेगी.

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जल्दी और अधिकतम सीमा तक राहत राशि मिलेगी

अभी तक बारिश से फसल के प्रभावित होने पर किसानों को राजस्व और कृषि विभाग की ओर से अलग-अलग सहायता राशि दिलाई जाती है. इस दौरान 4 क्रॉप कटिंग होती है. इसमें से दो कृषि विभाग और दो राजस्व विभाग करता है. चारों के औसत के आधार पर किसानों को फसल बीमा का लाभ मिलता है. इससे फसल बीमा मिलने में समय लग जाता है. कृषि विभाग का दावा है कि प्रस्तावित मॉडल से किसानों (Farmers) को फसल खराब होने पर जल्दी और अधिकतम सीमा तक राहत दिलाई जा सकेगी.

भोपाल। बारिश और ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं से हर साल खराब होने वाली फसलों के सर्वे (Crop Survey) के लिए अब मध्य प्रदेश का कृषि विभाग टेक्नोलॉजी का भी इस्तेमाल करेगा. खराब हुई फसलों के भौतिक सत्यापन (Physical Verification) में देरी से किसानों को आर्थिक सहायता मिलने में देरी होती थी. किसानों को तत्काल आर्थिक सहायता के लिए अब कृषि विभाग प्राकृतिक आपदाओं से फसलों को होने वाले नुकसान का सेटेलाइट से सर्वे (Satellite Survey) करवाएगा.

कृषि को आधुनिक बनाने की कोशिश

इसके लिए कृषि विभाग अब टेंडर निकाल रहा है. विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक के बाद कृषि मंत्री (Agriculture Minister) कमल पटेल (Kamal Patel) ने बताया कि खेती को आधुनिक बनाने की कोशिश की जा रही है. ऐसे में अब फसलों की बुवाई से लेकर फसलों के कटने तक भौतिक सर्वे (Physical Verification) के साथ ही सेटेलाइट सर्वे भी किया जाएगा. अभी तक राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मदद से सर्वे का काम होता था. ये कर्मचारी बीज बोने से लेकर फसलों का सर्वे (Crop Survey), कितने हेक्टेयर में कौन सी फसल की बोवनी हुई है, कहां पर बारिश के बाद नुकसान देखने को मिला है, कितने क्षेत्र में फसल कट गई है और कितना उत्पादन हुआ है जैसे तमाम सर्वे करते थे.

अब सेटेलाइट से भी होगा फसलों का सर्वे

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भौतिक के साथ ही सेटेलाइट सर्वे

कृषि विभाग अब इन कामों में तेजी लाने के लिए टेक्नोलॉजी की मदद से सेटेलाइट सर्वे (Satellite Survey) करवाएगा. इससे कम समय में ज्यादा जानकारी मिलेगी. साथ ही किसी भी प्रकार से किसानों (Farmers) की फसलों का नुकसान होने पर उन्हें तत्काल राजस्व विभाग की तरफ से प्रारंभिक सहायता राशि दी जा सकेगी, साथ ही बची हुआ राशि फसल बीमा के जरिए दिलाई जा सकेगी.

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जल्दी और अधिकतम सीमा तक राहत राशि मिलेगी

अभी तक बारिश से फसल के प्रभावित होने पर किसानों को राजस्व और कृषि विभाग की ओर से अलग-अलग सहायता राशि दिलाई जाती है. इस दौरान 4 क्रॉप कटिंग होती है. इसमें से दो कृषि विभाग और दो राजस्व विभाग करता है. चारों के औसत के आधार पर किसानों को फसल बीमा का लाभ मिलता है. इससे फसल बीमा मिलने में समय लग जाता है. कृषि विभाग का दावा है कि प्रस्तावित मॉडल से किसानों (Farmers) को फसल खराब होने पर जल्दी और अधिकतम सीमा तक राहत दिलाई जा सकेगी.

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