भोपाल। खटलापुरा घाट पर विसर्जन के दौरान हुए हादसे में जब युवक अपनी जान बचाने के लिए आवाज लगा रहे थे और हाथ पैर पानी में मार रहे थे. तब एक शख्स फरिश्ता बनकर नाव से वहां पहुंचा और अपनी जान जोखिम में डालकर करीब आठ लोगों को मौत के मुंह से खींच लाया. इस शख्स का नाम है नितिन बाथम, जिसे कलेक्टर ने सम्मानित किया है.
कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े, डीआईजी इरशाद वली, नगर निगम कमिश्नर विजय दत्ता ने नितिन बाथम को शॉल-श्रीफल और 50 हजार रुपए का चेक देकर उनकी बहादुरी का सम्मान किया. साथ ही कलेक्टर ने नितिन को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है.
नितिन बाथम एक गरीब परिवार से हैं. जो घर-परिवार का खर्चा चलाने के लिए मछली खरीदकर बेचता है. परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी, दो बच्चियां, मां और एक छोटा भाई है. ये सभी नितिन की कमाई पर ही निर्भर हैं.
सम्मान मिलने के बाद ईटीवी भारत को नितिन बाथम ने बताया कि जिस वक्त हादसा हुआ था, वह वहीं पर मौजूद थे. जैसे ही उन्हें युवक डूबते हुए दिखे, तुरंत नाव से वहां पहुंच गये और जितने लोगों की जान बचा सकते थे बचा लिए. इस दौरान उसके रिश्तेदारों ने भी लोगों की जान बचाने में उसकी मदद की.