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मौत की कश्ती से आठ लोगों को बचाने वाले नितिन बाथम की बहादुरी को मिला सम्मान

भोपाल नाव हादसे में 11 लोग मौत के मुंह में समा गये, घटना के वक्त नितिन बाथम पास में ही मौजूद थे, जिन्होंने डूबते लोगों को बचाने के लिए जान जोखिम में डाल आठ लोगों को मौत के मुंह से खींच लाये, जिस पर उन्हें सम्मानित किया गया है.

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Published : Sep 14, 2019, 10:16 PM IST

बहादुरी को मिला सम्मान

भोपाल। खटलापुरा घाट पर विसर्जन के दौरान हुए हादसे में जब युवक अपनी जान बचाने के लिए आवाज लगा रहे थे और हाथ पैर पानी में मार रहे थे. तब एक शख्स फरिश्ता बनकर नाव से वहां पहुंचा और अपनी जान जोखिम में डालकर करीब आठ लोगों को मौत के मुंह से खींच लाया. इस शख्स का नाम है नितिन बाथम, जिसे कलेक्टर ने सम्मानित किया है.

नितिन बाथम की बहादुरी को मिला सम्मान

कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े, डीआईजी इरशाद वली, नगर निगम कमिश्नर विजय दत्ता ने नितिन बाथम को शॉल-श्रीफल और 50 हजार रुपए का चेक देकर उनकी बहादुरी का सम्मान किया. साथ ही कलेक्टर ने नितिन को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है.

नितिन बाथम एक गरीब परिवार से हैं. जो घर-परिवार का खर्चा चलाने के लिए मछली खरीदकर बेचता है. परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी, दो बच्चियां, मां और एक छोटा भाई है. ये सभी नितिन की कमाई पर ही निर्भर हैं.

ईटीवी भारत से नितिन बाथम की बात-चीत

सम्मान मिलने के बाद ईटीवी भारत को नितिन बाथम ने बताया कि जिस वक्त हादसा हुआ था, वह वहीं पर मौजूद थे. जैसे ही उन्हें युवक डूबते हुए दिखे, तुरंत नाव से वहां पहुंच गये और जितने लोगों की जान बचा सकते थे बचा लिए. इस दौरान उसके रिश्तेदारों ने भी लोगों की जान बचाने में उसकी मदद की.

भोपाल। खटलापुरा घाट पर विसर्जन के दौरान हुए हादसे में जब युवक अपनी जान बचाने के लिए आवाज लगा रहे थे और हाथ पैर पानी में मार रहे थे. तब एक शख्स फरिश्ता बनकर नाव से वहां पहुंचा और अपनी जान जोखिम में डालकर करीब आठ लोगों को मौत के मुंह से खींच लाया. इस शख्स का नाम है नितिन बाथम, जिसे कलेक्टर ने सम्मानित किया है.

नितिन बाथम की बहादुरी को मिला सम्मान

कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े, डीआईजी इरशाद वली, नगर निगम कमिश्नर विजय दत्ता ने नितिन बाथम को शॉल-श्रीफल और 50 हजार रुपए का चेक देकर उनकी बहादुरी का सम्मान किया. साथ ही कलेक्टर ने नितिन को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है.

नितिन बाथम एक गरीब परिवार से हैं. जो घर-परिवार का खर्चा चलाने के लिए मछली खरीदकर बेचता है. परिवार में उसके अलावा उसकी पत्नी, दो बच्चियां, मां और एक छोटा भाई है. ये सभी नितिन की कमाई पर ही निर्भर हैं.

ईटीवी भारत से नितिन बाथम की बात-चीत

सम्मान मिलने के बाद ईटीवी भारत को नितिन बाथम ने बताया कि जिस वक्त हादसा हुआ था, वह वहीं पर मौजूद थे. जैसे ही उन्हें युवक डूबते हुए दिखे, तुरंत नाव से वहां पहुंच गये और जितने लोगों की जान बचा सकते थे बचा लिए. इस दौरान उसके रिश्तेदारों ने भी लोगों की जान बचाने में उसकी मदद की.

Intro:भोपाल के खटलापुरा घाट पर विसर्जन के दौरान हुए हादसे में जब युवक अपनी जान बचाने के लिए आवाज लगा रहे थे और हाथ पैर पानी में मार रहे थे....उस वक्त एक शख्स फरिश्ता बनकर नाव से वहां पहुंचा और अपनी जान जोखिम मे डालकर आधा दर्जन लोगों की जान बचाई... इस शख्स का नाम है नितिन बाथम जिसका आज सम्मान किया गया...


Body:नितिन बाथम का कलेक्ट्रेट कार्यालय में कलेक्टर तरुण कुमार पिथोड़े, डीआईजी इरशाद वली, नगर निगम कमिश्नर विजय दत्ता ने शॉल और श्रीफल और 50 हजार का चेक देकर नितिन बाथम की बहादुरी का सम्मान किया... इसके अलावा कलेक्टर ने नितिन बाथम को नौकरी देने का भी आश्वासन दिया है... नितिन बाथम एक गरीब परिवार से हैं घर और परिवार का खर्चा चलाने मछली खरीदकर बेचता है....नितिन के परिवार मे उसके अलावा उसकी पत्नी, दो बच्चियां , मां और एक छोटा भाई है ये नितिन की कमाई पर ही निर्भर है ....


Conclusion:सम्मान मिलने के बाद ईटीवी भारत से बात करते हुए नितिन बाथम ने बताया कि जिस वक्त हादसा हुआ था तो वो वहीं पर मौजूद था.... जैसे ही उसने युवकों को डूबते हुए दिखे तुरंत नाव से वहाँ पहुँचा और जितने लोगों की जान बचा सकता था बचाई... इस दौरान उसकी उसके रिश्तेदार ने मदद की बाकी वहां मौजूद किसी ने भी उसकी मदद नहीं कि....

one to one

नितिन बाथम, लोगों की जान बचाने वाला
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