भोपाल। प्रदेश में बहुत जल्द बिजली बिल की नई व्यवस्था शुरू होगी. मोबाइल फोन और डीटीएच की तर्ज पर पहले रिचार्ज करवाना पड़ेगा. इसके बाद ही बिजली मिलेगी. जितने का रिचार्ज कराएंगे, उतनी ही बिजली इस्तेमाल में ली जा सकेगी. इस नई व्यवस्था के तहत बिजली बिल की खपत मापने के लिए अभी जो मीटर लगे हैं, उसके स्थान पर प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे. पुराने और नए मीटर में सबसे बड़ा अंतर यह होगा कि पुराने मीटर में बाद में बिल देना होता है, जबकि प्रीपेड स्मार्ट मीटर पर पहले भुगतान करना होगा. इसमें एक डिवाइस लगी होगी, जिसकी निगरानी बिजली दफ्तर से ही हो सकेगी. केन्द्र सरकार के निर्देश पर प्रदेश सरकार इसकी कवायद शुरू करने जा रही है. इस नई व्यवस्था के लिए नए मीटर लगाए जाएंगे, जिसकी टेंडर प्रक्रिया जल्द ही की जाएगी.
प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगेंगे : नई व्यवस्था के तहत इस नए मीटर में उपभोक्ता जितना बिल रिचार्ज करेगा, उतनी ही बिजली खर्च कर सकेगा. बताया जा रहा है इसका एक फायदा यह भी होगा कि आप मीटर को अपने किसी एक मोबाइल से कंट्रोल कर सकेंगे. यदि आप कुछ दिन के लिए बाहर जा रहे हैं तो उतने दिन के लिए मीटर बंद करके जा सकेंगे. प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लेकर प्रदेश सरकार ने कवायद शुरू कर दी है. ऊर्जा विभाग के प्रमुख सचिव संजय दुबे के मुताबिक नई व्यवस्था के लिए नई तकनीक के मीटर लगाने के लिए अगले तीन माह में टेंडर को अंतिम रूप दे दिया जाएगा.
मोबाइल पर आएंगे मैसेज : नई व्यवस्था के तहत प्रीपेड स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोबाइल सिम की तरह काम करेगा, जो सर्वर से जुड़ा होगा. इसे संबंधित उपभोक्ता के मोबाइल नंबर को रजिस्टर्ड किया जाएगा. मोबाइल पर बिजली खपत की न्यूनतम शेष की जानकारी मैसेज के जरिए मिलती रहेगी. आपके द्वारा भुगतान की गई राशि समाप्त होने के बाद बिजली अपने आप बंद हो जाएगी. बिजली बिल का भुगतान पेमेंट गेटवे के जरिए घर बैठे मोबाइल से ही कर सकेंगे. विभाग का दावा है कि इस व्यवस्था से बिजली चोरी पर लगाम पूरी तरह से कस जाएगी. बकायादारों से भी निजात मिलेगी.
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बिहार में लागू हो चुकी है ये योजना : गौरतलब है कि सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश की पश्चिम क्षेत्र और पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी पर ही दो हजार 619 करोड़ रुपए से ज्यादा की उपभोक्ताओं से वसूली बाकी है. केन्द्र सरकार ने सभी राज्यों में प्रीपेड मीटर लगाए जाने का अगस्त 2021 को नोटिफिकेशन जारी किया था. प्री पेड मीटर लगाने के लिए मार्च 2025 की समय सीमा निर्धारित की गई है. सरकार को उम्मीद है कि इससे लाइन लॉस में काफी कमी लाई जा सकेगी और इससे बिजली कंपनियों की हालत सुधरेगी. केन्द्र के निर्देश के बाद बिहार में देश में सबसे पहले प्रीपेड मीटर लगाए गए हैं. हालांकि इसको लेकर बिहार सरकार को स्थानीय स्तर पर लोगों का विरोध भी झेलना पड़ा है. प्रीपेड मीटर को लेकर कई तरह की तकनीकी खामियां भी सामने आई हैं.
(New system of electricity bill) ( Now electricity after recharging)