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ई-टेंडर घोटाले में जल्द हो सकती है नई FIR दर्ज, 42 टेंडरों में गड़बड़ी के EOW को मिले सबूत - bhopal news

EOW टेंडरों को लेकर एक नई FIR दर्ज कर सकता है. जांच एजेंसी को इन्वेस्टिगेशन में 42 टेंडरों में टेंपरिंग किए जाने के पुख्ता सबूत मिले हैं. FIR दर्ज करने के लिए अब EOW को भारत सरकार की टेक्निकल जांच रिपोर्ट का इंतजार है.

ई-टेंडर घोटाले में जल्द हो सकती है नई FIR दर्ज
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Published : Sep 8, 2019, 1:53 PM IST

भोपाल। प्रदेश में हुए ई-टेंडर घोटाले में नौ टेंडरों के खिलाफ दर्ज की गई FIR के बाद अब जल्द ही EOW टेंडरों को लेकर एक नई FIR दर्ज कर सकता है. जांच एजेंसी को इन्वेस्टिगेशन में 42 टेंडरों में टेंपरिंग किए जाने के पुख्ता सबूत मिले हैं. इस ई-टेंडर घोटाले की शिकायत के महज दो महीने पहले ही इन 42 टेंडरों में टेंपरिंग की गई है.

अब EOW इन 42 टेंडरों की जांच भारत सरकार की इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम से करवा रहा है. FIR दर्ज करने के लिए अब EOW को भारत सरकार की टेक्निकल जांच रिपोर्ट का इंतजार है.

  • ईओडब्ल्यू ने 18 मई 2018 को ई टेंडर में हुई गड़बड़ियों को लेकर प्राथमिक जांच शुरू की थी.
  • प्राथमिक जांच शुरू होने से ठीक दो महीने पहले 52 टेंडरों में से 42 टेंडरों में टेंपरिंग किए जाने के पुख्ता सबूत ईओडब्ल्यू के हाथ लगे हैं.
  • ये 52 टेंडर अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के बीच शुरू किए गए थे.
  • इन टेंडरों में टेंपरिंग को लेकर ईओडब्ल्यू ने संबंधित विभागों को इसकी जानकारी भी भेजी थी, लेकिन विभागों ने इसको लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई.
  • अब इन्हीं 42 टेंडरों की तकनीकी जांच की जा रही है और FIR दर्ज करने के लिए ईओडब्ल्यू को जांच रिपोर्ट का इंतजार है.
  • ये सभी टेंडर अरबों रुपए के बताए जा रहे हैं और ज्यादातर टेंडरों के तहत प्रदेश भर में काम भी किया जा रहा है.
    ई-टेंडर घोटाले में जल्द हो सकती है नई FIR दर्ज

इन विभागों के थे टेंडर-

जल संसाधन, सड़क विकास निगम, नर्मदा घाटी विकास, नगरीय प्रशासन, नगर निगम स्मार्ट सिटी, मेट्रो रेल, जल निगम, एनेक्सी भवन. अरबों रुपए के इन टेंडरों में माना जा रहा है कि ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन और एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी बेंगलुरु के अधिकारियों के जरिए टेंपरिंग कर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है. इसके अलावा इन विभागों के अधिकारी कर्मचारी और कई बिचौलिए समेत कुछ राजनेता भी इस गोरखधंधे में शामिल हो सकते हैं.

भोपाल। प्रदेश में हुए ई-टेंडर घोटाले में नौ टेंडरों के खिलाफ दर्ज की गई FIR के बाद अब जल्द ही EOW टेंडरों को लेकर एक नई FIR दर्ज कर सकता है. जांच एजेंसी को इन्वेस्टिगेशन में 42 टेंडरों में टेंपरिंग किए जाने के पुख्ता सबूत मिले हैं. इस ई-टेंडर घोटाले की शिकायत के महज दो महीने पहले ही इन 42 टेंडरों में टेंपरिंग की गई है.

अब EOW इन 42 टेंडरों की जांच भारत सरकार की इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम से करवा रहा है. FIR दर्ज करने के लिए अब EOW को भारत सरकार की टेक्निकल जांच रिपोर्ट का इंतजार है.

  • ईओडब्ल्यू ने 18 मई 2018 को ई टेंडर में हुई गड़बड़ियों को लेकर प्राथमिक जांच शुरू की थी.
  • प्राथमिक जांच शुरू होने से ठीक दो महीने पहले 52 टेंडरों में से 42 टेंडरों में टेंपरिंग किए जाने के पुख्ता सबूत ईओडब्ल्यू के हाथ लगे हैं.
  • ये 52 टेंडर अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के बीच शुरू किए गए थे.
  • इन टेंडरों में टेंपरिंग को लेकर ईओडब्ल्यू ने संबंधित विभागों को इसकी जानकारी भी भेजी थी, लेकिन विभागों ने इसको लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई.
  • अब इन्हीं 42 टेंडरों की तकनीकी जांच की जा रही है और FIR दर्ज करने के लिए ईओडब्ल्यू को जांच रिपोर्ट का इंतजार है.
  • ये सभी टेंडर अरबों रुपए के बताए जा रहे हैं और ज्यादातर टेंडरों के तहत प्रदेश भर में काम भी किया जा रहा है.
    ई-टेंडर घोटाले में जल्द हो सकती है नई FIR दर्ज

इन विभागों के थे टेंडर-

जल संसाधन, सड़क विकास निगम, नर्मदा घाटी विकास, नगरीय प्रशासन, नगर निगम स्मार्ट सिटी, मेट्रो रेल, जल निगम, एनेक्सी भवन. अरबों रुपए के इन टेंडरों में माना जा रहा है कि ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन और एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी बेंगलुरु के अधिकारियों के जरिए टेंपरिंग कर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है. इसके अलावा इन विभागों के अधिकारी कर्मचारी और कई बिचौलिए समेत कुछ राजनेता भी इस गोरखधंधे में शामिल हो सकते हैं.

Intro:भोपाल- मध्य प्रदेश में हुए ई टेंडर घोटाले में 9 टेंडरों के खिलाफ दर्ज की गई FIR के बाद अब जल्द ही EOW टेंडरों को लेकर एक नई एफ आई आर दर्ज कर सकता है। जांच एजेंसी को इन्वेस्टिगेशन में 42 और टेंडरों में टेंपरिंग किए जाने के पुख्ता सबूत हाथ लगे हैं। चौंकाने वाली बात तो यह है कि इस ई टेंडर घोटाले की शिकायत के महज 2 महीने पहले ही इन 42 टेंडरों में टेंपरिंग की गई है। अब EOW इन 42 टेंडरों की जांच इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम भारत सरकार से करवा रहा है।


Body:मध्य प्रदेश में हुए हजार करोड़ के ई टेंडर महा घोटाले में ईओडब्ल्यू जल्द ही एक नई FIR दर्ज कर सकता है इससे पहले ईओडब्ल्यू ने 9 टेंडरों में टेंपरिंग किए जाने की पुष्टि करते हुए एफ आई आर दर्ज की है EOW की जांच में कुल 52 टेंडरों में से 42 टेंडरों में टेंपरिंग किए जाने का बड़ा खुलासा हुआ है बताया जा रहा है कि इस पूरे घोटाले की जांच शुरू होने से ठीक पहले ही इन टेंडरों में टेंपरिंग कर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है। EOW इन 42 टेंडरों की तकनीकी जांच इंडियन कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम भारत सरकार से करवा रहा है एफ आई आर दर्ज करने के लिए अब EOW को भारत सरकार की टेक्निकल जांच रिपोर्ट का इंतजार है।

* ईओडब्ल्यू ने 18 मई 2018 को ई टेंडर में हुई गड़बड़ियों को लेकर प्राथमिक जांच शुरू की थी।
* प्राथमिक जांच शुरू होने से ठीक 2 महीने पहले 52 टेंडरों में से 42 टेंडरों में टेंपरिंग किए जाने के पुख्ता सबूत ईओडब्ल्यू के हाथ लगे हैं।
* यह 52 टेंडर अक्टूबर 2017 से मार्च 2018 के बीच शुरू किए गए थे।
* इन टेंडरों में टेंपरिंग को लेकर ईओडब्ल्यू ने संबंधित विभागों को इसकी जानकारी भी भेजी थी लेकिन विभागों ने इसको लेकर कोई गंभीरता नहीं दिखाई।
* अब इन्हीं 42 टेंडरों की तकनीकी जांच की जा रही है और एफ आई आर दर्ज करने के लिए ईओडब्ल्यू को जांच रिपोर्ट का इंतजार है।
* यह सभी टेंडर अरबों रुपए के बताए जा रहे हैं और ज्यादातर टेंडरों के तहत प्रदेश भर में काम भी किया जा रहा है।


Conclusion:इन विभागों के थे टेंडर-

जल संसाधन, सड़क विकास निगम, नर्मदा घाटी विकास, नगरीय प्रशासन, नगर निगम स्मार्ट सिटी, मेट्रो रेल, जल निगम, एनेक्सी भवन।

अरबों रुपए के इन टेंडरों में माना जा रहा है कि ऑस्मो आईटी सॉल्यूशन और एंट्रेंस सिस्टम लिमिटेड कंपनी बेंगलुरु के अधिकारियों के जरिए टेंपरिंग कर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया है इसके अलावा इन विभागों के अधिकारी कर्मचारी और कई बिचौलिए समेत कुछ राजनेता भी इस गोरखधंधे में शामिल हो सकते हैं। बहरहाल जांच एजेंसी को अब भारत सरकार की टेक्निकल रिपोर्ट का इंतजार है रिपोर्ट मिलने के बाद जल्द ही इन 42 टेंडरों को लेकर ईओडब्ल्यू एक नई एफ आई आर दर्ज कर सकती है।

बाइट- केएन तिवारी, डीजी, इओडब्ल्यू।
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