भोपाल। एसटीएफ ने गृह मंत्री बनकर राजभवन फोन लगाने वाले दो आरोपियों को कुछ दिन पहले गिरफ्तार किया था, पूछताछ में पुलिस को पता चला है आरोपियों ने जिस नंबर से फोन किया था, उसे असम से खरीदा था, आरोपियों में एक डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला है और दूसरा आरोपी विंग कमांडर कुलदीप वाघेला है.
जबलपुर के मेडिकल आयुर्विज्ञान यूनिवर्सिटी में वाइस चांसलर पद के लिए भर्ती निकली थी, जिसके लिए प्रदेश भर के सभी डॉक्टरों ने फॉर्म भरे थे. उसमें डॉक्टर चंद्रेश शुक्ला ने भी फॉर्म भरा था. वीसी बनने के लिए उसने अपने दोस्त दिल्ली में वायुसेना मुख्यालय में पदस्त विंग कमांडर कुलदीप वाघेला से संपर्क किया, जिसके बाद दोनों ने मिलकर राजभवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बनकर राज्यपाल से बात की थी. जिसमें उन्होंने डॉक्टर चंद्रेश को कुलपति के पद पर नियुक्त करने की बात कही थी.
इस मामले में राज्यपाल लालजी टंडन को जब शक हुआ तो उन्होंने दिल्ली फोन कर कन्फर्म किया, जिसके बाद उन्होंने एसटीएफ को इस मामले की जांच सौंप दिया, जिसके बाद एसटीएफ ने छानबीन करते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया था. एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया का कहना है कि जिस सिम का उपयोग उन्होंने किया था. वह सिम असम से खरीदा गया था, अब असम में इस केस की विवेचना कर रहे हैं. जल्द ही इस केस में बड़ा खुलासा किया जाएगा. पहले भी उन्होंने कभी किसी को फोन किया था या नहीं.