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नियमों के खिलाफ पंजीयन को लेकर सख्त हुआ NCPCR, थमाया महिला एवं बाल विकास की PS को समन

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Published : Feb 14, 2023, 10:21 PM IST

Updated : Feb 14, 2023, 11:05 PM IST

राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख को समन जारी किया है. राष्ट्रीय आयोग ने प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी को 20 फरवरी को आयोग के सामने आकर जवाब देने के लिए कहा है.

NCPCR notice to mpwcd
राष्ट्रीय महिला आयोग का नोटिस

भोपाल। मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने समन जारी किया है. साथ ही 20 फरवरी को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा गया है. यह समन प्रदेश में संचालित हो रही 13 जिलों की संस्थाओं को लेकर दिया गया है. ये वे संस्थाएं हैं, जिनमें अनाथ बच्चों को रखकर उन्हें शिक्षा देने के साथ उनका पालन पोषण किया जाता है. बड़ी बात यह है कि महिला एवं बाल विकास विभाग एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है.

NCPCR notice to mpwcd
राष्ट्रीय महिला आयोग का नोटिस

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) भारत सरकार द्वारा मंगलवार को एमपी महिला एवं बाल विकास विभाग को समन जारी किया है. उसमें लिखा है कि विभाग पूर्व में भेजे गए समन का पालन नहीं करवा पाया है. जिन नियमों के पालन की बात आयोग ने की है, वे बाल गृह में रखे जाने वाले बच्चों की संख्या और पंजीयन को लेकर थे. समन में ऐसी 13 संस्थाओं के नाम दिए गए हैं, जो एक ही पंजीयन पर दो-दो संस्थाएं संचालित कर रही हैं. इसमें भोपाल का एसओएस बालग्राम समेत 13 अलग संस्थाएं शामिल हैं. दरअसल आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रिंयक कानूनगो ने खुद मप्र की संस्थाओं का निरीक्षण किया था और खामियों को लेकर संबंधित अफसरों को पत्र लिखे गए थे. इसके बाद आयोग द्वारा एक ही पंजीयन के तहत दो बाल गृहों की जांच के संबंध में अपर मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्य प्रदेश को 4 जनवरी 2023 को लेटर जारी किया गया था. तब दमोह में संचालित संस्था सेंट्रल इंडिया क्रिश्चन मिशन के बारे में कई सारी गलत बातों को जानकारी में लाया गया था. इतना ही नहीं आयोग ने 16 दिसंबर 2022 को सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के तहत समन भी जारी किया था. जिससे जिला मजिस्ट्रेट को व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इस मामले में जवाब नहीं आया.

NCPCR notice to mpwcd
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क्या है मामला?: राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने देश की चाइल्ड केयर सेंटर में यह नियम लागू करने के निर्देश दिए हैं कि किसी भी संस्था में 50 से अधिक बच्चे हैं, तो नियमानुसार उन संस्थाओं को प्रति 50 बच्चे अतिरिक्ति पंजीयन कराना होगा. वहीं जिन संस्थाओं में बालक और बालिका को एक साथ रखा जा रहा है, उन्हें भी अलग-अलग रखने की व्यवस्था की जाए. इसके अलावा 7 से 12 और 13 से 18 वर्ष तक के बच्चों को भी अलग-अलग रखा जाना चाहिए. इन बिंदुओं को लेकर जब राष्ट्रीय बाल आयोग की टीम ने दमोह स्थित संस्था का निरीक्षण किया था, तो सभी नियमों का उल्लघंन करते पाया गया. इस मामले में दमोह के डीपीओ को जानकारी देनी थी, लेकिन अलग-अलग संस्थाओं की बजाय एक ही संस्था की जानकारी दी गई. इसी लापरवाही के चलते आयोग ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ऑफिस में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे सभी अधिकारियों और संस्थानों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए, जो किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) की धारा 41 के उल्लंघन में शामिल हैं. आयोग ने लिखा कि इस मामले में अब तक आयोग के निर्देशों के अनुपालन में कोई संतोषजनक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. इस मामले में विभाग की तरफ से संबंधित अधिकारी को 20 फरवरी 2023 को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का फरमान जारी किया है.

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राष्ट्रीय महिला आयोग का नोटिस

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इन संस्थाओं के नाम के साथ भेजा समन: आयोग ने नोटिस में भोपाल की मिशनरी ऑफ चेरिटी, एसओएस बालग्राम, बाल निकेतन ट्रस्ट, नित्य सेवा सोसायटी, एसओएस बालग्राम स्पेशल नीड, उज्जैन से सेवाधाम आश्रम, सागर की महिला एवं बाल विकास समिति, सेंट फ्रांसिस सेवा धाम, कबीर मानव सेवाधाम, जबलपुर की मिशनरी ऑफ चेरिटी स्पेशल नीड, नर्मदापुरम की जीवोदय सोसायटी, इंदौर की युग पुरुष धाम और दमोह की सेंट्रल इंडिया क्रिश्वन मिशन के नाम का जिक्र किया है.

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राष्ट्रीय महिला आयोग का नोटिस

वहीं, इस मामले पर ईटीवी भारत ने मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी से बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई है.

भोपाल। मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी को राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने समन जारी किया है. साथ ही 20 फरवरी को आयोग के समक्ष उपस्थित होकर जवाब देने के लिए कहा गया है. यह समन प्रदेश में संचालित हो रही 13 जिलों की संस्थाओं को लेकर दिया गया है. ये वे संस्थाएं हैं, जिनमें अनाथ बच्चों को रखकर उन्हें शिक्षा देने के साथ उनका पालन पोषण किया जाता है. बड़ी बात यह है कि महिला एवं बाल विकास विभाग एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है.

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राष्ट्रीय महिला आयोग का नोटिस

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) भारत सरकार द्वारा मंगलवार को एमपी महिला एवं बाल विकास विभाग को समन जारी किया है. उसमें लिखा है कि विभाग पूर्व में भेजे गए समन का पालन नहीं करवा पाया है. जिन नियमों के पालन की बात आयोग ने की है, वे बाल गृह में रखे जाने वाले बच्चों की संख्या और पंजीयन को लेकर थे. समन में ऐसी 13 संस्थाओं के नाम दिए गए हैं, जो एक ही पंजीयन पर दो-दो संस्थाएं संचालित कर रही हैं. इसमें भोपाल का एसओएस बालग्राम समेत 13 अलग संस्थाएं शामिल हैं. दरअसल आयोग के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रिंयक कानूनगो ने खुद मप्र की संस्थाओं का निरीक्षण किया था और खामियों को लेकर संबंधित अफसरों को पत्र लिखे गए थे. इसके बाद आयोग द्वारा एक ही पंजीयन के तहत दो बाल गृहों की जांच के संबंध में अपर मुख्य सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग, मध्य प्रदेश को 4 जनवरी 2023 को लेटर जारी किया गया था. तब दमोह में संचालित संस्था सेंट्रल इंडिया क्रिश्चन मिशन के बारे में कई सारी गलत बातों को जानकारी में लाया गया था. इतना ही नहीं आयोग ने 16 दिसंबर 2022 को सीपीसीआर अधिनियम, 2005 की धारा 14 के तहत समन भी जारी किया था. जिससे जिला मजिस्ट्रेट को व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इस मामले में जवाब नहीं आया.

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क्या है मामला?: राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने देश की चाइल्ड केयर सेंटर में यह नियम लागू करने के निर्देश दिए हैं कि किसी भी संस्था में 50 से अधिक बच्चे हैं, तो नियमानुसार उन संस्थाओं को प्रति 50 बच्चे अतिरिक्ति पंजीयन कराना होगा. वहीं जिन संस्थाओं में बालक और बालिका को एक साथ रखा जा रहा है, उन्हें भी अलग-अलग रखने की व्यवस्था की जाए. इसके अलावा 7 से 12 और 13 से 18 वर्ष तक के बच्चों को भी अलग-अलग रखा जाना चाहिए. इन बिंदुओं को लेकर जब राष्ट्रीय बाल आयोग की टीम ने दमोह स्थित संस्था का निरीक्षण किया था, तो सभी नियमों का उल्लघंन करते पाया गया. इस मामले में दमोह के डीपीओ को जानकारी देनी थी, लेकिन अलग-अलग संस्थाओं की बजाय एक ही संस्था की जानकारी दी गई. इसी लापरवाही के चलते आयोग ने अतिरिक्त मुख्य सचिव ऑफिस में संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि ऐसे सभी अधिकारियों और संस्थानों के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाए, जो किशोर न्याय (देखभाल और संरक्षण) की धारा 41 के उल्लंघन में शामिल हैं. आयोग ने लिखा कि इस मामले में अब तक आयोग के निर्देशों के अनुपालन में कोई संतोषजनक रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है. इस मामले में विभाग की तरफ से संबंधित अधिकारी को 20 फरवरी 2023 को आयोग के समक्ष उपस्थित होने का फरमान जारी किया है.

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NCPCR notice to mpwcd
राष्ट्रीय महिला आयोग का नोटिस

वहीं, इस मामले पर ईटीवी भारत ने मध्यप्रदेश की महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव दीपाली रस्तोगी से बात करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो पाई है.

Last Updated : Feb 14, 2023, 11:05 PM IST
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