भोपाल। राष्ट्रीय बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो का कहना है कि दमोह में नई प्रकार की चेतना का आगाज हुआ है. अब तक बच्चों के कल्याण के नाम पर माफिया की तरह काम करने वाले कई गिरोह यहां हैं. इसमें कई लोग सक्रिय हैं. अजय लाल, इदरिश जैसे लोग सक्रिय थे. अब वहां की हकीकत सामने आ रही है. गंगा जमुना स्कूल को लेकर अब आगे क्या, इस पर बाल आयोग के अध्यक्ष का कहना है कि गंगा जमुना में पढ़ने वाले बच्चों को वैध स्कूलों में शिक्षा मिल सके, यह हमारी प्राथमिकता है. इसको लेकर हम लगातार कलेक्टर से जानकारी ले रहे हैं.
किसी भी धर्म का अपमान नहीं हो : दमोह में एक मिशनरी स्कूल के शिक्षक द्वारा छात्रों की किताबों में लेटर रखे जाने का मामला भी सामने आया है. इस पर कानूनगो का कहना है स्कूल से जवाब मांगा है. हमने सरकार को लिखा है. स्कूलों मे अवैध मजार के सवाल पर कानूनगो का कहना है कि हमको सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है. किसी भी धर्म के प्रति अपमान की बात किसी को नहीं करना चाहिए. मैं इसके खिलाफ हूं. लेकिन धर्म के नाम पर गड़बड़ी फैलाने वाले गलत हैं. विदिशा जिले में एक स्कूल में दरगाह नहीं थी, वहां एक स्ट्रक्चर खड़ा कर दिया गया था. वहां मजार नहीं थी, सालों से कुछ भी नहीं था.
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लड़कियों की आजादी का सवाल है : कानूनगो का कहना है कि हिजाब का सवाल नहीं है. सवाल लड़कियों की आजादी का है. पूरी दुनिया लड़कियों की आजादी के पीछे पड़ी है. रूढ़िवादी, कट्टरपंथी लोग लड़कियों को आगे बढ़ते नहीं देख पा रहे हैं. साजिश चल रही है कि भारत को वापस पीछे ले जाओ, जो लड़कियां आगे बढ़कर नाम रोशन कर रही हैं, उस व्यवस्था को बिगाड़ दो. ये लोग एक एजेंडे के तहत काम कर रहे हैं. एक ही लाइसेंस पर प्राइवेट बालक-बालिका संप्रेषण पर चल रहे हैं, जहां पर एक साथ लड़के-लड़कियों को रखा जा रहा है, इस पर कानूनगो का कहना था कि मध्यप्रदेश में ऐसे 15 जगह हमने चिन्हित की हैं. इसको लेकर हमने उच्च न्यायालय मध्यप्रदेश में अपील की है.