भोपाल। देश और प्रदेश में चल रही कोरोना वायरस की स्थिति में बच्चों को ठीक ढंग से शिक्षा देना ना केवल स्कूल शिक्षा विभाग बल्कि टीचर्स के लिए भी एक बड़ी चुनौती बन गया. इस तरह की परिस्थितियों से अभिभावकों को भी बच्चों को पढ़ाने में दिक्कत आ रही है. इंटरनेट के इस युग में ज्यादातर समय बच्चे ऑनलाइन क्लासेज या फिर ऑनलाइन गेम्स में व्यतीत कर रहे हैं. ऐसी स्थिति में उन्हें पुस्तक के प्रति प्रेम जगाने के लिए 19 जून को स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा "नेशनल रीडिंग डे " मनाया जाएगा. स्कूल शिक्षा विभाग का उद्देश है कि बच्चों में पढ़ने की आदत को विकसित किया जाए. इसके लिए प्रदेश के बच्चों को पढ़ने की ऑनलाइन शपथ भी दिलाई जाएगी. जिसकी तैयारियां विभाग के द्वारा की जा रही हैं.
नेशनल रीडिंग डे के अवसर पर राज्य शिक्षा केंद्र के द्वारा रेडियो के माध्यम से विभिन्न तरह की प्रतियोगितओं का आयोजन भी किया जाएगा. इसके लिए रेडियो से 19 जून को सुबह 11:00 बजे प्रदेश भर में बच्चों को पढ़ने की शपथ भी दिलाई जाएगी एवं उन्हें हिंदी पाठ्य पुस्तक में उपलब्ध चयनित कहानियों को पढ़ने के लिए प्रेरित भी किया जाएगा. कहानियों के आधार पर प्रश्नोत्तरी एक क्विज का आयोजन भी होगा. सही जवाब देने वाले बच्चों को प्रमाण पत्र दिया जाएगा. कहानी क्विज के उत्तर विद्यार्थी ऑनलाइन या पोस्ट कार्ड के माध्यम से 1 जुलाई तक राज्य शिक्षा केंद्र को भेज सकते हैं.
चयनित कहानियों की सूची
- कक्षा 1- शेर साहब की पूंछ
- कक्षा 2- बंदर और दर्पण
- कक्षा 3- धर पटक और मुंह पटक
- कक्षा 4- दानी पेड़
- कक्षा 5- ईदगाह
- कक्षा 6- हार की जीत
- कक्षा 7- छोटा जादूगर
- कक्षा 8- बालक और दाता
सरकारी स्कूलों के पहली से आठवीं कक्षा तक के बच्चों को हिंदी पाठ्यपुस्तक में उपलब्ध चयनित कहानियों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से ही यह नवाचार किया जा रहा है. इसमें बच्चे बंदर और दर्पण, शेर साहब की पूंछ, दानी पेड़ जैसी रोचक कहानियों का पाठ पढ़ेंगे. चयनित कहानियों को व्हाट्सएप ग्रुप के माध्यम से बच्चों तक पहुंचाया जाएगा.
रीडिंग सप्ताह मनाए जाने के निर्देश जारी
केंद्र सरकार के निर्देश पर मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के द्वारा" नेशनल रीडिंग डे "मनाया जा रहा है. इसके लिए राज्य शिक्षा केंद्र ने लॉकडाउन में प्राथमिक एवं माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा रीडिंग सप्ताह मनाए जाने के निर्देश जारी किए हैं. बच्चों के लिए ऑनलाइन चित्रकला, लोक कला, प्रश्नोत्तरी, कहानी ,कविता पाठ, वाचन आदि गतिविधियां घर में ही कराई जाएंगी. बच्चों द्वारा पढ़ाई गई कहानी के आधार पर लोक कला या काव्य रचना राज्य स्तरीय पत्रिका गुल्लक में प्रकाशित किया जाएगा. इसकी एक प्रति संबंधित विद्यार्थी को निशुल्क भेंट की जाएगी.
2018 से मनाया जा रहा रीडिंग डे
वर्ष 2018 से केंद्र सरकार ने रीडिंग डे या रीडिंग माह मनाने की शुरुआत की थी. इसका उद्देश्य है कि लोगों में पढ़ाई के प्रति जागरुकता बढ़े और बच्चों में भी पढ़ने की आदत विकसित हो. इसीलिए 19 जून को रीडिंग डे को मनाया जाता है.