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प्‍यारे मियां यौन शोषण मामला: आज जांच के लिए भोपाल आएगा NCPCR

प्‍यारे मियां यौन शोषण मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) आज भोपाल पहुंच रहा है. टीम यहां नेहरू नगर स्थित बालिका संरक्षण गृह में रह रही अन्य नाबालिगों से बात करेगी.

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फाइल फोटो
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Published : Jan 27, 2021, 10:05 AM IST

Updated : Jan 27, 2021, 11:52 AM IST

भोपाल। बहुचर्चित प्‍यारे मियां यौन शोषण मामले में पीड़िता की मौत के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की टीम आज भोपाल पहुंच रही है. आयोग की पांच सदस्यों की टीम नेहरू नगर स्थित बालिका संरक्षण गृह जाकर अन्य बच्चियों से मिलेगी. इससे पहले NCPCR ने पत्र के जरिए बालिका गृह में रह रही नाबालिगों की सुरक्षा के प्रति सजग रहने और सख्त इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान

प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में बुधवार को एक नाबालिग की मौत हो गई थी. पीड़िता की मौत के बाद गुरुवार को पुलिस शव को हमीदिया अस्पताल से सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गई. जहां पुलिस की निगरानी में विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में पीड़िता ही फरियादी भी थी. पीड़िता के परिजन घर पर बेटी के शव का इंतजार कर रहे थे. लेकिन पुलिस उन्हें शव सौंपना नहीं चाहती थी. पुलिस ने कानून व्यवस्था की दलील देते हुए सीधे शव को विश्राम घाट लेकर गई थी. पीड़िता की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी के शव का घर पर इंतजार करती रहीं और पुलिस ने सीधे अंतिम संस्कार विश्राम घाट पर करा दिया. सवाल यह है कि आखिर ऐसा करने के पीछे क्या जल्दबाजी थी?. इसको लेकर अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है.

क्या है पूरा मामला ?

प्‍यारे मियां यौन शोषण मामले में पिछले 6 महीने से 5 फरियादी बालिका गृह में रह रही हैं. उनमें से एक नाबालिग ने कुछ दिनों पहले नींद की गोलियां खा ली थी. जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. नाबालिग की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर उसके परिजन भी अस्पताल पहुंचे, उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. नाबालिग की मां का कहना है कि अगर उनकी बेटी ने कोई नशीला पदार्थ खाया था तो ये आया कहां से? बाल गृह में बाहर से आखिर नींद की गोलियां कैसे पहुंची?

भोपाल। बहुचर्चित प्‍यारे मियां यौन शोषण मामले में पीड़िता की मौत के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) की टीम आज भोपाल पहुंच रही है. आयोग की पांच सदस्यों की टीम नेहरू नगर स्थित बालिका संरक्षण गृह जाकर अन्य बच्चियों से मिलेगी. इससे पहले NCPCR ने पत्र के जरिए बालिका गृह में रह रही नाबालिगों की सुरक्षा के प्रति सजग रहने और सख्त इंतजाम करने के निर्देश दिए हैं.

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान

प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में बुधवार को एक नाबालिग की मौत हो गई थी. पीड़िता की मौत के बाद गुरुवार को पुलिस शव को हमीदिया अस्पताल से सीधे भदभदा विश्राम घाट ले गई. जहां पुलिस की निगरानी में विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. प्यारे मियां नाबालिग यौन शोषण मामले में पीड़िता ही फरियादी भी थी. पीड़िता के परिजन घर पर बेटी के शव का इंतजार कर रहे थे. लेकिन पुलिस उन्हें शव सौंपना नहीं चाहती थी. पुलिस ने कानून व्यवस्था की दलील देते हुए सीधे शव को विश्राम घाट लेकर गई थी. पीड़िता की मां ने बताया कि वह अपनी बेटी के शव का घर पर इंतजार करती रहीं और पुलिस ने सीधे अंतिम संस्कार विश्राम घाट पर करा दिया. सवाल यह है कि आखिर ऐसा करने के पीछे क्या जल्दबाजी थी?. इसको लेकर अब राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संज्ञान लिया है.

क्या है पूरा मामला ?

प्‍यारे मियां यौन शोषण मामले में पिछले 6 महीने से 5 फरियादी बालिका गृह में रह रही हैं. उनमें से एक नाबालिग ने कुछ दिनों पहले नींद की गोलियां खा ली थी. जिससे उसकी तबीयत बिगड़ी और हमीदिया अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में इलाज के दौरान बच्ची की मौत हो गई. नाबालिग की तबीयत बिगड़ने की सूचना मिलने पर उसके परिजन भी अस्पताल पहुंचे, उन्होंने बाल गृह पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था. नाबालिग की मां का कहना है कि अगर उनकी बेटी ने कोई नशीला पदार्थ खाया था तो ये आया कहां से? बाल गृह में बाहर से आखिर नींद की गोलियां कैसे पहुंची?

Last Updated : Jan 27, 2021, 11:52 AM IST
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