ETV Bharat / state

Bhopal Blind Cricket Tournament: आंखों से देखा नहीं सकते, लेकिन लगाए चौके छक्के, ब्लाइंड क्रिकेटरों का भोपाल में जलवा

Bhopal Blind Cricket Tournament: भोपाल के ओल्ड कैंपियन मैदान में नेशनल ब्लाइंड क्रिकेट टूर्नामेंट का आयोजन हुआ. पहला मैच उड़ीसा और बंगाल के बीच हुआ, जिसे बंगाल ने जीत लिया. दृष्टि बाधित खिलाड़ियों ने ऐसे चौके-छक्के लगाए कि दर्शक देखते ही रह गए.

blind cricketers hit fours and sixes
ब्लाइंड क्रिकेटरों का भोपाल में जलवा
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 5, 2023, 8:34 PM IST

ब्लाइंड क्रिकेटरों का भोपाल में जलवा

भोपाल। भले ही वह देख नहीं सकते, लेकिन बॉल की आवाज पर ऐसे चौके छक्के लगाए कि यहां देखने वाले दर्शक ताली बजाने से खुद को नहीं रोक सके. कोई महेंद्र सिंह धोनी बनना चाहता है, तो कोई विराट कोहली की तरह खेलना चाहता है. तो किसी को युवराज सिंह और कपिल देव पसंद हैं. यह सभी दृष्टिबाधित यानी ब्लाइंड खिलाड़ी भोपाल में क्रिकेट के नेशनल टूर्नामेंट में शामिल होने आए हैं. भोपाल के ओल्ड कैंपियन मैदान पर 5 से 8 अक्टूबर तक चलने वाले नेशनल ब्लाइंड क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ उड़ीसा और बंगाल के मैच के साथ हुआ. जिसमें बंगाल की टीम ने यह मैच जीत लिया. जबकि दूसरा मैच मध्य प्रदेश और गोवा के बीच खेला गया, जिसमे मध्य प्रदेश के खिलाड़ी विजेता बने.

ब्लाइंड क्रिकेटरों ने दिखाया कमाल: सुनने में यह आम क्रिकेट टूर्नामेंट की तरह लग रहा हो. लेकिन इसमें जो खिलाड़ी थे वह दृष्टि बाधित यानी ब्लाइंड थे. लेकिन खेल ऐसा की देखने वाले देखते रह जाएं. भारत के लिए 2018 में इंटरनेशनल ब्लाइंड क्रिकेट टूर्नामेंट खेल चुके पंजाब के कपिल देव बताते हैं कि ''उनके माता-पिता का सपना था कि उनका बेटा बड़ा होकर बेहतर क्रिकेटर बने. लेकिन आंखों में तकलीफ के चलते उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका था. फिर उनके माता-पिता ने बेटे को स्पेशल स्कूल में दाखिला दिलाया. जहां संगीत के साथ-साथ कपिल क्रिकेट भी खेला करते थे.''

सचिन तेंदुलकर और धोनी पहली पसंद: कपिल ने बताया कि ''वह उसके बाद से लगातार बेहतर खेलने की कोशिश करते रहे और पिछले 18 सालों से अब क्रिकेट ही उनका पैशन बन गया है.'' भले ही पंजाब इस खिलाड़ी का नाम कपिल देव हो, लेकिन इसे सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ी पसंद है और यह उन्हीं की तरह आगे खेलना चाहते हैं. वहीं, सूरज तिवारी और विशाल को भी बचपन से ही क्रिकेट खेलना पसंद था और उनके फेवरेट खिलाड़ियों में भी महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर के साथ रोहित शर्मा भी शामिल है.

शुरुआत में हुई दिक्कतें: सूरज कहते हैं कि ''वह बड़े खिलाड़ियों की तरह आगे नाम कमाना चाहते हैं.'' तो विशाल का कहना है ''वह युवराज सिंह की तरह बनना चाहते हैं. लेकिन उन्हें विराट कोहली भी काफी पसंद हैं.'' विशाल बताते हैं कि ''इस खेल में शुरू में तो दिक्कत आई, लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास के चलते वह हर चीज सीख गए और आज बेहतर खिलाड़ी के रूप में जाने जा रहे हैं.'' वहीं, टीम में पहली बार शामिल हुए हरिंदर कहते हैं कि ''उनका यह पहला राष्ट्रीय टूर्नामेंट है. लेकिन समस्याएं तो सभी के जीवन में होती हैं, उन समस्याओं से आगे निकलकर अगर आप आदेपहुंचते हैं तभी जीत आपके कदम चूमती है.''

ब्लाइंड क्रिकेट के अलग होते हैं नियम: ब्लाइंड क्रिकेट में बैट तो आम मैच की तरह ही रहता है. लेकिन बॉल के अंदर घुंघरू लगाए जाते हैं. जबकि इस बॉल को बॉलर हाथ घुमाकर नहीं बल्कि नीचे की तरफ से फेकता है. घुंघरू की आवाज सुनकर ही बैट्समैन अपने शॉट को खेलता है.

ब्लाइंड क्रिकेट में होती हैं तीन कैटेगरी: ब्लाइंड क्रिकेट में तीन कैटेगरी में खिलाड़ियों को रखा जाता है, जिसमें A B C कैटेगरी होती है. ए में वह दृष्टि बाधित होते हैं जो कुछ हद तक देख सकते हैं. जबकि B कैटेगरी जो होती है उसमें पूर्ण दृष्टिबाधित खिलाड़ी होते हैं, जो बिल्कुल भी नहीं देख सकते. इनके लिए रनों में भी एडवांटेज दिया जाता है. अगर फुल ब्लाइंड खिलाड़ी एक रन दौड़ता है तो उसे दो रन माना जाते हैं. जबकि चौका लगाने पर उसे 8 रन के रूप में जोड़ा जाता है.

Also Read:

बंगाल ने जीता पहला मैच: पहला मैच पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच खेला गया. बंगाल टीम ने 20 ओवर में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 167 का लक्ष्य दिया. जवाब में बल्लेबाजी करने आई ओड़िशा की टीम 99 रनों पर सिमट गई. इस तरह प. बंगाल को 67 रनों से जीत मिली. बी 3 और बी 2 कैटेगरी में क्रष्णजीत एडोब और बी 1 कैटेगरी में चंदन को मैन ऑफ द मैच चुना गया. कृष्णजीत ने 3 विकेट झटके और 49 रन बनाए. जबकि दूसरा मैच गोवा और एमपी के बीच खेला गया, जिसे एमपी की टीम ने जीत लिया.

6 टीमों ने लिया टूर्नामेंट में हिस्सा: 8 अक्टूबर तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए मेजबान मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, गोवा और पंजाब की टीमों ने हिस्सा लिया है. जिसमें शुक्रवार को श्रीलंकाई टीम की ओर से भी ऑब्जर्वर यहां इन खिलाड़ियों के चयन के लिए आएंगे.

ब्लाइंड क्रिकेटरों का भोपाल में जलवा

भोपाल। भले ही वह देख नहीं सकते, लेकिन बॉल की आवाज पर ऐसे चौके छक्के लगाए कि यहां देखने वाले दर्शक ताली बजाने से खुद को नहीं रोक सके. कोई महेंद्र सिंह धोनी बनना चाहता है, तो कोई विराट कोहली की तरह खेलना चाहता है. तो किसी को युवराज सिंह और कपिल देव पसंद हैं. यह सभी दृष्टिबाधित यानी ब्लाइंड खिलाड़ी भोपाल में क्रिकेट के नेशनल टूर्नामेंट में शामिल होने आए हैं. भोपाल के ओल्ड कैंपियन मैदान पर 5 से 8 अक्टूबर तक चलने वाले नेशनल ब्लाइंड क्रिकेट टूर्नामेंट का शुभारंभ उड़ीसा और बंगाल के मैच के साथ हुआ. जिसमें बंगाल की टीम ने यह मैच जीत लिया. जबकि दूसरा मैच मध्य प्रदेश और गोवा के बीच खेला गया, जिसमे मध्य प्रदेश के खिलाड़ी विजेता बने.

ब्लाइंड क्रिकेटरों ने दिखाया कमाल: सुनने में यह आम क्रिकेट टूर्नामेंट की तरह लग रहा हो. लेकिन इसमें जो खिलाड़ी थे वह दृष्टि बाधित यानी ब्लाइंड थे. लेकिन खेल ऐसा की देखने वाले देखते रह जाएं. भारत के लिए 2018 में इंटरनेशनल ब्लाइंड क्रिकेट टूर्नामेंट खेल चुके पंजाब के कपिल देव बताते हैं कि ''उनके माता-पिता का सपना था कि उनका बेटा बड़ा होकर बेहतर क्रिकेटर बने. लेकिन आंखों में तकलीफ के चलते उनका यह सपना पूरा नहीं हो सका था. फिर उनके माता-पिता ने बेटे को स्पेशल स्कूल में दाखिला दिलाया. जहां संगीत के साथ-साथ कपिल क्रिकेट भी खेला करते थे.''

सचिन तेंदुलकर और धोनी पहली पसंद: कपिल ने बताया कि ''वह उसके बाद से लगातार बेहतर खेलने की कोशिश करते रहे और पिछले 18 सालों से अब क्रिकेट ही उनका पैशन बन गया है.'' भले ही पंजाब इस खिलाड़ी का नाम कपिल देव हो, लेकिन इसे सचिन तेंदुलकर और महेंद्र सिंह धोनी जैसे खिलाड़ी पसंद है और यह उन्हीं की तरह आगे खेलना चाहते हैं. वहीं, सूरज तिवारी और विशाल को भी बचपन से ही क्रिकेट खेलना पसंद था और उनके फेवरेट खिलाड़ियों में भी महेंद्र सिंह धोनी, सचिन तेंदुलकर के साथ रोहित शर्मा भी शामिल है.

शुरुआत में हुई दिक्कतें: सूरज कहते हैं कि ''वह बड़े खिलाड़ियों की तरह आगे नाम कमाना चाहते हैं.'' तो विशाल का कहना है ''वह युवराज सिंह की तरह बनना चाहते हैं. लेकिन उन्हें विराट कोहली भी काफी पसंद हैं.'' विशाल बताते हैं कि ''इस खेल में शुरू में तो दिक्कत आई, लेकिन धीरे-धीरे अभ्यास के चलते वह हर चीज सीख गए और आज बेहतर खिलाड़ी के रूप में जाने जा रहे हैं.'' वहीं, टीम में पहली बार शामिल हुए हरिंदर कहते हैं कि ''उनका यह पहला राष्ट्रीय टूर्नामेंट है. लेकिन समस्याएं तो सभी के जीवन में होती हैं, उन समस्याओं से आगे निकलकर अगर आप आदेपहुंचते हैं तभी जीत आपके कदम चूमती है.''

ब्लाइंड क्रिकेट के अलग होते हैं नियम: ब्लाइंड क्रिकेट में बैट तो आम मैच की तरह ही रहता है. लेकिन बॉल के अंदर घुंघरू लगाए जाते हैं. जबकि इस बॉल को बॉलर हाथ घुमाकर नहीं बल्कि नीचे की तरफ से फेकता है. घुंघरू की आवाज सुनकर ही बैट्समैन अपने शॉट को खेलता है.

ब्लाइंड क्रिकेट में होती हैं तीन कैटेगरी: ब्लाइंड क्रिकेट में तीन कैटेगरी में खिलाड़ियों को रखा जाता है, जिसमें A B C कैटेगरी होती है. ए में वह दृष्टि बाधित होते हैं जो कुछ हद तक देख सकते हैं. जबकि B कैटेगरी जो होती है उसमें पूर्ण दृष्टिबाधित खिलाड़ी होते हैं, जो बिल्कुल भी नहीं देख सकते. इनके लिए रनों में भी एडवांटेज दिया जाता है. अगर फुल ब्लाइंड खिलाड़ी एक रन दौड़ता है तो उसे दो रन माना जाते हैं. जबकि चौका लगाने पर उसे 8 रन के रूप में जोड़ा जाता है.

Also Read:

बंगाल ने जीता पहला मैच: पहला मैच पश्चिम बंगाल और ओडिशा के बीच खेला गया. बंगाल टीम ने 20 ओवर में शानदार बल्लेबाजी करते हुए 167 का लक्ष्य दिया. जवाब में बल्लेबाजी करने आई ओड़िशा की टीम 99 रनों पर सिमट गई. इस तरह प. बंगाल को 67 रनों से जीत मिली. बी 3 और बी 2 कैटेगरी में क्रष्णजीत एडोब और बी 1 कैटेगरी में चंदन को मैन ऑफ द मैच चुना गया. कृष्णजीत ने 3 विकेट झटके और 49 रन बनाए. जबकि दूसरा मैच गोवा और एमपी के बीच खेला गया, जिसे एमपी की टीम ने जीत लिया.

6 टीमों ने लिया टूर्नामेंट में हिस्सा: 8 अक्टूबर तक चलने वाले इस टूर्नामेंट में शामिल होने के लिए मेजबान मध्य प्रदेश के साथ ही उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, गोवा और पंजाब की टीमों ने हिस्सा लिया है. जिसमें शुक्रवार को श्रीलंकाई टीम की ओर से भी ऑब्जर्वर यहां इन खिलाड़ियों के चयन के लिए आएंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.