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नाबार्ड की बैठक में मध्यप्रदेश को हॉर्टिकल्चर कैपिटल बनाने का लिया गया संकल्प

नाबार्ड राज्य ऋण संगोष्ठी में प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को देश की हॉर्टिकल्चर कैपिटल बनाने की बात कही है.

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Published : Feb 27, 2020, 6:17 PM IST

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नाबार्ड की बैठक का आयोजन

भोपाल। मंत्रालय में गुरुवार को नाबार्ड राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को देश की हॉर्टिकल्चर कैपिटल बनाने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि, उद्यानिकी क्षेत्र किसानों की समृद्धि के द्वार खोलने वाला क्षेत्र है, यह कृषि क्षेत्र का भविष्य है. नाबार्ड को हार्टिकल्चर क्षेत्र में ऋण देने का अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 15 प्रतिशत तक रखना चाहिए.

नाबार्ड की बैठक का आयोजन

संगोष्ठी में नाबार्ड ने प्रदेश के लिये एक करोड 98 लाख 786 करोड़ रुपये के ऋण का आकलन किया है, जो कि पिछले साल से 13 प्रतिशत ज्यादा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, पहले छोटे दानों जैसे कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा पर ज्यादा ध्यान नहीं था, लेकिन आज इन फसलों की प्राथमिकता है. पहले ये गरीबों की खाद्य सामग्री मानी जाती थी, अब इनके पोषक तत्वों के कारण बढ़ती मांग के चलते सर्वाधिक उपयोगी साबित हो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, आज जो स्थितियां हैं, वो पांच सालों बाद बदल जाएंगी. नाबार्ड ने मध्यप्रदेश और देश के कृषि अधोसंरचना निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अभूतपूर्व योगदान दिया है. नाबार्ड ने जो ज्ञान अर्जित किया है, उसका उपयोग भविष्य में अपनी सोच को विस्तार देने में करना होगा.

उल्लेखनीय है कि नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए एक लाख 98 हजार 786 करोड़ रुपए की ऋण का आकलन किया है. यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल ये आंकड़ा एक लाख 74 हजार 970 करोड़ था. इस ऋण अनुमान में फसलीय ऋण पर 1,03,005 करोड़ रूपए और टर्म लोन पर 44 हजार 982 करोड़ रुपए अनुमान है.

भोपाल। मंत्रालय में गुरुवार को नाबार्ड राज्य ऋण संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मध्यप्रदेश को देश की हॉर्टिकल्चर कैपिटल बनाने का संकल्प लिया है. उन्होंने कहा कि, उद्यानिकी क्षेत्र किसानों की समृद्धि के द्वार खोलने वाला क्षेत्र है, यह कृषि क्षेत्र का भविष्य है. नाबार्ड को हार्टिकल्चर क्षेत्र में ऋण देने का अनुमान 6 प्रतिशत से बढ़ाकर कम से कम 15 प्रतिशत तक रखना चाहिए.

नाबार्ड की बैठक का आयोजन

संगोष्ठी में नाबार्ड ने प्रदेश के लिये एक करोड 98 लाख 786 करोड़ रुपये के ऋण का आकलन किया है, जो कि पिछले साल से 13 प्रतिशत ज्यादा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, पहले छोटे दानों जैसे कोदो-कुटकी, ज्वार-बाजरा पर ज्यादा ध्यान नहीं था, लेकिन आज इन फसलों की प्राथमिकता है. पहले ये गरीबों की खाद्य सामग्री मानी जाती थी, अब इनके पोषक तत्वों के कारण बढ़ती मांग के चलते सर्वाधिक उपयोगी साबित हो रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि, आज जो स्थितियां हैं, वो पांच सालों बाद बदल जाएंगी. नाबार्ड ने मध्यप्रदेश और देश के कृषि अधोसंरचना निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए अभूतपूर्व योगदान दिया है. नाबार्ड ने जो ज्ञान अर्जित किया है, उसका उपयोग भविष्य में अपनी सोच को विस्तार देने में करना होगा.

उल्लेखनीय है कि नाबार्ड ने वर्ष 2020-21 के लिए एक लाख 98 हजार 786 करोड़ रुपए की ऋण का आकलन किया है. यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 13 प्रतिशत ज्यादा है. पिछले साल ये आंकड़ा एक लाख 74 हजार 970 करोड़ था. इस ऋण अनुमान में फसलीय ऋण पर 1,03,005 करोड़ रूपए और टर्म लोन पर 44 हजार 982 करोड़ रुपए अनुमान है.

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