ETV Bharat / state

तीन महीने के लिए टले नगरीय निकाय चुनाव, मंत्री ने दिए संकेत

मध्य प्रदेश में अब नगरीय निकाय चुनाव तीन महीने बाद होंगे. जिसे लेकर नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने संकेत दे दिए हैं.

Urban body elections postponed for three months
तीन महीने के लिए टले नगरीय निकाय चुनाव
author img

By

Published : Mar 15, 2021, 8:12 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव अब तीन महीने बाद होंगे. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के फैसले के बाद राज्य सरकार इसके कानून पहलुओं का अध्ययन कर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. हालांकि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने साफ किया है कि इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम तीन माह का वक्त लगेगा. संभावना जताई जा रही है कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं.

  • हाइकोर्ट के फैसले के बाद बदली स्थिति

निगरीय निकाय चुनाव के टलने की स्थिति हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के फैसले के बाद बनी है. महापौर, नगर पालिका और नगर परिशद अध्यक्ष पद पर की गई आरक्षण प्रकिया के खिलाफ मानवर्धन सिंह तोमर की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में रखी है. उधर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार अब इस मामले में कानूनी राय ले रही है. राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है.

  • दो से तीन महीने का लगेगा वक्त

नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने साफ किया है कि इस पूरी प्रक्रिया में दो से लेकर तीन माह का वक्त लगेगा. इस बीच विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने मतदाता सूची के पुर्नरीक्षण को लेकर भी सवाल उठाए. कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने विधानसभा में इसको लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान कई लेागों को छोड़ दिया गया. इसको लेकर बीजेपी के भी कुछ विधायकों ने सवाल उठाए.

  • कोर्ट के फैसले से बीजेपी को राहत

देखा जाए तो कोर्ट के फैसले से बीजेपी का राहत मिली है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बंगाल चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं. इसी तरह अरविंद भदौरिया, विश्वास सारंग को भी बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी दी है. कोर्ट के फैसले से बीजेपी को निकाय चुनाव के लिए आगे समय मिलेगा.

  • कोरोना और एक्जाम को लेकर भी समस्या

मध्यप्रदेश में कोरोना की एक बार फिर बढ़ रही रफ्तार के बीच नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी सत्ता पक्ष चिंतित है. प्रदेश में महाराष्ट्र से सटे जिलों और भोपाल-इंदौर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. यदि मौजूदा वक्त में नगरीय निकाय चुनाव हुए तो प्रशासन के सामने दोहरी चुनौती रहेगी. इसी तरह अप्रैल माह से एमपी बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू होने जा रही है. लिहाजा सत्ताधारी दल भी चुनाव कराने की जल्दबाजी में नहीं है.

तीन महीने के लिए फिर टले नगरीय निकाय चुनाव

चुनाव होने में लगेगा समय

उधर कांग्रेस के सीनियर विधायक पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के मुताबिक आरक्षण प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट ने जिस तरह के सवाल उठाए हैं. वह सभी के सामने है. उनके मुताबिक कोर्ट का जिस तरह का मामला सामने आया है. उसमें चुनाव की तारीखें बढ़ने की संभावना बनी हुई है.

  • कोरोना की वजह से टले थे नगरीय निकाय चुनाव

गौरतलब है कि प्रदेश के 409 नगरीय निकायों में से 307 का कार्यकाल 25 सितंबर 2020 को समाप्त हो चुका है. वहीं आठ नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी-फरवरी 2021 में पूरा हो चुका है. प्रदेश में कोरोना की वजह से लगातार नगरीय निकाय चुनाव टलते रहे हैं. पहले कमलनाथ सरकार ने चुनाव की तारीख बढ़ाई थी. इसके बाद शिवराज सरकार में कोरोना की वजह से इसके आगे बढ़ाया गया.

भोपाल। मध्य प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव अब तीन महीने बाद होंगे. हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के फैसले के बाद राज्य सरकार इसके कानून पहलुओं का अध्ययन कर सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है. हालांकि नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने साफ किया है कि इस पूरी प्रक्रिया में कम से कम तीन माह का वक्त लगेगा. संभावना जताई जा रही है कि नगरीय निकाय चुनाव के पहले पंचायत चुनाव कराए जा सकते हैं.

  • हाइकोर्ट के फैसले के बाद बदली स्थिति

निगरीय निकाय चुनाव के टलने की स्थिति हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के फैसले के बाद बनी है. महापौर, नगर पालिका और नगर परिशद अध्यक्ष पद पर की गई आरक्षण प्रकिया के खिलाफ मानवर्धन सिंह तोमर की याचिका पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर रोक लगा दी. कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई अप्रैल में रखी है. उधर हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ राज्य सरकार अब इस मामले में कानूनी राय ले रही है. राज्य सरकार इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर रही है.

  • दो से तीन महीने का लगेगा वक्त

नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने साफ किया है कि इस पूरी प्रक्रिया में दो से लेकर तीन माह का वक्त लगेगा. इस बीच विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायकों ने मतदाता सूची के पुर्नरीक्षण को लेकर भी सवाल उठाए. कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने विधानसभा में इसको लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान कई लेागों को छोड़ दिया गया. इसको लेकर बीजेपी के भी कुछ विधायकों ने सवाल उठाए.

  • कोर्ट के फैसले से बीजेपी को राहत

देखा जाए तो कोर्ट के फैसले से बीजेपी का राहत मिली है. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा बंगाल चुनाव में बीजेपी के स्टार प्रचारक हैं. इसी तरह अरविंद भदौरिया, विश्वास सारंग को भी बीजेपी ने विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी दी है. कोर्ट के फैसले से बीजेपी को निकाय चुनाव के लिए आगे समय मिलेगा.

  • कोरोना और एक्जाम को लेकर भी समस्या

मध्यप्रदेश में कोरोना की एक बार फिर बढ़ रही रफ्तार के बीच नगरीय निकाय चुनाव को लेकर भी सत्ता पक्ष चिंतित है. प्रदेश में महाराष्ट्र से सटे जिलों और भोपाल-इंदौर में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. यदि मौजूदा वक्त में नगरीय निकाय चुनाव हुए तो प्रशासन के सामने दोहरी चुनौती रहेगी. इसी तरह अप्रैल माह से एमपी बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू होने जा रही है. लिहाजा सत्ताधारी दल भी चुनाव कराने की जल्दबाजी में नहीं है.

तीन महीने के लिए फिर टले नगरीय निकाय चुनाव

चुनाव होने में लगेगा समय

उधर कांग्रेस के सीनियर विधायक पूर्व मंत्री बृजेन्द्र सिंह राठौर के मुताबिक आरक्षण प्रक्रिया को लेकर हाईकोर्ट ने जिस तरह के सवाल उठाए हैं. वह सभी के सामने है. उनके मुताबिक कोर्ट का जिस तरह का मामला सामने आया है. उसमें चुनाव की तारीखें बढ़ने की संभावना बनी हुई है.

  • कोरोना की वजह से टले थे नगरीय निकाय चुनाव

गौरतलब है कि प्रदेश के 409 नगरीय निकायों में से 307 का कार्यकाल 25 सितंबर 2020 को समाप्त हो चुका है. वहीं आठ नगरीय निकायों का कार्यकाल जनवरी-फरवरी 2021 में पूरा हो चुका है. प्रदेश में कोरोना की वजह से लगातार नगरीय निकाय चुनाव टलते रहे हैं. पहले कमलनाथ सरकार ने चुनाव की तारीख बढ़ाई थी. इसके बाद शिवराज सरकार में कोरोना की वजह से इसके आगे बढ़ाया गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.