भोपाल। कलेक्टर अविनाश लवानिया ने भोपाल के नगरीय और जिला पंचायत निकायों को निर्देश दिए हैं कि मानसून (Monsoon) के दिनों में सभी नाली-नालों की साफ-सफाई कराते हुए बारिश के पानी भरने और जल निकासी के स्थान का निरीक्षण करें. यदि वहां किसी तरह का कोई अतिक्रमण हो तो हटा लिया जाए. किसी भी निकाय में जलभराव की स्थिति नहीं होनी चाहिए. हालांकि, भोपाल में नालों की सफाई का काम नगर निगम ने अप्रैल से ही शुरू कर दिया था. दो से तीन दिनों में सभी नाले साफ कर दिए जाएंगे.
'सभी नालियों को साफ करा दिया गया है'
भोपाल कलेक्टर के निर्देश पर भोपाल नगर निगम ने सभी नालियों को साफ करा दिया है. इसके अतिरिक्त शहरी क्षेत्रों में बड़े तालाब और अन्य तालाबों के पास वर्षा अधिक होने पर जल निकासी की व्यवस्था की जाए. कचरा गाड़ियों का समय निर्धारित हो. बाजार क्षेत्रों में से दो बार कचरा संग्रहण किया जाए. घर-घर कचरा संग्रहण में गीला कचरा और सूखा कचरा अलग-अलग लिया जाए. सड़क पर नाली में सार्वजनिक क्षेत्रों में कचरा फेंकने वालों के खिलाफ जुर्माने की कार्रवाई की जाए. कचरा गाड़ी के माध्यम से प्रसारण किया जाए कि गीला और सूखा कचरा अलग-अलग दिया जाए. सभी सीएमओ नगर की सफाई का निरीक्षण करें. एक माह के बाद प्रत्येक नगरीय निकाय में स्वच्छता का निरीक्षण किया जायेगा.
Pre-Monsoon की दस्तक के साथ ही 'पानी-पानी' हुआ नगर निगम
भोपाल नगर निगम एडिशनल कमिश्नर एमपी सिंह ने बताया कि भोपाल में चिह्नित सभी 641 नाले-नालियों को जेसीबी या मैनुअली तरीकों से साफ करने के लिए अप्रैल से ही मुहिम चालू कर दी गई थी, जो लगभग पूरी कर ली गई है. अधिक बारिश होने पर भी 1 घंटे के अंदर जल निकासी की व्यवस्था की गई है. नालों पर अब किसी प्रकार का स्थाई अतिक्रमण नहीं है. भोपाल के किसी भी नाले पर इस तरह का अतिक्रमण नहीं है, जिससे पानी का बहाव अवरुद्ध हो.