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MPPSC पास करना लगने लगी जीवन की सबसे बड़ी गलती, महिलाओं ने CM को लिखा पत्र

मध्यप्रदेश पीएससी सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 में चयनित हुए 91 महिलाएं सरकार से कर ज्वाइनिंग की मांग कर रही हैं, इन महिलाओं ने शिवराज सिंह चौहान के नाम एक पत्र भी लिखा है.

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सीएम शिवराज सिंह चौहान
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Published : May 22, 2020, 1:33 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश पीएससी सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 में चयनित 2700 परीक्षार्थी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जोइनिंग की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस सरकार में महिलाओं द्वारा लंबे समय तक प्रदर्शन किया गया, लेकिन कांग्रेस सरकार में भी इन महिलाओं की कोई सुनवाई नहीं हुई. आज इस लॉकडाउन के बीच ये महिलाएं सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए अपनी कहानी बता रही हैं और सरकार से मांग कर रही हैं कि उन्हें जल्द से जल्द ज्वाइनिंग दी जाए.

जीवन की सबसे बड़ी गलती

मध्यप्रदेश पीएससी सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 का रिजल्ट अगस्त 2018 में आया था, जिसमें लगभग 2700 चयनित हुए थे. इसमें से 91 आरक्षित वर्ग एससी एसटी ओबीसी की महिलाओं का चयन मेरिट लिस्ट में फीमेल सीट पर हुआ था. सितंबर 2018 तक सभी का वेरिफिकेशन हो चुका था और तभी सरकार बदल गई और इन महिलाओं का भविष्य भी अधर में लटक गया. पीएससी चयनित महिलाएं अब मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही हैं. इनका का कहना है 'इकनी मेहनत करने के बाद हमने पीएससी पास किया और आज सालभर से ज्यादा समय हो गया, लेकिन हमें जॉइनिंग नहीं मिली है.'

पीएससी चयनित अंजू का कहना है 'सालों लगातार मेहनत करके उन्होंने पीएससी का एग्जाम क्लियर किया और अब ये उन्हें अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती लगने लगी है. आज समाज में उन महिलाओं को सम्मान दिया जाता है, जो पीएससी पास करती हैं. लेकिन हम महिलाओं के साथ सरकार ने नाइंसाफी की है. पीसीएससी चयनित होने के बावजूद आज तक हमें ज्वाइनिंग नहीं मिली, जिसकी वजह से आर्थिक तंगी के साथ ही मानसिक प्रताड़ना भी झेल रहे हैं.'

भोपाल। मध्यप्रदेश पीएससी सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 में चयनित 2700 परीक्षार्थी प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से जोइनिंग की मांग कर रहे हैं. कांग्रेस सरकार में महिलाओं द्वारा लंबे समय तक प्रदर्शन किया गया, लेकिन कांग्रेस सरकार में भी इन महिलाओं की कोई सुनवाई नहीं हुई. आज इस लॉकडाउन के बीच ये महिलाएं सोशल मीडिया पर एक वीडियो के जरिए अपनी कहानी बता रही हैं और सरकार से मांग कर रही हैं कि उन्हें जल्द से जल्द ज्वाइनिंग दी जाए.

जीवन की सबसे बड़ी गलती

मध्यप्रदेश पीएससी सहायक प्राध्यापक परीक्षा 2017 का रिजल्ट अगस्त 2018 में आया था, जिसमें लगभग 2700 चयनित हुए थे. इसमें से 91 आरक्षित वर्ग एससी एसटी ओबीसी की महिलाओं का चयन मेरिट लिस्ट में फीमेल सीट पर हुआ था. सितंबर 2018 तक सभी का वेरिफिकेशन हो चुका था और तभी सरकार बदल गई और इन महिलाओं का भविष्य भी अधर में लटक गया. पीएससी चयनित महिलाएं अब मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रही हैं. इनका का कहना है 'इकनी मेहनत करने के बाद हमने पीएससी पास किया और आज सालभर से ज्यादा समय हो गया, लेकिन हमें जॉइनिंग नहीं मिली है.'

पीएससी चयनित अंजू का कहना है 'सालों लगातार मेहनत करके उन्होंने पीएससी का एग्जाम क्लियर किया और अब ये उन्हें अपने जीवन की सबसे बड़ी गलती लगने लगी है. आज समाज में उन महिलाओं को सम्मान दिया जाता है, जो पीएससी पास करती हैं. लेकिन हम महिलाओं के साथ सरकार ने नाइंसाफी की है. पीसीएससी चयनित होने के बावजूद आज तक हमें ज्वाइनिंग नहीं मिली, जिसकी वजह से आर्थिक तंगी के साथ ही मानसिक प्रताड़ना भी झेल रहे हैं.'

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