ETV Bharat / state

एमपी में नवजात शिशु मृत्यु दर सबसे अधिक, स्वास्थ्य सूचकांक में 17वां स्थान, स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए टास्क फोर्स गठित

मध्य प्रदेश में नवजात शिशु मृत्यु दर (neonatal mortality rate) देश में सबसे अधिक है. मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate in MP) और कुपोषण को कम करने के लिए राज्य सरकार ने अब 4 सदस्यों की एक टास्क फोर्स गठित की है. प्रधानमंत्री की एडवाइजरी काउंसिल की सदस्य रहीं शमिका रवि को टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया है.

Infant Mortality Rate in MP
मध्य प्रदेश में नवजात शिशु मृत्यु दर
author img

By

Published : Jan 4, 2022, 9:57 PM IST

Updated : Jan 4, 2022, 10:54 PM IST

भोपाल। नीति आयोग की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े होने के बाद राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है. ये टास्क फोर्स मध्यप्रदेश में कुपोषण कम करने और मातृ (Maternal Mortality Rate in MP) एवं शिशु मृत्यु दर घटाने के संबंध में सुझाव देगी. प्रधानमंत्री की एडवाइजरी काउंसिल की सदस्य रहीं शमिका रवि को टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया है. प्रोफेसर शमीका रवि अर्थशास्त्री हैं.

सीएम शिवराज की मैराथन बैठकेंः अधिकारियों को सुशासन के दिए निर्देश, कांग्रेस की चुटकी- समीक्षा नहीं भ्रष्टाचार रोकने की है जरूरत


क्यों पड़ी टास्क फोर्स गठित करने की जरूरत
दरअसल हाल ही में नीति आयोग की हेल्थ स्टेटस प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट जारी हुई है. इस रिपोर्ट में 19 बड़े राज्यों की संपूर्ण स्वास्थ्य सूचकांकों की रैंकिंग तैयार की गई है जिसमें मध्य प्रदेश देश में 17वें स्थान पर है. यह रिपोर्ट 2019-20 की है, इसमें मध्य प्रदेश से नीचे सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश है. रिपोर्ट में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के मामले में मध्य प्रदेश की हालत बेहद खराब बताई गई है. प्रदेश में जन्म से 28 दिनों तक के बच्चों की मौत यानी नवजात शिशु मृत्यु के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले नंबर (MP tops in neonatal mortality rate) पर है. 2018-19 में जहां शिशु मृत्यु दर 33 प्रति हजार थी, वह 2019-20 में 35 प्रति हजार हो गई. 1 साल तक के बच्चों की सबसे ज्यादा मौत के मामले में मध्य प्रदेश की स्थिति पिछले 15 सालों से वही है.

चार सदस्यीय टास्क फोर्स गठित (task force formed to improve health system)
मध्यप्रदेश में मातृ मृत्यु दर, नवजात शिशु मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate in MP) और कुपोषण को कम करने के लिए राज्य सरकार ने अब 4 सदस्यों की एक टास्क फोर्स गठित की है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में प्रदेश की मातृ मृत्यु दर. शिशु मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. उक्त स्वास्थ्य सूचकांकों में कमी लाने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. टास्क फोर्स का अध्यक्ष अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की इकोनामिक एडवाइजर काउंसिल की पूर्व सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि को बनाया गया है. इसके अलावा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव और अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन नीति एवं विश्लेषण संस्थान द्वारा नामांकित दो विषय विशेषज्ञों को सदस्य बनाया जाएगा.

30 जून तक सरकार को देगी रिपोर्ट

यह टास्क फोर्स मध्य प्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के साथ कोआर्डिनेशन कर काम करेगी और टास्क फोर्स की बैठक हर माह एक बार और जरूरत पड़ने पर आयोजित की जाएगी. यह टास्क फोर्स मात्र नवजात शिशु एवं शिशु मृत्यु दर और कुपोषण में कमी लाने हेतु प्रस्तावित हस्तक्षेप और संभावित प्रभाव की रिपोर्ट राज्य शासन को 30 जून तक पेश करेगी.

भोपाल। नीति आयोग की रिपोर्ट में मध्यप्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर सवाल खड़े होने के बाद राज्य सरकार ने टास्क फोर्स का गठन किया है. ये टास्क फोर्स मध्यप्रदेश में कुपोषण कम करने और मातृ (Maternal Mortality Rate in MP) एवं शिशु मृत्यु दर घटाने के संबंध में सुझाव देगी. प्रधानमंत्री की एडवाइजरी काउंसिल की सदस्य रहीं शमिका रवि को टास्क फोर्स का अध्यक्ष बनाया गया है. प्रोफेसर शमीका रवि अर्थशास्त्री हैं.

सीएम शिवराज की मैराथन बैठकेंः अधिकारियों को सुशासन के दिए निर्देश, कांग्रेस की चुटकी- समीक्षा नहीं भ्रष्टाचार रोकने की है जरूरत


क्यों पड़ी टास्क फोर्स गठित करने की जरूरत
दरअसल हाल ही में नीति आयोग की हेल्थ स्टेटस प्रोग्रेसिव इंडिया रिपोर्ट जारी हुई है. इस रिपोर्ट में 19 बड़े राज्यों की संपूर्ण स्वास्थ्य सूचकांकों की रैंकिंग तैयार की गई है जिसमें मध्य प्रदेश देश में 17वें स्थान पर है. यह रिपोर्ट 2019-20 की है, इसमें मध्य प्रदेश से नीचे सिर्फ बिहार और उत्तर प्रदेश है. रिपोर्ट में मातृ एवं शिशु मृत्यु दर के मामले में मध्य प्रदेश की हालत बेहद खराब बताई गई है. प्रदेश में जन्म से 28 दिनों तक के बच्चों की मौत यानी नवजात शिशु मृत्यु के मामले में मध्य प्रदेश देश में पहले नंबर (MP tops in neonatal mortality rate) पर है. 2018-19 में जहां शिशु मृत्यु दर 33 प्रति हजार थी, वह 2019-20 में 35 प्रति हजार हो गई. 1 साल तक के बच्चों की सबसे ज्यादा मौत के मामले में मध्य प्रदेश की स्थिति पिछले 15 सालों से वही है.

चार सदस्यीय टास्क फोर्स गठित (task force formed to improve health system)
मध्यप्रदेश में मातृ मृत्यु दर, नवजात शिशु मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate in MP) और कुपोषण को कम करने के लिए राज्य सरकार ने अब 4 सदस्यों की एक टास्क फोर्स गठित की है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि वर्तमान में प्रदेश की मातृ मृत्यु दर. शिशु मृत्यु दर और नवजात मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से ज्यादा है. उक्त स्वास्थ्य सूचकांकों में कमी लाने के लिए प्रभावी रणनीति तैयार करने के लिए एक टास्क फोर्स का गठन किया गया है. टास्क फोर्स का अध्यक्ष अर्थशास्त्री और प्रधानमंत्री की इकोनामिक एडवाइजर काउंसिल की पूर्व सदस्य प्रोफेसर शमिका रवि को बनाया गया है. इसके अलावा लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव को सचिव, महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख सचिव और अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन नीति एवं विश्लेषण संस्थान द्वारा नामांकित दो विषय विशेषज्ञों को सदस्य बनाया जाएगा.

30 जून तक सरकार को देगी रिपोर्ट

यह टास्क फोर्स मध्य प्रदेश राज्य नीति एवं योजना आयोग के साथ कोआर्डिनेशन कर काम करेगी और टास्क फोर्स की बैठक हर माह एक बार और जरूरत पड़ने पर आयोजित की जाएगी. यह टास्क फोर्स मात्र नवजात शिशु एवं शिशु मृत्यु दर और कुपोषण में कमी लाने हेतु प्रस्तावित हस्तक्षेप और संभावित प्रभाव की रिपोर्ट राज्य शासन को 30 जून तक पेश करेगी.

Last Updated : Jan 4, 2022, 10:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.