उज्जैन। मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले की बड़नगर विधानसभा सीट के नतीजे हमेशा चौंकाते रहे हैं, यहां कभी बीजेपी का पल्ला भारी रहता है, तो कभी कांग्रेस का. पिछले विधानसभा चुनाव में बड़नगर विधानसभा सीट कांग्रेस के खाते में गई थी, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के बीच हार-जीत का अंतर मुश्किल से 1400 वोटों का रहा था. आगामी चुनाव को लेकर बीजेपी और कांग्रेस की तरफ से दावेदारी चुनावी ताल ठोंक रहे हैं. कांग्रेस विधायक मुरली मोरवाल फिर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं, वहीं बीजेपी की तरफ से मुकेश पंड्या की दावेदारी बेहद मजबूत मानी जा रही है. वैसे इस सीट पर जीत का रिकॉर्ड बीजेपी का मजबूत रहा है, पिछले 10 चुनावों में बीजेपी 6 बार कब्जा जमाने में सफल रही है.
![MP Seat Scan](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-09-2023/19407018_b-3.png)
बड़नगर विधानसभा का चुनावी इतिहास: मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में 7 विधानसभा सीटें आती हैं, इसमें नागदा-खाचरौद, तराना, महिदपुर, घटिया, उज्जैन दक्षिण, उज्जैन उत्तर और बड़नगर सीट शामिल है. इनमें से घटिया और तराना सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हैं, बड़नगर विधानसभा सीट सामान्य है. इस सीट पर अब तक 10 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं, इसमें से 6 बार बीजेपी और 4 बार कांग्रेस का कब्जा रह चुका है. पिछला 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के मुरली मोरवाल ने जीत दर्ज की थी, हालांकि उनके और बीजेपी उम्मीदवार संजय शर्मा के बीच हार-जीत का अंतर सिर्फ 1442 वोटों का ही रहा था. कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टियां यहां हमेशा नए चेहरों को मैदान में उतारती रही है.
![Badnagar Vidhan Sabha Seat](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-09-2023/19407018_b-1.png)
कांग्रेस और बीजेपी नेता तैयारियों में जुटे: इस बार कांग्रेस और बीजेपी टिकट के पैनामे में पिछले चुनाव में हार-जीत के अंतर को भी रखकर देख रही है, हालांकि कांग्रेस की तरफ से मौजूदा विधायक मुरली मोरवाल जोरशोर से तैयारियों में जुटे हैं. बड़नगर से मौजूदा विधायक कांग्रेस के मुरली मोरवाल हैं. 2008 में भी वे चुनाव मैदान में उतरे थे, लेकिन 6 हजार वोटों से हार गए थे. हाल ही में उन्होंने बयान दिया था कि बीजेपी ने पार्टी में आने के लिए उन्हें 40 से 45 करोड़ रुपए और राज्यमंत्री पद का ऑफर किया है, हालांकि बीजेपी ने उनके आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि उन्हें टिकट कटने का डर है, इसलिए खुद को ईमानदारी का सर्टिफिकेट दे रहे हैं. हालांकि इस सीट से बीजेपी से मुकेश पंडया का नाम तय माना जा रहा है, वे 2013 में इस सीट से विधायक रह चुके हैं. उनके पिता उदय पंड्या इस सीट से तीन बार विधायक रह चुके हैं. मध्यप्रदेश में सत्ताधारी दल होने की वजह से सत्ता विरोधी लहर के बावजूद बीजेपी इस सीट पर फिर अपना कब्जा करने की कोशिश कर रही है, जबकि कांग्रेस इस सीट पर अपनी पकड़ और मजबूत करना चाहेगी. 2003, 2008 और 2013 के चुनावों में कांग्रेस का वोट बंटा था, जिसे कांग्रेस पिछले चुनाव में एकजुट करने में कामयाब रही थी.
![MP Seat Scan Badnagar](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/02-09-2023/19407018_b-2.png)
बड़नगर विधानसभा सीट के मतदाता: बड़नगर में अगस्त माह तक कुल मतदाताओं की संख्या बढ़कर 2,07,425 हो गई है, इसमें पुरूष मतदाताओं की संख्या 1 लाख 1 हजार 168 हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 97251 है और थर्ड जेंडर के मतदाता 6 हैं. इस विधानसभा सीट पर ब्राह्मण और राजपूत मतदाता सबसे ज्यादा है.
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मतदाता हर बार बढ़-चढ़कर देते हैं वोट: मतदान को लेकर बड़नगर में मतदाता बेहद जागरूक हैं, वे हर बार मतदान में बढ-चढ़कर हिस्सा लेता है. 2018 के विधानसभा चुनाव में बड़नगर विधानसभा में कुल मतदाता 1 लाख 87 हजार 833 मतदाता थे, इसमें से 1 लाख 55 हजार 554 यानी 82 फीसदी लोगों ने मतदान किया था. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 76 हजार 802 (49.39 फीसदी) वोट मिले थे, जबकि बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) को 71 हजार 421 (45.92 फीसदी) वोट मिले थे. इसके अलावा बहुजन समाज पार्टी के खाते में 0.91 फीसदी और बहुजन संघर्श दल के खाते में 0.89 फीसदी वोट गए. 2013 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में 87 हजार 125 यानी 9.3 फीसदी वोट गए थे, इसे कांग्रेस उम्मीदवार की हार का मुख्य कारण माना गया था.