भोपाल । रैंकिंग जारी होने के बाद सभी जिला कलेक्टर्स से सुधारात्मक सुझाव लिए जाएंगे. संचालक धनराजू ने बताया कि गुणवता एवं समय सीमा में कार्य निष्पादन के साथ ही जिलों के मध्य एक स्वस्थ्य प्रतियोगिता भाव पैदा करने की दृष्टि से यह व्यवस्था लागू की गई है. पूर्व में विगत सत्र 2021-22 का वार्षिक जिला रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया था. इस सत्र से प्रत्येक त्रैमास में यह व्यवस्था लागू की जा रही है.
रैंकिंग के बाद सुधार होगा : इस व्यवस्था के तहत राज्य शिक्षा केन्द्र के अंतर्गत आने वाले सभी जिला शिक्षा केन्द्रों एवं डाइटस तथा शिक्षा महाविद्यालयों जैसे प्रशिक्षण संस्थानों के कार्यों को हर त्रैमास कसौटी पर कसा जायेगा और प्राप्ताकों के आधार पर सुधारात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. रिपोर्ट में प्राथमिकता के आधार पर अनेक कार्य बिंदु निर्धारित किए गए हैं. जिनमें कृत कार्यों को सामने रखकर जिलों की रिपोर्ट और रैंकिंग तैयार होगी. इन कार्यों को मुख्यतः बच्चों के नामांकन एवं ठहराव, गुणवत्ता पूर्ण शैक्षिक उपलब्धियां, शिक्षकों का व्यवसायिक विकास, समानता, अद्योसंरचना एवं भौतिक सुविधाएं और सुशासन प्रक्रियाएं आदि को 6 मुख्य भागों में बाटा गया है.
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सीएम ने दिए थे निर्देश : कुल 32 सूचकांक सम्मिलित हैं. इनमें प्रत्येक तिमाही की प्राथमिकता के अनुसार समसामायिक रूप से परिवर्तन किए जाते रहेंगे. मुख्यमंत्री चौहान ने पूर्व में निर्देशित किया था कि जिलों की शैक्षिक रैंकिंग प्रणाली विकसित की जाए. सभी जिलों के जिला परियोजना अधिकारियों के साथ ही जिला कलेक्टर्स और संभागीय आयुक्तों के मध्य भी रिपोर्ट साझा की जायेगी. MP School Education, Rank districts tomorrow, suggestions of collectors