भोपाल। एटीएस चीफ हेमंत करकरे को लेकर दिए गए बयान पर साध्वी प्रज्ञा सिंह का विरोध करने वाले रिटायर्ड स्पेशल डीजी आईपीएस एनके त्रिपाठी इन दिनों खुद आरोपों के घेरे में हैं. आरोप है कि उन्होंने मप्र वुशु संघ पर कब्जा बरकरार रखने के लिए फर्जी बैठक करके दस्तावेज फर्म एंड सोसायटी में जमा कर दिए. मामला तब खुला जब सीएम हेल्पलाइन में शिकायत हुई. पुलिस ने जांच में लिखा कि फर्म एंड साेसायटी में जमा किए गए दस्तावेज प्रथम दृष्टया फर्जी प्रतीत होते हैं. हालांकि अभी जांच जारी है.
बैठक को लेकर जांच: 28 दिसंबर 2021 को बैठाई गई एक बैठक को लेकर सीएम हेल्पलाइन में रिटायर्ड आईपीएस एनके त्रिपाठी के खिलाफ की गई. शिकायत के बाद जांच हुई. इस जांच के दस्तावेज ईटीवी भारत के पास मौजूद हैं. इसी बैठक के दस्तावेज कार्यालय असिस्टेंट रजिस्ट्रार फर्म व संस्थाएं जबलपुर में धारा 27 व 28 के तहत प्रस्तुत किए गए थे. जब पुलिस ने इस की सत्यता जांची तो पता चला कि आईपीएस समेत जिन 4 सदस्यों को भोपाल में बैठक करना बताया गया. उनमें से आईपीएस एनके त्रिपाठी की लोकेशन इंदौर, महिला सचिव की लोकेशन जबलपुर, सदस्य माया रजक की मंडला और एक अन्य सदस्य शैलेंद्र शर्मा की लोकेशन सतना पाई गई.
जब बयान लिए गए तो माया रजक और शैलेंद्र शर्मा ने एक जैसे बयान देते हुए कहा कि वे भोपाल बैठक करने गए थे, लेकिन दोनों की लोकेशन भोपाल नहीं पाई गई. इतना ही नहीं फर्म एंड सोसायटी में जो दस्तावेज जमा कराए गए, उनमें भी प्रथम दृष्टया हस्ताक्षर फर्जी समझ आए. इस मामले में जब पुलिस ने आईपीएस एनके त्रिपाठी को नोटिस देकर बयान के लिए बुलाया तो वे उपस्थित नहीं हुए. जबकि महिला सचिव ने लिखित बयान दिया. यह मामला 12 दिसंबर 2022 को एल-3 लेवल के अधिकारी के पास भेज दिया गया है. इसके बाद से पेंडिंग चल रहा है. अब यह गृह मंत्री और डीजीपी एमपी के पास पहुंच गया है.
यह है मामला: राज्य स्तरीय खेल संघ की महिला सचिव और रिटायर्ड आईपीएस अध्यक्ष द्वारा संयुक्त हस्ताक्षर से 30 नवंबर 2022 को 8 लाख रुपए का नगद आहरण किया गया है. आरोप है कि, जब इस मामले में खेल संघ के उपाध्यक्ष, कोषाध्यक्ष, संयुक्त सचिव ने अध्यक्ष व महिला सचिव को नोटिस जारी करके स्पष्टीकरण मांगा तो अध्यक्ष व सचिव ने कूट रचित दस्तावेज तैयार करके 28 दिसंबर 2021 को भोपाल में बैठक करना बता दिया. आरोप लगाने वाले खेल संघ पदाधिकारियों ने बताया कि, मामला सामने आने पर 11 अप्रैल 2022 को विशेष बैठक कर उक्त महिला सचिव तथा अध्यक्ष (रिटायर्ड आईपीएस) को निष्कासित कर दिया गया. 25 अप्रैल 2022 को दोनों के खिलाफ जबलपुर के संजीवनी नगर थाने और पुलिस अधीक्षक जबलपुर के पास धोखाधड़ी की शिकायत की गई, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई.
क्या कहते हैं रिटायर्ड डीजी: इस पूरे मामले में जब रिटायर्ड डीजी एनके त्रिपाठी से बात की तो बोले कि शिकायत झूठी है और अभी पुलिस जांच कर रही है. जब उनसे कहा कि आपका कार्यकाल 3 बार से अधिक हो गया है. तो बोले यह नियम राज्य में लागू नहीं होता. गौरतलब है कि एमपी और देश में नियम है कि, कोई भी व्यक्ति तीन बार से अधिक किसी भी संघ का अध्यक्ष नहीं बन सकता है, लेकिन डीजी एनके त्रिपाठी जनवरी 2008 से लगातार अध्यक्ष हैं. यानी इन्हें अब तक 15 साल से अधिक का समय हाे गया है. बता दें एनके त्रिपाठी वर्ष 1974 बैच के आईपीएस हैं. मूल रूप से लखनऊ उत्तरप्रदेश के रहने वाले हैं. उन्होंने स्पेशल डीजी सीआरपीएफ की भी जिम्मेदारी संभाली है. वे नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो में डीजी रहते रिटायर्ड हुए थे.
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प्रज्ञा ठाकुर के बयान का कर चुके हैं विरोध: मुंबई में हमले के दौरान शहीद हुए एटीएस के शहीद हेमंत करकरे को लेकर जब भोपाल सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंंह ने बयान दिया था तो आईपीएस एनके त्रिपाठी ने इसका विरोध किया था. यहां तक कि उन्होंने कैंडल मार्च भी निकाला था. वे ब्यूराेक्रेसी की नैतिकता को लेकर भी सवाल उठा चुके हैं.