भोपाल। सियासी गलियारों में सिंधिया खेमे के कुछ मंत्री और विधायकों को लेकर चर्चा है कि, अब जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं. इन्हें ये चिंता सता रही है कि, बीजेपी संगठन के टिकट के पैमाने में इनका पत्ता न कट जाए. सुना तो ये भी है कि, सिंधिया समर्थक कई भाजपाई विधायक हारे का हरिनाम के अंदाज में घर वापिसी की राह भी देख रहे हैं. लेकिन मुश्किल ये है कि इन्हें मौका कौन देगा.
मंत्रियों, विधायकों की बढ़ी चिंता: जबसे विकास यात्रा की तस्वीरें सामने आई हैं. इन मंत्रियों विधायकों की चिंता और बढ़ गई है कि, जब जीत की गारंटी को पैमाना मानने वाली पार्टी अपने जीवनदानी कार्यकर्ताओं को हाशिए पर बैठाने में वक्त नहीं लगाती. तो हमारी तो पार्टी में उम्र ही कितनी है. जब से सिंधिया समर्थक मंत्रियों की अलग से क्लास लगी है तब से ये डर दुगना हो गया है. उधर कांग्रेस में ऊपर से नीचे तक सिंधिया समेत समर्थकों की घर वापिसी को लेकर पहले ही स्टैंड क्लियर है. इस अंदाज में कि ये गलियां ये चौबारा अब यहां आना ना दोबारा.
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अब आप हमारे हैं: आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) मिस्ड कॉल से एमपी में सदस्यता अभियान चला रही है. ये तो आप जानते ही हैं, लेकिन सुना ये है कि पार्टी की ओर से कॉल उन्हें सदस्य बनाने के लिए खास तौर पर जा रहे हैं. जो कांग्रेस और बीजेपी से नाराज बैठे हैं. आप पार्टी की नजर रूठे भाजपाई फूफाओं पर ज्यादा है. मुमकिन है कि 2020 के उपचुनाव से जख्म लिए बैठे कई बीजेपी के नेता जो कांग्रेस में ना जाने की अपनी कसम बरकरार रखना चाहते हैं.
आम आदमी पार्टी की तैयारी पूरी: खबर ये लगी है कि चुनाव में बीजेपी से टिकट ना मिलने की सूरत में ये आप का हाथ थामकर बीजेपी से पूछ सकते हैं कि हम आपके हैं कौन. इधर आम आदमी पार्टी में भी तैयारी पूरी है कि ऐसे रुठे फूफाओं को दूल्हा बनाकर लाने में देर ना की जाए. इस लिस्ट में एक पूर्व मुख्यमंत्री के बेटे जो खुद भी मंत्री रहे हैं टॉप पर चल रहा है. कहा ये जा रहा है कि दुर्घटना से देर भली के अंदाज में बीजेपी के रुठे विधायक निर्दलीय के बजाए आम आदमी पार्टी की पतवार थामने का मन बना चुके हैं.
पीडब्लूडी में पंडित जी का रुद्राक्ष: अब मैं आपसे पूछूं कि पिछले दो हफ्तों से एमपी में सबसे ज्यादा डिमांड में क्या रहा. तो आप कहेंगे ना कि पंडित प्रदीप मिश्रा जी की कथा और रुद्राक्ष. रुद्राक्ष वितरंण बंद होने के बाद तो हर आदमी की जुबान पर एक ही सवाल रुद्राक्ष मिली क्या अब पंडितजी का रुद्राक्ष किसी का कैसे और कितना जीवन बदल पाएंगा. ये तो भोलेनाथ ही जानते हैं लेकिन पीडब्लूडी विभाग के एक बाबू ने अपने डिपार्टमेंट में तो रुद्राक्ष के जरिए अपनी स्थिति मजबूत कर ली. अब आप कहेंगे कैसे तो वो ऐसे कि महाशय सीहोर गए कचौरी खाकर लौटे बाजार से कुछ रुद्राक्ष खरीदे और दफ्तार जाकर बताया कि, साहब आपके लिए अभिमंत्रित रुद्राक्ष ले आया हूं. सुना तो ये है कि सरकारी बाबू को इस सेवा कार्य के बदले सौहार्द में ही कुछ धनराशि भी प्राप्त हो गई. मानेंगे ना सरकारी बाबू ने मौके से लगा दिया चौका.