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MP Unemployment News: युवा मांगे रोजगार…71 हजार युवाओं ने उठाई मांग, 5 साल परीक्षा का इंतजार करते हो गए ओवरएज..जानें पूरा मामला

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 8, 2023, 3:02 PM IST

मप्र युवा मांगे रोजगार… यह सब्जेक्ट ट्विटर पर शनिवार सुबह से ही ट्रेडिंग कर रहा था. 71 हजार से अधिक युवाओं ने इसे रीपोस्ट और ट्वीट किया, क्योंकि पुलिस समेत कई परीक्षाओं में भर्ती का इंतजार करते हुए 5 साल बीते गए हैं और कोई भर्ती नहीं हुई है.इस कारण युवा ओवर ऐज हो गए हैं. इसलिए ठीक आचार संहिता के पहले युवाओं ने एक बार फिर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.

patwaris demand employment
मध्य प्रदेश युवा मांगे रोजगार

भोपाल। एमपी नगर जोन एक की एक निजी कोचिंग में पिछले 7 वर्ष से लगातार पुलिस की खाकी वर्दी पहनने का सपना देख रहे चंद्रकांत शर्मा की कहानी बहुत मार्मिक है. दरअसल चंद्रकांत साल 2017 से ही पुलिस सब इंस्पेक्टर बनने की तैयारी में जुटे थे. 2017 में भर्ती निकली थी, लेकिन लिखित परीक्षा पास नहीं कर पाए फिर तैयारी करने लगे. उम्मीद थी कि अगले साल परीक्षा निकाल लेंगे, लेकिन 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद भर्ती पर रोक लगा दी गई. जो अब तक लगी हुई है.

तैयारी करने वाले छात्रों की कहानी: अब चंद्रकांत की उम्र 25 साल से ऊपर हो गई है. सामान्य वर्ग का होने के कारण आयु में छूट भी नहीं मिलेगी. यह हाल केवल सामान्य वर्ग का नहीं, बल्कि ओबीसी, एससी और एसटी का भी है. अरविंद मरावी जो कि आदिवासी वर्ग से आते हैं कि भी कुछ चिंता कम नहीं है. भर्ती के लिए आयु सीमा में भले ही छूट मिली है, लेकिन तैयारी के लिए लगने वाली धनराशि वे कहां से लाएंगे. पिछड़ा वर्ग के अरुण लोधी के पास भी मात्र 2 साल बचे हैं. 2 साल पहले ग्रेजुएशन करने के बाद से ही वे इसकी तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए कोचिंग भी कर ली थी और उम्मीद थी की भर्ती निकलेगी, लेकिन इंतजार करते हुए उनका वक्त बीत रहा है. अब तैयारी घर से ही कर रहे हैं, क्योंकि कोचिंग में कब तक पैसे देंगे.

किसी पर शादी का दबाव तो कोई आर्थिक रूप से परेशान: ऐसी ही कुछ कहानी दिनेश अहिरवार की है जो आरक्षित वर्ग होने के कारण उम्र में 3 साल छूट तो पा गए, लेकिन वह कहते हैं की कोचिंग के पैसे कब तक दें? क्योंकि एक बार के 20 हजार रुपए लगते हैं. भर्ती नहीं निकलने से कोचिंग छोड़ दी. सोचते हैं जब भर्ती आएगी तब कोचिंग कर लेंगे, पर दूसरी समस्या यह है कि फिजिकल की तैयारी भी करना है और तैयारी करते हुए 3 साल हो चुके हैं. दौड़ने की प्रैक्टिस भी कब तक करें. महिला वर्ग का भी कुछ ऐसा ही हाल है, रिषिता गुर्जर कहती हैं कि मेरी 26 साल की उम्र हो गई है.महिलाओं को उम्र में मिलने वाली छूट का लाभ तो मिल जाएगा, लेकिन उनकी चिंता यह है की शादी की उम्र निकाली जा रही है. सवाल यह है कि कब भर्ती निकलेगी और कब सिलेक्ट होगी? इंतजार कर रही है, लेकिन शादी को लेकर परिवार वालों का दबाव है. भर्ती की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. समझ में नहीं आता कि क्या करें? यह केवल इन चार युवाओं का ही नहीं, बल्कि इन जैसे हजारों युवाओं का है. जो पुलिस में दरोगा बनने के लिए, फॉरेस्ट में वन रक्षक बनने के लिए कई साल से तैयारी कर रहे थे, लेकिन भर्ती ही नहीं निकली.

patwaris demand employment
मध्य प्रदेश युवा मांगे रोजगार

कई उम्मीदवार तो ऐसे भी हैं, जिनकी भर्ती की आयु सीमा ही निकल चुकी है. जाहिर सी बात है कि दरोगा बनने का उनका सपना हमेशा के लिए टूट चुका है. अब फिर से विधानसभा चुनाव आ गए हैं. जल्द ही आचार संहिता लग सकती है. इस कारण युवाओं को आशंका है कि आचार संहिता के कारण भर्ती टाल दी जाएगी. इस मामले में कर्मचारी चयन मंडल की डायरेक्टर षणमुख प्रिया मिश्रा बताती हैं कि "अभी पुलिस विभाग ने सब इंस्पेक्टर की परीक्षा के लिए कोई रूल बुक नहीं भेजी है. रूल बुक मिलने के बाद भर्ती की आगामी प्रक्रिया होगी. जब इस मामले में गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉक्टर राजेश राजौरा और सेक्रेटरी से संपर्क किया गया तो जवाब नहीं मिला.

यह परीक्षाएं अटकी हैं: प्रदेश में पुलिस सब इंस्पेक्टर और सूबेदार भर्ती के लिए आखिरी परीक्षा 2017 में तत्कालीन प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड अब (ESB) यानी मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा ली गई थी. इसके बाद से पुलिस में भर्ती नहीं हो रही है. बल्कि पुलिस कांस्टेबल की भर्तियों पर भी एक तरह से रोक लगी हुई है. इनके अलावा मध्य प्रदेश के 1 लाख से अधिक युवाओं ने खुलकर सरकार के नाम संदेश दिया. पटवारी परीक्षा, वनरक्षक, जेल प्रहरी, पुलिस आरक्षक, ग्रुप 4, ग्रुप 5, ग्रुप 1, सब ग्रुप 1, शिक्षक वर्ग एक, महिला पर्यवेक्षक, शिक्षक भर्ती वर्ग 2 एवं 3 के नोटिफिकेशन संबंधी समेत कई मांगे की गई थी.

समझिए कि कैसे अटका भर्ती का मामला: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले एक निजी कोचिंग संचालक हेमराज सिंह चौहान ने बताया कि "ऐसे ही भर्ती परीक्षा में प्रदेश से करीब 10 लाख परीक्षार्थी शामिल होते हैं. 5 साल से भर्ती नहीं निकलने से यह युवा निराश हैं. कई तो निराशा में तैयारी ही छोड़ चुके हैं. जिनकी उम्र निकल चुकी है, उनके सामने दूसरी परीक्षाओं की तैयारी करने का विकल्प है, लेकिन अब नए सिरे से किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए मुश्किल भरा विकल्प है. पता चला है कि सब इंस्पेक्टर और सूबेदार के पदों की डिमांड लिस्ट पुलिस मुख्यालय भोपाल की तरफ से मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल को भेजी गई है.

यहां पढ़ें...

कांस्टेबल की भर्ती निकाली लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं: माना जा रहा था कि सरकार चुनाव के पहले इसका नोटिफिकेशन जारी करवाएगी, लेकिन मंडल ने वर्कलोड का हवाला देकर इसके लिए विज्ञप्ति ही नहीं निकाली. पुलिस सब इंस्पेक्टर और सूबेदार के लिए आखिरी भर्ती 2017 में निकाली गई थी. 611 पदों के लिए हुई इस भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 2017 में ही आ गया था, लेकिन अंतिम चयन लिस्ट 2018 में या चुनाव बाद आई थी. इसके बाद से ही पुलिस की सभी भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी. डेढ़ साल कांग्रेस सरकार ने पुलिस भर्ती नहीं निकली. इसके बाद साढ़े तीन साल तक भाजपा सरकार ने भी यही किया. भाजपा सरकार ने दो बार केवल कॉन्स्टेबल की भर्तियां निकाली. सत्ता में आने के बाद 2020 में पुलिस कांस्टेबल भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया. इसके बाद कोरोना के कारण भर्तियां बंद कर दी गई. अब चुनाव के ठीक पहले 2023 में कांस्टेबल भर्ती का दूसरा नोटिफिकेशन आया. जिसकी परीक्षा हो चुकी है और अंतिम चयन सूची विधानसभा चुनाव के बाद आने की संभावना है. इसके अलावा इस साल सरकार ने कांस्टेबल के साथ 7000 से ज्यादा पदों पर भर्ती निकाली, लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं किया. अब विधानसभा चुनाव होना है. उसके बाद नई सरकार बनेगी जिसकी पॉलिसी क्या होगी यह भविष्य के गर्भ में है.

इन पांच मांगों को लेकर चलाया अभियान

  1. #मध्य_प्रदेश_युवा_मांगे_रोजगार… इस विषय के ट्रेंडिंग के जरिए कुल पांच मांगे युवाओं द्वारा सरकार से की गई हैं. इनमें…
  2. पटवारी भर्ती की जांच रिपोर्ट शीघ्र पूर्ण हो और नियुक्ति की प्रक्रियाओं का पालन शुरू किया जाए.
  3. वनरक्षक, जेल प्रहरी, पुलिस आरक्षक, ग्रुप 4, ग्रुप 5, ग्रुप 1, सब ग्रुप 1, शिक्षक वर्ग 1 आदि परीक्षाओं के परिणाम अविलंब जारी किए जाएं और उनकी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाया जाए.
  4. एसआई, महिला पर्यवेक्षक, शिक्षक भर्ती वर्ग 2 एवं 3 तथा अन्य भर्तियों के नोटिफिकेशन अभिलंब जारी किए जाएं.
  5. किसी भी भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता पाई जाने पर शीघ्र जांच हो और दोषियों को कड़ा दंड मिले, लेकिन भर्ती प्रक्रियाओं को बाधित न किया जाए.
  6. एक सप्ताह के अंदर इन मांगों को आदेश जारी कर पूर्ण किया जाए. अन्यथा अभ्यर्थी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल, प्रदर्शन, चुनाव बहिष्कार जैसे आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे.

भोपाल। एमपी नगर जोन एक की एक निजी कोचिंग में पिछले 7 वर्ष से लगातार पुलिस की खाकी वर्दी पहनने का सपना देख रहे चंद्रकांत शर्मा की कहानी बहुत मार्मिक है. दरअसल चंद्रकांत साल 2017 से ही पुलिस सब इंस्पेक्टर बनने की तैयारी में जुटे थे. 2017 में भर्ती निकली थी, लेकिन लिखित परीक्षा पास नहीं कर पाए फिर तैयारी करने लगे. उम्मीद थी कि अगले साल परीक्षा निकाल लेंगे, लेकिन 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद भर्ती पर रोक लगा दी गई. जो अब तक लगी हुई है.

तैयारी करने वाले छात्रों की कहानी: अब चंद्रकांत की उम्र 25 साल से ऊपर हो गई है. सामान्य वर्ग का होने के कारण आयु में छूट भी नहीं मिलेगी. यह हाल केवल सामान्य वर्ग का नहीं, बल्कि ओबीसी, एससी और एसटी का भी है. अरविंद मरावी जो कि आदिवासी वर्ग से आते हैं कि भी कुछ चिंता कम नहीं है. भर्ती के लिए आयु सीमा में भले ही छूट मिली है, लेकिन तैयारी के लिए लगने वाली धनराशि वे कहां से लाएंगे. पिछड़ा वर्ग के अरुण लोधी के पास भी मात्र 2 साल बचे हैं. 2 साल पहले ग्रेजुएशन करने के बाद से ही वे इसकी तैयारी कर रहे हैं. इसके लिए कोचिंग भी कर ली थी और उम्मीद थी की भर्ती निकलेगी, लेकिन इंतजार करते हुए उनका वक्त बीत रहा है. अब तैयारी घर से ही कर रहे हैं, क्योंकि कोचिंग में कब तक पैसे देंगे.

किसी पर शादी का दबाव तो कोई आर्थिक रूप से परेशान: ऐसी ही कुछ कहानी दिनेश अहिरवार की है जो आरक्षित वर्ग होने के कारण उम्र में 3 साल छूट तो पा गए, लेकिन वह कहते हैं की कोचिंग के पैसे कब तक दें? क्योंकि एक बार के 20 हजार रुपए लगते हैं. भर्ती नहीं निकलने से कोचिंग छोड़ दी. सोचते हैं जब भर्ती आएगी तब कोचिंग कर लेंगे, पर दूसरी समस्या यह है कि फिजिकल की तैयारी भी करना है और तैयारी करते हुए 3 साल हो चुके हैं. दौड़ने की प्रैक्टिस भी कब तक करें. महिला वर्ग का भी कुछ ऐसा ही हाल है, रिषिता गुर्जर कहती हैं कि मेरी 26 साल की उम्र हो गई है.महिलाओं को उम्र में मिलने वाली छूट का लाभ तो मिल जाएगा, लेकिन उनकी चिंता यह है की शादी की उम्र निकाली जा रही है. सवाल यह है कि कब भर्ती निकलेगी और कब सिलेक्ट होगी? इंतजार कर रही है, लेकिन शादी को लेकर परिवार वालों का दबाव है. भर्ती की उम्मीद नजर नहीं आ रही है. समझ में नहीं आता कि क्या करें? यह केवल इन चार युवाओं का ही नहीं, बल्कि इन जैसे हजारों युवाओं का है. जो पुलिस में दरोगा बनने के लिए, फॉरेस्ट में वन रक्षक बनने के लिए कई साल से तैयारी कर रहे थे, लेकिन भर्ती ही नहीं निकली.

patwaris demand employment
मध्य प्रदेश युवा मांगे रोजगार

कई उम्मीदवार तो ऐसे भी हैं, जिनकी भर्ती की आयु सीमा ही निकल चुकी है. जाहिर सी बात है कि दरोगा बनने का उनका सपना हमेशा के लिए टूट चुका है. अब फिर से विधानसभा चुनाव आ गए हैं. जल्द ही आचार संहिता लग सकती है. इस कारण युवाओं को आशंका है कि आचार संहिता के कारण भर्ती टाल दी जाएगी. इस मामले में कर्मचारी चयन मंडल की डायरेक्टर षणमुख प्रिया मिश्रा बताती हैं कि "अभी पुलिस विभाग ने सब इंस्पेक्टर की परीक्षा के लिए कोई रूल बुक नहीं भेजी है. रूल बुक मिलने के बाद भर्ती की आगामी प्रक्रिया होगी. जब इस मामले में गृह विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी डॉक्टर राजेश राजौरा और सेक्रेटरी से संपर्क किया गया तो जवाब नहीं मिला.

यह परीक्षाएं अटकी हैं: प्रदेश में पुलिस सब इंस्पेक्टर और सूबेदार भर्ती के लिए आखिरी परीक्षा 2017 में तत्कालीन प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड अब (ESB) यानी मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल द्वारा ली गई थी. इसके बाद से पुलिस में भर्ती नहीं हो रही है. बल्कि पुलिस कांस्टेबल की भर्तियों पर भी एक तरह से रोक लगी हुई है. इनके अलावा मध्य प्रदेश के 1 लाख से अधिक युवाओं ने खुलकर सरकार के नाम संदेश दिया. पटवारी परीक्षा, वनरक्षक, जेल प्रहरी, पुलिस आरक्षक, ग्रुप 4, ग्रुप 5, ग्रुप 1, सब ग्रुप 1, शिक्षक वर्ग एक, महिला पर्यवेक्षक, शिक्षक भर्ती वर्ग 2 एवं 3 के नोटिफिकेशन संबंधी समेत कई मांगे की गई थी.

समझिए कि कैसे अटका भर्ती का मामला: प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवाने वाले एक निजी कोचिंग संचालक हेमराज सिंह चौहान ने बताया कि "ऐसे ही भर्ती परीक्षा में प्रदेश से करीब 10 लाख परीक्षार्थी शामिल होते हैं. 5 साल से भर्ती नहीं निकलने से यह युवा निराश हैं. कई तो निराशा में तैयारी ही छोड़ चुके हैं. जिनकी उम्र निकल चुकी है, उनके सामने दूसरी परीक्षाओं की तैयारी करने का विकल्प है, लेकिन अब नए सिरे से किसी अन्य प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने के लिए मुश्किल भरा विकल्प है. पता चला है कि सब इंस्पेक्टर और सूबेदार के पदों की डिमांड लिस्ट पुलिस मुख्यालय भोपाल की तरफ से मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल को भेजी गई है.

यहां पढ़ें...

कांस्टेबल की भर्ती निकाली लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं: माना जा रहा था कि सरकार चुनाव के पहले इसका नोटिफिकेशन जारी करवाएगी, लेकिन मंडल ने वर्कलोड का हवाला देकर इसके लिए विज्ञप्ति ही नहीं निकाली. पुलिस सब इंस्पेक्टर और सूबेदार के लिए आखिरी भर्ती 2017 में निकाली गई थी. 611 पदों के लिए हुई इस भर्ती परीक्षा का रिजल्ट 2017 में ही आ गया था, लेकिन अंतिम चयन लिस्ट 2018 में या चुनाव बाद आई थी. इसके बाद से ही पुलिस की सभी भर्तियों पर रोक लगा दी गई थी. डेढ़ साल कांग्रेस सरकार ने पुलिस भर्ती नहीं निकली. इसके बाद साढ़े तीन साल तक भाजपा सरकार ने भी यही किया. भाजपा सरकार ने दो बार केवल कॉन्स्टेबल की भर्तियां निकाली. सत्ता में आने के बाद 2020 में पुलिस कांस्टेबल भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया गया. इसके बाद कोरोना के कारण भर्तियां बंद कर दी गई. अब चुनाव के ठीक पहले 2023 में कांस्टेबल भर्ती का दूसरा नोटिफिकेशन आया. जिसकी परीक्षा हो चुकी है और अंतिम चयन सूची विधानसभा चुनाव के बाद आने की संभावना है. इसके अलावा इस साल सरकार ने कांस्टेबल के साथ 7000 से ज्यादा पदों पर भर्ती निकाली, लेकिन नोटिफिकेशन जारी नहीं किया. अब विधानसभा चुनाव होना है. उसके बाद नई सरकार बनेगी जिसकी पॉलिसी क्या होगी यह भविष्य के गर्भ में है.

इन पांच मांगों को लेकर चलाया अभियान

  1. #मध्य_प्रदेश_युवा_मांगे_रोजगार… इस विषय के ट्रेंडिंग के जरिए कुल पांच मांगे युवाओं द्वारा सरकार से की गई हैं. इनमें…
  2. पटवारी भर्ती की जांच रिपोर्ट शीघ्र पूर्ण हो और नियुक्ति की प्रक्रियाओं का पालन शुरू किया जाए.
  3. वनरक्षक, जेल प्रहरी, पुलिस आरक्षक, ग्रुप 4, ग्रुप 5, ग्रुप 1, सब ग्रुप 1, शिक्षक वर्ग 1 आदि परीक्षाओं के परिणाम अविलंब जारी किए जाएं और उनकी प्रक्रियाओं को आगे बढ़ाया जाए.
  4. एसआई, महिला पर्यवेक्षक, शिक्षक भर्ती वर्ग 2 एवं 3 तथा अन्य भर्तियों के नोटिफिकेशन अभिलंब जारी किए जाएं.
  5. किसी भी भर्ती प्रक्रिया में अनियमितता पाई जाने पर शीघ्र जांच हो और दोषियों को कड़ा दंड मिले, लेकिन भर्ती प्रक्रियाओं को बाधित न किया जाए.
  6. एक सप्ताह के अंदर इन मांगों को आदेश जारी कर पूर्ण किया जाए. अन्यथा अभ्यर्थी अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल, प्रदर्शन, चुनाव बहिष्कार जैसे आंदोलन के लिए मजबूर हो जाएंगे.
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