भोपाल। एमपी में पटवारी भर्ती घोटाले की याचिका लगाने वाले वकील आदित्य सांघी का कहना है कि "पटवारी एक्जाम में हुई धांधली के आरोप के बाद सीएम शिवराज चौहान द्वारा संदेह के आधार पर नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने को लेकर जबलपुर हाई कोर्ट ने फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा या तो एग्जाम कैंसल करें या तो नियुक्ति प्रक्रिया शुरु करें. इसके साथ ही कोर्ट ने 3 हफ्ते का समय दिया है." फिलहाल इस मामले में कांग्रेस भी शिवराज सरकार को घेरने सियासी मैदान में कूद गई है.
कांग्रेस सरकार में विधि मंत्री पीसी शर्मा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि "युवाओं एवं विद्यार्थियों के भविष्य के लिए काल बन चुकी भारतीय जनता पार्टी युवाओं को बर्बाद करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. व्यापमं घोटाले की हैट्रिक लगाते हुए व्यापम-3 घोटाला, जो कि पटवारी भर्ती परीक्षा के माध्यम से सामने आया है, इसमें भाजपा के नेताओं ने कितने करोड़ का खेल किया है, यह भाजपा को बताना चाहिए."
पीसी शर्मा ने की सरकार की घेराबंदी: पीसी शर्मा ने सरकार को घेरा और कहा कि "पटवारी भर्ती परीक्षा जिसके दिसंबर 2022 से जनवरी 2023 तक फॉर्म भरे गए, पहले तो बड़े पैमाने पर फीस भाजपा सरकार ने इसमें ले ली. इसके बाद चुनावी वर्ष में 15 मार्च से 26 अप्रैल तक इस परीक्षा का आयोजन किया गया, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के विधायक के कॉलेज में कई सारे सफल अभ्यर्थियों को परीक्षा दिलवाई गई. इसके बाद 1 जुलाई 2023 को भर्ती परीक्षा के परिणाम आए और परिणाम आते ही प्रदेश भर के अभ्यर्थी राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने लगे."
पीसी शर्मा ने आगे कहा कि "भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने पहले मामले को दबाने की कोशिश की परंतु कांग्रेस एवं प्रदेश के युवाओं के बढ़ते विरोध को देखकर पहले डराने धमकाने की कोशिश की, पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया एवं अंत में सीएम शिवराज चौहान को यह मानना पड़ा कि इस परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है एवं 13 जुलाई 2023 को शिवराज सिंह चौहान जी ने ट्वीट के माध्यम से इस भर्ती पर रोक लगाने की बात कही. 19 जुलाई को इस बाबत एक सदस्यीय जांच आयोग की घोषणा की गई, परंतु अभी ऐसी खबरें आई हैं कि जांच आयोग को ठीक से काम नहीं करने दिया जा रहा है."
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कांग्रेस ने मांगा 5 जबाव: इन सब मामलों को लेकर कांग्रेस पार्टी ने इन 5 प्रश्नों का मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा से जबाव चाहा है.
- क्या यह सच है कि एक सदस्यीय जांच आयोग को अभी तक दफ्तर नहीं दिया गया है, यदि दफ्तर नहीं दिया गया है तो क्या व्यापमं के कार्यालय में जाकर भाजपा ने उन्हें जांच करने के लिए निर्देशित किया है? क्या भाजपा कार्यालय में कोई जगह उनको दी जा रही है इस बात का जवाब भाजपा दे?
- इस मामले को लेकर जांच आयोग की आड़ में क्या गिरफ्तारियां टालने की कोशिश की गई है? अब तक कितनी गिरफ्तारियां इस मामले में हुई हैं, भाजपा इसका जवाब दे?
- लाखों बच्चों के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए भर्ती पर रोक लगाई गई तो किन भाजपा नेताओं का इसके पीछे हाथ है?
- जांच आयोग की ओर से अब तक क्या कोई प्राथमिक रिपोर्ट जारी की गई है और अगर नहीं तो कब तक यह रिपोर्ट जारी कर दी जाएगी, भाजपा इसका जवाब दे?
- 9000 पटवारियों की भर्ती में भारतीय जनता पार्टी ने कितने करोड़ का खेल किया है तथा प्रति पटवारी कितने लाख की बोली लगाई गई है, इस बात का जवाब भाजपा और उसके नेता दें?