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MP Panchayat Election: कानूनी पेंच में फंसे चुनाव, सरकार ने भी दिए टालने के संकेत, जानें SC ने क्या कहा

MP Panchayat Election: मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव टल सकते हैं. एक ओर जहां सरकार की ओर इसके संकेत मिल रहे हैं. वही दूसरी ओर चुनाव की प्रक्रिया कानूनी पेंच में फंस कर रह गई है. एमपी हाईकोर्ट ने साफ कर दिया है कि चुनाव में रोटेशन की प्रक्रिया का पालन करना जरूरी है.

MP Panchayat Election
मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव
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Published : Dec 24, 2021, 3:37 PM IST

भोपाल। (MP Panchayat Election) मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं. एक ओर पंचायत चुनाव अब पूरी तरह से कानूनी पेंच में फंस गया है. वहीं इनमें ओबीसी आरक्षण को लेकर भी एमपी सरकार के पेंच से मामला उलझता नजर आ रहा है. दूसरी ओर पंचायत चुनाव टाले जाने के संकेत प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी दिए हैं.

MP Panchayat Election Update: टल सकता है पंचायत चुनाव, गृह मंत्री ने दिए संकेत


मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव

लोकल बॉडी इलेक्शन में रोटेशन जरूरी- HC

दरअसल मप्र सरकार द्वारा 23 दिसंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर जो रीकॉल एप्लीकेशन दायर की गई है, वह 17 दिसंबर के आर्डर को लेकर है जबकि इसमें 15 दिसंबर के आर्डर पर रीकॉल एप्लीकेशन लगाई जाना चाहिए थी, क्योंकि इसमें मप्र सरकार की याचिका पर ही आर्डर दिया गया था. कानून के जानकारों का कहना है कि मप्र सरकार अपनी रिट पिटीशन पर जब तक रीकॉल एप्लीकेशन नहीं लगाएगी, तब तक कानूनी तौर पर ओबीसी आरक्षण लागू नहीं हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट वरुण ठाकुर ने बताया कि मप्र में लोकल बॉडी इलेक्शन में रोटेशन की प्रक्रिया फॉलो नहीं हो रही थी, इसको लेकर कुछ लोग मप्र हाईकोर्ट गए. जिसमें मप्र हाईकोर्ट ने कहा कि रोटेशन इलेक्शन का आवश्यक हिस्सा है. इसको लेकर शिवराज सरकार ने स्पेशल लीव पिटीशन फाइल की थी, जिसकी सुनवाई 15 दिसंबर 2012 को हुई. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने लोकल बॉडी इलेक्शन में ओबीसी आरक्षण को खत्म कर दिया था.


ओबीसी आरक्षण में ये है पेंच (OBC reservation in MP Panchayat elections )
एडवोकेट वरुण ठाकुर के अनुसार, जो रीकॉल एप्लीकेशन एमपी सरकार द्वारा फाइल की जा रही है, वह 17 दिसंबर के आदेश पर की जा रही है. 17 दिसंबर का आर्डर भी वही आर्डर है जो 15 दिसंबर को दिया गया था. ठाकुर का कहना है कि जब तक 15 तारीख के आर्डर में रीकॉल एप्लीकेशन फाइल नहीं होगी तो यह कानूनी तौर पर रीकॉल नहीं हो सकता है. एडवोकेट ठाकुर का कहना है कि महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर दिया गया जज गवली का जजमेंट तीन जजों वाली बेंच का है, जबकि मप्र को लेकर दिया गया आर्डर डबल बेंच का है. इस हालत में सबसे पहले गवली वाले जजमेंट में रीकॉल पिटीशन दायर करनी होगी,तभी मप्र में ओबीसी को रिजर्वेशन मिल सकता है और यही एक रास्ता है.


सरकार खत्म करना चाह रही आरक्षण- कांग्रेस
पंचायत चुनाव मे रोटेशन को लेकर याचिका दायर करनेवाली जया सिंह का कहना है कि बीजेपी की तरफ से पूरे देश में ये अफवाह फैलाई जा रही है कि ओबीसी आरक्षण कांग्रेस द्वारा खत्म कराया गया है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार एक प्लानिंग के तहत ओबीसी आरक्षण खत्म करना चाह रही है और इसका आरोप कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा पर मढ़ रही है.

  • चुनाव किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं है। लोगों की जान हमारे लिए पहली प्राथमिकता है।

    कोरोनाकाल में अन्य प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव से लोगों की सेहत पर खासा प्रभाव पड़ा था। इसलिए मेरी व्यक्तिगत राय है कि #Corona के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाल दिया जाना चाहिए। pic.twitter.com/cKTxlIqkJw

    — Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
सुप्रीम कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग से किया इनकार
ओबीसी आरक्षण को लेकर एमपी विधानसभा में राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराए जाने को लेकर सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया था. वहीं शिवराज सिंह चौहान ने पुनर्विचार याचिका लगाकर अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. अब 3 जनवरी को इस मामले में सुनवाई होगी.
गृहमंत्री बोले- जिंदगी से जरूरी नहीं चुनाव

इधर प्रदेश की शिवराज सरकार ने भी पंचायत चुनाव टालने के संकेत दिए हैं. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narrotam Mishra on panchayat chunav) ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि चुनाव किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं है. लोगों की जान सरकार की पहली प्राथमिकता है. आगे उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव का जो अनुभव है, जो दूसरे प्रदेशों में हुए थे, उससे काफी नुकसान हुआ था. लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ा था. मेरी व्यक्तिगत राय है कि कोरोना की दहशत और आहट को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाला जाना चाहिए. बता दें कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. गिरीश गौतम भी पंचायत चुनाव टलने के संकेत दे चुके हैं. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के साथ ही मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच गृहमंत्री मिश्रा के रूख से साफ है कि पंचायत चुनाव को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

भोपाल। (MP Panchayat Election) मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव पर संशय के बादल मंडरा रहे हैं. एक ओर पंचायत चुनाव अब पूरी तरह से कानूनी पेंच में फंस गया है. वहीं इनमें ओबीसी आरक्षण को लेकर भी एमपी सरकार के पेंच से मामला उलझता नजर आ रहा है. दूसरी ओर पंचायत चुनाव टाले जाने के संकेत प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने भी दिए हैं.

MP Panchayat Election Update: टल सकता है पंचायत चुनाव, गृह मंत्री ने दिए संकेत


मध्य प्रदेश पंचायत चुनाव

लोकल बॉडी इलेक्शन में रोटेशन जरूरी- HC

दरअसल मप्र सरकार द्वारा 23 दिसंबर 2021 को सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी आरक्षण को लेकर जो रीकॉल एप्लीकेशन दायर की गई है, वह 17 दिसंबर के आर्डर को लेकर है जबकि इसमें 15 दिसंबर के आर्डर पर रीकॉल एप्लीकेशन लगाई जाना चाहिए थी, क्योंकि इसमें मप्र सरकार की याचिका पर ही आर्डर दिया गया था. कानून के जानकारों का कहना है कि मप्र सरकार अपनी रिट पिटीशन पर जब तक रीकॉल एप्लीकेशन नहीं लगाएगी, तब तक कानूनी तौर पर ओबीसी आरक्षण लागू नहीं हो सकता है. सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट वरुण ठाकुर ने बताया कि मप्र में लोकल बॉडी इलेक्शन में रोटेशन की प्रक्रिया फॉलो नहीं हो रही थी, इसको लेकर कुछ लोग मप्र हाईकोर्ट गए. जिसमें मप्र हाईकोर्ट ने कहा कि रोटेशन इलेक्शन का आवश्यक हिस्सा है. इसको लेकर शिवराज सरकार ने स्पेशल लीव पिटीशन फाइल की थी, जिसकी सुनवाई 15 दिसंबर 2012 को हुई. इसमें सुप्रीम कोर्ट ने लोकल बॉडी इलेक्शन में ओबीसी आरक्षण को खत्म कर दिया था.


ओबीसी आरक्षण में ये है पेंच (OBC reservation in MP Panchayat elections )
एडवोकेट वरुण ठाकुर के अनुसार, जो रीकॉल एप्लीकेशन एमपी सरकार द्वारा फाइल की जा रही है, वह 17 दिसंबर के आदेश पर की जा रही है. 17 दिसंबर का आर्डर भी वही आर्डर है जो 15 दिसंबर को दिया गया था. ठाकुर का कहना है कि जब तक 15 तारीख के आर्डर में रीकॉल एप्लीकेशन फाइल नहीं होगी तो यह कानूनी तौर पर रीकॉल नहीं हो सकता है. एडवोकेट ठाकुर का कहना है कि महाराष्ट्र में ओबीसी आरक्षण को लेकर दिया गया जज गवली का जजमेंट तीन जजों वाली बेंच का है, जबकि मप्र को लेकर दिया गया आर्डर डबल बेंच का है. इस हालत में सबसे पहले गवली वाले जजमेंट में रीकॉल पिटीशन दायर करनी होगी,तभी मप्र में ओबीसी को रिजर्वेशन मिल सकता है और यही एक रास्ता है.


सरकार खत्म करना चाह रही आरक्षण- कांग्रेस
पंचायत चुनाव मे रोटेशन को लेकर याचिका दायर करनेवाली जया सिंह का कहना है कि बीजेपी की तरफ से पूरे देश में ये अफवाह फैलाई जा रही है कि ओबीसी आरक्षण कांग्रेस द्वारा खत्म कराया गया है. उनका कहना है कि बीजेपी सरकार एक प्लानिंग के तहत ओबीसी आरक्षण खत्म करना चाह रही है और इसका आरोप कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा पर मढ़ रही है.

  • चुनाव किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं है। लोगों की जान हमारे लिए पहली प्राथमिकता है।

    कोरोनाकाल में अन्य प्रदेश में हुए पंचायत चुनाव से लोगों की सेहत पर खासा प्रभाव पड़ा था। इसलिए मेरी व्यक्तिगत राय है कि #Corona के बढ़ते हुए खतरे को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाल दिया जाना चाहिए। pic.twitter.com/cKTxlIqkJw

    — Dr Narottam Mishra (@drnarottammisra) December 24, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
सुप्रीम कोर्ट ने अर्जेंट हियरिंग से किया इनकार
ओबीसी आरक्षण को लेकर एमपी विधानसभा में राज्य में बिना ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं कराए जाने को लेकर सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया था. वहीं शिवराज सिंह चौहान ने पुनर्विचार याचिका लगाकर अर्जेंट हियरिंग की अपील की थी जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है. अब 3 जनवरी को इस मामले में सुनवाई होगी.
गृहमंत्री बोले- जिंदगी से जरूरी नहीं चुनाव

इधर प्रदेश की शिवराज सरकार ने भी पंचायत चुनाव टालने के संकेत दिए हैं. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा (Narrotam Mishra on panchayat chunav) ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है, उन्होंने कहा कि चुनाव किसी की जिंदगी से बड़ा नहीं है. लोगों की जान सरकार की पहली प्राथमिकता है. आगे उन्होंने कहा कि पंचायत चुनाव का जो अनुभव है, जो दूसरे प्रदेशों में हुए थे, उससे काफी नुकसान हुआ था. लोगों के स्वास्थ्य पर असर पड़ा था. मेरी व्यक्तिगत राय है कि कोरोना की दहशत और आहट को देखते हुए पंचायत चुनाव को टाला जाना चाहिए. बता दें कि इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. गिरीश गौतम भी पंचायत चुनाव टलने के संकेत दे चुके हैं. ओबीसी आरक्षण के मुद्दे के साथ ही मध्यप्रदेश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच गृहमंत्री मिश्रा के रूख से साफ है कि पंचायत चुनाव को लेकर जल्द ही कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

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