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MP Panchayat Election 2022: कांग्रेस का आरोप- चुनाव नहीं कराना चाहती सरकार, आरक्षण पर कोर्ट नहीं जाएगी पार्टी - एमपी लेटेस्ट हिन्दी न्यूज

MP Panchayat Election 2022: एमपी में पंचायत चुनाव की घोषणा हो चुकी है. वहीं आरक्षण को लेकर पेंच फंसता दिख रहा है. कांग्रेस ने आरक्षण की दोहरी व्यवस्था को नियम के विपरीत बताते हुए आरोप लगाया है कि शिवराज सरकार पंचायत चुनाव कराना ही नहीं चाहती है. वहीं पार्टी ने साफ कर दिया है कि वो कोर्ट का दरवाजा नहीं खटखटाएगी (MP Congress will not go to court on reservation), लेकिन कोर्ट जाने वालों के साथ जरूर है.

MP Panchayat Election 2022
कांग्रेस का आरोप- चुनाव नहीं कराना चाहती सरकार
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Published : Dec 6, 2021, 3:23 PM IST

भोपाल। MP Panchayat Election 2022: एमपी में पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्य की शिवराज सरकार चुनाव नहीं कराना चाहती है, यही कारण है कि संवैधानिक प्रावधानों और नियमों को दरकिनार करते हुए आरक्षण की दोहरी व्यवस्था रखी गई है. जबलपुर हाईकोर्ट के साथ ग्वालियर और इंदौर खंडपीठ में भी याचिका दायर की गई है. पार्टी ने साफ किया कि वह कोर्ट नहीं जाएगी, लेकिन जो भी कोर्ट की शरण में जाएंगे उनको पूरा सहयोग करेगी.

चुनाव को टालती रही है बीजेपी-कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि वो पंचायत चुनाव में जनता के बीच जाना चाहती है, लेकिन नियमों का पालन होना चाहिए. प्रदेश के पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने पीसीसी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस सरकार ने संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत पंचायतों का परिसीमन व आरक्षण किया था, इसके खिलाफ भाजपा के लोग हाईकोर्ट गए थे. पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार किसी ना किसी बहाने से चुनाव को टालती रही है (Congress allegation on MP government) .

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'आरक्षण की दोहरी व्यवस्था नियम के विपरीत'

अभी भी पंचायत राज अधिनियम में संशोधन करके पंचायत चुनाव को विवादित बनाने का प्रयास किया गया है, इसके जरिए वर्ष 2019 में हुए परिसीमन को निरस्त कर दिया गया है. 1000 से ज्यादा नई पंचायतें बनी थी जो समाप्त हो गई हैं. आरक्षण व्यवस्था (Reservation issue in MP Panchayat elections) भी 2014 के चुनाव वाली लागू की गई हैं जोकि पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध है, क्योंकि नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि 5 साल में रोटेशन के आधार पर आरक्षण होगा. पटेल ने कहा कि सरकार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 14 दिसंबर को आरक्षण करने जा रही है, यह दोहरी व्यवस्था नियमों के विपरीत है.

कोर्ट जाने वाले को हर संभव मदद करेगी कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस की तरफ से चुनाव संबंधी कार्यों के प्रभारी जेपी धनोपिया ने बताया कि मतदाता सूची को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, शासन को आरक्षण व्यवस्था से जुड़े विषयों पर नोटिस दिए गए हैं जिनका निराकरण नहीं हुआ है. ऐसे में चुनाव की घोषणा बताती है कि सरकार चुनाव नहीं कराना चाहती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी न्यायालय में नहीं जाएगी (MP Congress will not go to court on reservation) पर जो भी पक्ष न्यायालय जाता है उसे हर संभव मदद की जाएगी.

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'निर्वाचन प्रक्रिया पर पुनर्विचार करे सरकार और चुनाव आयोग'

कांग्रेस ने मप्र सरकार और चुनाव आयोग से पंचायत चुनाव की निर्वाचन प्रक्रिया पर पुनर्विचार करने की मांग की है. कांग्रेस ने कहा कि पंचायत चुनाव पर रोक लगना चाहिए अध्यादेश लाना गैरकानूनी है. संविधान की अनदेखी की जा रही है. सरकार तानाशाही पूर्ण रवैया अपना रही है. पूर्व विधि एवं विधायी मंत्री पीसी शर्मा ने कहा कि सरकार के दबाव में चुनाव आयोग ने पंचायत चुनाव की घोषणा की है. संविधान के नियमों का पालन नहीं किया गया है. मुझे तो शंका है कि सरकार कहीं-ना-कहीं चुनाव नहीं कराना चाहती है.

भोपाल। MP Panchayat Election 2022: एमपी में पंचायत चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद अब कांग्रेस पार्टी ने आरोप लगाया है कि राज्य की शिवराज सरकार चुनाव नहीं कराना चाहती है, यही कारण है कि संवैधानिक प्रावधानों और नियमों को दरकिनार करते हुए आरक्षण की दोहरी व्यवस्था रखी गई है. जबलपुर हाईकोर्ट के साथ ग्वालियर और इंदौर खंडपीठ में भी याचिका दायर की गई है. पार्टी ने साफ किया कि वह कोर्ट नहीं जाएगी, लेकिन जो भी कोर्ट की शरण में जाएंगे उनको पूरा सहयोग करेगी.

चुनाव को टालती रही है बीजेपी-कांग्रेस

कांग्रेस का कहना है कि वो पंचायत चुनाव में जनता के बीच जाना चाहती है, लेकिन नियमों का पालन होना चाहिए. प्रदेश के पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने पीसीसी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस सरकार ने संवैधानिक व्यवस्थाओं के तहत पंचायतों का परिसीमन व आरक्षण किया था, इसके खिलाफ भाजपा के लोग हाईकोर्ट गए थे. पटेल ने कहा कि भाजपा सरकार किसी ना किसी बहाने से चुनाव को टालती रही है (Congress allegation on MP government) .

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अभी भी पंचायत राज अधिनियम में संशोधन करके पंचायत चुनाव को विवादित बनाने का प्रयास किया गया है, इसके जरिए वर्ष 2019 में हुए परिसीमन को निरस्त कर दिया गया है. 1000 से ज्यादा नई पंचायतें बनी थी जो समाप्त हो गई हैं. आरक्षण व्यवस्था (Reservation issue in MP Panchayat elections) भी 2014 के चुनाव वाली लागू की गई हैं जोकि पंचायत राज अधिनियम के विरुद्ध है, क्योंकि नियमों में स्पष्ट प्रावधान है कि 5 साल में रोटेशन के आधार पर आरक्षण होगा. पटेल ने कहा कि सरकार जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए 14 दिसंबर को आरक्षण करने जा रही है, यह दोहरी व्यवस्था नियमों के विपरीत है.

कोर्ट जाने वाले को हर संभव मदद करेगी कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस की तरफ से चुनाव संबंधी कार्यों के प्रभारी जेपी धनोपिया ने बताया कि मतदाता सूची को अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है, शासन को आरक्षण व्यवस्था से जुड़े विषयों पर नोटिस दिए गए हैं जिनका निराकरण नहीं हुआ है. ऐसे में चुनाव की घोषणा बताती है कि सरकार चुनाव नहीं कराना चाहती है. उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी न्यायालय में नहीं जाएगी (MP Congress will not go to court on reservation) पर जो भी पक्ष न्यायालय जाता है उसे हर संभव मदद की जाएगी.

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