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MP Youth Congress Vikrant Bhuria: BJP सरकार के 18 साल के कार्यकाल में आदिवासियों पर रिकॉर्डतोड़ अत्याचार के मामले

मध्यप्रदेश में भाजपा सरकार के 18 साल के शासनकाल में आदिवासियों पर 30 हजार से अधिक अत्याचार के मामले सामने आए हैं. ये तस्वीर शर्मसार करने वाली है. मध्यप्रदेश कांग्रेस आदिवासी विभाग के अध्यक्ष रामू टेकाम और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने आकड़ों के साथ ये आरोप लगाए हैं.

MP Youth Congress Vikrant Bhuria
आदिवासियों पर रिकॉर्डतोड़ अत्याचार के मामले
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Published : Jul 1, 2023, 8:10 PM IST

आदिवासियों पर रिकॉर्डतोड़ अत्याचार के मामले

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस आदिवासी विभाग के अध्यक्ष रामू टेकाम और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आदिवासियों के कार्यक्रम में ही आदिवासी नेताओं को दरकिनार करना भाजपा की नीयत को दर्शाता है. मध्यप्रदेश में बीजेपी के 18 वर्षों का लंबा शासनकाल आदिवासियों के लिए दमनकारी साबित हुआ. भाजपा का प्रादेशिक नेतृत्व आदिवासियों के लिए पूरी तरह से असंवेदनशील और निष्ठुर है. पूरे कार्यकाल के दौरान आदिवासियों के खिलाफ अब तक दर्ज 30406 मामले दर्ज हुए.

बीते 5 साल में ज्यादा मामले : दोनों नेताओं ने कहा कि भारत में सबसे अधिक आदिवासी आबादी मध्यप्रदेश में है, लेकिन पिछले 5 वर्षों से लगातार आदिवासियों के खिलाफ सबसे अधिक अत्याचार के मामले इसी प्रदेश में ही दर्ज किये गये हैं. जून 2021 में नेमावर में सामूहिक हत्याकांड हुआ. देवास जिले के नेमावर में 5 आदिवासियों के क्षत-विक्षत शव एक गढ्ढे में पाये गये थे. मार्च 2023 में मप्र पुलिस ने इंदौर में एक आदिवासी महिला की मौत पर न्याय की मांग कर रहे आदिवासियों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे. फायरिंग भी की, जिसमें एक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी.

ये मामले गिनाए : अगस्त 2022 में राज्य वन विभाग की एक टीम ने लकड़ी तस्करी के आरोप में आदिवासी लोगों पर गोलीबारी की, जिसमें एक आदिवासी की मौके पर ही मौत हो गई और चार आदिवासी घायल हो गये थे. मध्यप्रदेश की जनता हैरान है कि आदिवासी माताओं और बहनों को आये दिन रेप की घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है. ये शर्मनाक है कि देश में आदिवासी महिलाओं से जुड़े रेप के सबसे अधिक मामले शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में ही दर्ज किये गए. वर्ष 2021 में आठ महीने की गर्भवती आदिवासी महिला मां बन सकी, जब आरएसएस के 30 लोगों ने कथित तौर पर धर्म परिवर्तन के संदेह में बड़वानी के एक ग्रामीण परिवार पर हमला किया था.

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पीएम मोदी से की मांग : शिवराज सिंह की नाकारा सरकार प्रदेश के हजारों हकदार आदिवासी परिवारों को जमीन के पट्टे देने में पूरी तरह असफल साबित हुई है. मप्र में भूमि दावों की कुल संख्या 6,27,583 थी, जिनमें से लगभग 3,22,699 (51.43 प्रतिशत) दावे खारिज कर दिये गये और 10 हजार से अधिक दावे अभी भी सरकार के पास लंबित हैं. इसके अलावा दोनों नेताओं आदिवासी पर अत्याचार की अनेक घटनाएं गिनाईं. इन नेताओं ने पीएम मोदी से मांग की है कि सीएम शिवराज से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगें.

आदिवासियों पर रिकॉर्डतोड़ अत्याचार के मामले

भोपाल। मध्यप्रदेश कांग्रेस आदिवासी विभाग के अध्यक्ष रामू टेकाम और युवा कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. विक्रांत भूरिया ने शिवराज सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है कि आदिवासियों के कार्यक्रम में ही आदिवासी नेताओं को दरकिनार करना भाजपा की नीयत को दर्शाता है. मध्यप्रदेश में बीजेपी के 18 वर्षों का लंबा शासनकाल आदिवासियों के लिए दमनकारी साबित हुआ. भाजपा का प्रादेशिक नेतृत्व आदिवासियों के लिए पूरी तरह से असंवेदनशील और निष्ठुर है. पूरे कार्यकाल के दौरान आदिवासियों के खिलाफ अब तक दर्ज 30406 मामले दर्ज हुए.

बीते 5 साल में ज्यादा मामले : दोनों नेताओं ने कहा कि भारत में सबसे अधिक आदिवासी आबादी मध्यप्रदेश में है, लेकिन पिछले 5 वर्षों से लगातार आदिवासियों के खिलाफ सबसे अधिक अत्याचार के मामले इसी प्रदेश में ही दर्ज किये गये हैं. जून 2021 में नेमावर में सामूहिक हत्याकांड हुआ. देवास जिले के नेमावर में 5 आदिवासियों के क्षत-विक्षत शव एक गढ्ढे में पाये गये थे. मार्च 2023 में मप्र पुलिस ने इंदौर में एक आदिवासी महिला की मौत पर न्याय की मांग कर रहे आदिवासियों के खिलाफ आंसू गैस के गोले दागे. फायरिंग भी की, जिसमें एक आदिवासी युवक की मौत हो गई थी.

ये मामले गिनाए : अगस्त 2022 में राज्य वन विभाग की एक टीम ने लकड़ी तस्करी के आरोप में आदिवासी लोगों पर गोलीबारी की, जिसमें एक आदिवासी की मौके पर ही मौत हो गई और चार आदिवासी घायल हो गये थे. मध्यप्रदेश की जनता हैरान है कि आदिवासी माताओं और बहनों को आये दिन रेप की घटनाओं का सामना करना पड़ रहा है. ये शर्मनाक है कि देश में आदिवासी महिलाओं से जुड़े रेप के सबसे अधिक मामले शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल में ही दर्ज किये गए. वर्ष 2021 में आठ महीने की गर्भवती आदिवासी महिला मां बन सकी, जब आरएसएस के 30 लोगों ने कथित तौर पर धर्म परिवर्तन के संदेह में बड़वानी के एक ग्रामीण परिवार पर हमला किया था.

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