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शराब नीति पर बवाल, कांग्रेस ने कहा युवाओं को किया जा रहा गुमराह, भाजपा की ''हर घर दारू, घर घर दारू'' योजना

एमपी में नई शराब नीति को लेकर भाजपा और कांग्रेस आपने सामने आ गई है. (MP liquor Policy) कांग्रेस ने भाजपा पर युवाओं का बेरोजगारी से ध्यान हटाने का आरोप लगाया है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह नीति नई नही है कांग्रेस के समय से चली आ रही है.

MP liquor Policy
मध्य प्रदेश में शराब नीति पर बवाल
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Published : Dec 29, 2022, 12:35 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश में नई शराब नीति पर विवाद छिड़ गया है कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हर घर को बार में बदलने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने सरकार पर युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया है. मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह नियम नया नहीं है यह तब से अस्तित्व में है जब राज्य में कांग्रेस सत्ता में थी. (MP liquor Policy) नई शरीब नीति के तहत गेट-टुगेदर या पार्टियों जैसे आयोजनों के दौरान घर पर शराब की खपत के लिए 500 रुपये के शुल्क पर परमिट जारी किया जाएगा.

युवाओं को किया जा रहा गुमराह: प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बुधवार को कहा, "नौकरी देने में विफल रही राज्य सरकार 500 रुपये के शुल्क पर परमिट जारी करके युवाओं को घर पर शराब पीने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. सत्तारूढ़ भाजपा बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए युवाओं को बर्बाद करने जा रही है." इससे पहले प्रदेश कांग्रेस ने ट्विटर पर कहा था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ''पियो और पड़े रहो योजना'' को अब ''हर घर दारू, घर घर दारू'' योजना का सहारा मिल गया है. अब घर में बार बनाने का लाइसेंस सिर्फ 500 रुपये में मिल सकेगा. शिवराज जी, घरों को अब बार बनाया जा रहा है.'

ये नियम है पुराना: कांग्रेस के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "वे आबकारी नीति पर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. वे जिस नियम की बात कर रहे हैं वह नया नहीं है. यह तब से अस्तित्व में है जब कांग्रेस सत्ता में थी. कोई नया नियम नहीं बनाया गया है." आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दशकों पहले पहली बार नीति बनने के बाद से घर में चार बोतल तक रखने का नियम रहा है.

नई शराब नीति पर पूर्व वित्त मंत्री का सरकार पर हमला, तरुण भनोट ने कहा 'सरकार अब घर घर बेच रही शराब'

आबकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि इसी तरह नियम भी शुरू से चला कि अगर किसी को घर में चार बोतल से ज्यादा किसी समारोह जैसे जन्मदिन, शादी आदि या घर में किसी अन्य मिलन-समारोह के लिए चाहिए तो उस व्यक्ति को आबकारी विभाग को एक दिन का शुल्क देकर परमिट लेना होता है, जो एक दिनों के लिए वैध होता है. उन्होंने कहा, 'घर और बाहरी जगहों जैसे कानून और शादी-ब्याह आदि के लिए शुल्क अलग-अलग हैं' घरेलू परमिट के बारे में कोई नया नियम नहीं बनाया गया है, लेकिन यह पहली बार आबकारी नीति बनने के बाद से अस्तित्व में है."

भोपाल। मध्य प्रदेश में नई शराब नीति पर विवाद छिड़ गया है कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर हर घर को बार में बदलने का आरोप लगाया है. प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने सरकार पर युवाओं को गुमराह करने का आरोप लगाया है. मप्र के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि यह नियम नया नहीं है यह तब से अस्तित्व में है जब राज्य में कांग्रेस सत्ता में थी. (MP liquor Policy) नई शरीब नीति के तहत गेट-टुगेदर या पार्टियों जैसे आयोजनों के दौरान घर पर शराब की खपत के लिए 500 रुपये के शुल्क पर परमिट जारी किया जाएगा.

युवाओं को किया जा रहा गुमराह: प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष केके मिश्रा ने बुधवार को कहा, "नौकरी देने में विफल रही राज्य सरकार 500 रुपये के शुल्क पर परमिट जारी करके युवाओं को घर पर शराब पीने के लिए प्रोत्साहित कर रही है. सत्तारूढ़ भाजपा बेरोजगारी से ध्यान हटाने के लिए युवाओं को बर्बाद करने जा रही है." इससे पहले प्रदेश कांग्रेस ने ट्विटर पर कहा था कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की ''पियो और पड़े रहो योजना'' को अब ''हर घर दारू, घर घर दारू'' योजना का सहारा मिल गया है. अब घर में बार बनाने का लाइसेंस सिर्फ 500 रुपये में मिल सकेगा. शिवराज जी, घरों को अब बार बनाया जा रहा है.'

ये नियम है पुराना: कांग्रेस के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा (Home Minister Narottam Mishra) ने मंगलवार को संवाददाताओं से कहा, "वे आबकारी नीति पर भ्रम पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं. वे जिस नियम की बात कर रहे हैं वह नया नहीं है. यह तब से अस्तित्व में है जब कांग्रेस सत्ता में थी. कोई नया नियम नहीं बनाया गया है." आबकारी विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दशकों पहले पहली बार नीति बनने के बाद से घर में चार बोतल तक रखने का नियम रहा है.

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आबकारी विभाग के अधिकारी ने बताया कि इसी तरह नियम भी शुरू से चला कि अगर किसी को घर में चार बोतल से ज्यादा किसी समारोह जैसे जन्मदिन, शादी आदि या घर में किसी अन्य मिलन-समारोह के लिए चाहिए तो उस व्यक्ति को आबकारी विभाग को एक दिन का शुल्क देकर परमिट लेना होता है, जो एक दिनों के लिए वैध होता है. उन्होंने कहा, 'घर और बाहरी जगहों जैसे कानून और शादी-ब्याह आदि के लिए शुल्क अलग-अलग हैं' घरेलू परमिट के बारे में कोई नया नियम नहीं बनाया गया है, लेकिन यह पहली बार आबकारी नीति बनने के बाद से अस्तित्व में है."

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