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MP में घट रही घटनाओं पर मानव अधिकार आयोग की सख्ती, जिम्मेदार अधिकारियों से मांगा जवाब

मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष मनोहर ममतानी ने घटित हुई घटनाओं के ऊपर जिम्मेदार अधिकारियों से समय सीमा के अंदर जवाब देने के लिए निर्देशित किया है.

MP Human rights commission
मानव अधिकार आयोग
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Published : May 6, 2023, 1:19 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग विभिन्न माध्यमों से मध्य प्रदेश में घटित हो रही घटनाओं को लेकर काफी सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं. मानव अधिकार आयोग लगातार समाचार पत्रों व अन्य माध्यमों से प्राप्त जानकारी पर सख्त टिप्पणियां भी कर रहा है और समय सीमा के अंतर्गत जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब मांग रहा है. आज भी मानव अधिकार आयोग द्वारा प्रदेश में घटित अलग-अलग घटनाओं पर जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

राजधानी के उबेदिया हाई स्कूल की गैलरी में लगती है क्लास: भोपाल शहर की ताजुल मसाजिद के पास वर्ष 1913 में बने उबेदिया हाईस्कूल में घुसते ही पुलिसकर्मी आने की वजह पूछते हैं, वो इसलिये कि क्योंकि यहां बैलेट बाॅक्स रखे हैं. इस दो मंजिला स्कूल में बीते आठ साल से बच्चों की क्लास गैलरी में लग रही है, यहां की प्राचार्या कहती हैं कि "एक कमरे को छोड़ बाकी, दस कमरों और 2 हाॅल में बैलेट बाॅक्स रखे हैं. वर्ष 2015 में जिला प्रशासन ने सिर्फ 2 कमरे लिये थे, उसके बाद धीरे-धीरे पूरे स्कूल पर कब्जा हो गया. बारिश में बच्चों की छुट्टी करना पड़ती है." मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 3 सप्ताह में जवाब मांगा है.

जहांगीरिया स्कूल की छत या दीवार गिरने का रहता है खतरा: भोपाल शहर के ही इब्राहिमपुरा में जहांगीरिया स्कूल वर्ष 1895 का बना एक हेरिटेज स्कूल है, यहां की प्राचार्या कहती हैं कि "यहां अचानक कभी भी छत का प्लास्टर या दीवार गिर जाती है, दूसरी मंजिल में बने कमरों में मलवे के ढेर लग चुके हैं. इसी के ठीक नीचे कम्प्यूटर और लैब पर तो पैसे खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन स्कूल की मरम्मत की सुध किसी ने नहीं ली. स्कूल के अधिकांश कमरे अब किसी काम के नहीं हैं." मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त संचालक, स्कूल शिक्षा संचालनालय, भोपाल से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है.

ऐशबाग की डीपी से हादसे का खतरा: भोपाल शहर के ऐशबाग स्टेडियम के पास रोड किनारे एक बिजली का डिस्ट्रीब्यूटर बाॅक्स (डीपी) बीते कई महीने से खुला पड़ा है, जिस रोड पर यह डीपी मौजूद है. उकस जुड़ाव एक दर्जन से अधिक कालोनियों से है, इन्हीं कालोनियों के रहवासी रोजाना इसी रोड से आवाजाही करते हैं. स्कूल आने-जाने वाले बच्चे खेलते-खेलते डीपी के बेहद करीब पंहुच जाते हैं, वहीं जानवर भी इसके आसपास घूमते रहते हैं. ऐसे में हमेशा किसी बड़े हादसे की आशंका बनी रहती है. रहवासियों का कहना है कि "इस क्षेत्र में ऐसे कई डीपी खुले पड़े हैं, जो लोगों की जिंदगी के लिये खतरा बने हुए हैं." मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कार्यपालन यंत्री मप्र विविकंलि, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर लोगों की जीवन सुरक्षा हेतु की गई कार्यवाही के संबंध में 3 सप्ताह में जवाब मांगा है.

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छिंदवाड़ा में फाइनेंस कंपनी का कारनामा: छिंदवाड़ा जिले में एक निजी फाइनेंस कंपनी ने उसका लोन नहीं चुकाने पर कर्जदार युवक के मकान की दीवारों पर पेंट से आम सूचना लिखवा दी. आम सूचना में कंपनी ने लिखवाया कि "इस युवक ने हमारी कंपनी से लोन लिया था, जिसे चुका नहीं पाने पर यह संपत्ति अब कंपनी की है, इससे कोई लेन-देन नहीं करें." छिन्दवाड़ा क्षेत्र के गुलाबरा क्षेत्र में रहने वाले फरियादी निमेश ब्रम्हे ने बताया कि "कंपनी द्वारा उसके घर की दीवार पर आम सूचना लिखवाने से उसे व परिजनों को बेहद शर्मिंदगी महसूस हो रही है, उसने कंपनी केे कर्मचारियों को ऐसा लिखने से मना किया था, लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उसके मकान में पेंट से सूचना लिख ही दी." मामले पर संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने तत्काल प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है, आयोग ने इस प्रकरण क्रमांक 3053/छिन्दवाड़ा/2023 में एसपी, छिन्दवाड़ा से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है.

टीकमगढ़ में युवक की मौत पर परिजनों ने लगाया जाम: टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ थानाक्षेत्र के डारगुवा गांव में एक युवक राघवेन्द्र की मौत हो गई, घटना से गुस्साए परिजनों ने टीकमगढ़ शहर के अस्पताल चैराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया. मृतक के परिजनों ने उनके गांव केे ही कुछ लोगों पर युवक को जबरन जहर पिलाकर मार देने का आरोप लगाया है. परिजनों ने पुलिस को बताया कि, गांव के ही कुछ दबंग लोगों ने जहर देकर राघवेन्द्र की हत्या की है. परिजनों ने आरोपियों पर हत्या की धारा लगाकर मामला दर्ज करने की मांग की, इस पर डीएसपी ने आरोपियों पर कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाम खोला गया. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसपी, टीकमगढ़ से मामले की जांच की जांच के आदेश दिए हैं.

भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग विभिन्न माध्यमों से मध्य प्रदेश में घटित हो रही घटनाओं को लेकर काफी सख्त रुख अख्तियार किए हुए हैं. मानव अधिकार आयोग लगातार समाचार पत्रों व अन्य माध्यमों से प्राप्त जानकारी पर सख्त टिप्पणियां भी कर रहा है और समय सीमा के अंतर्गत जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब मांग रहा है. आज भी मानव अधिकार आयोग द्वारा प्रदेश में घटित अलग-अलग घटनाओं पर जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

राजधानी के उबेदिया हाई स्कूल की गैलरी में लगती है क्लास: भोपाल शहर की ताजुल मसाजिद के पास वर्ष 1913 में बने उबेदिया हाईस्कूल में घुसते ही पुलिसकर्मी आने की वजह पूछते हैं, वो इसलिये कि क्योंकि यहां बैलेट बाॅक्स रखे हैं. इस दो मंजिला स्कूल में बीते आठ साल से बच्चों की क्लास गैलरी में लग रही है, यहां की प्राचार्या कहती हैं कि "एक कमरे को छोड़ बाकी, दस कमरों और 2 हाॅल में बैलेट बाॅक्स रखे हैं. वर्ष 2015 में जिला प्रशासन ने सिर्फ 2 कमरे लिये थे, उसके बाद धीरे-धीरे पूरे स्कूल पर कब्जा हो गया. बारिश में बच्चों की छुट्टी करना पड़ती है." मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कलेक्टर, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर की गई कार्यवाही के संबंध में 3 सप्ताह में जवाब मांगा है.

जहांगीरिया स्कूल की छत या दीवार गिरने का रहता है खतरा: भोपाल शहर के ही इब्राहिमपुरा में जहांगीरिया स्कूल वर्ष 1895 का बना एक हेरिटेज स्कूल है, यहां की प्राचार्या कहती हैं कि "यहां अचानक कभी भी छत का प्लास्टर या दीवार गिर जाती है, दूसरी मंजिल में बने कमरों में मलवे के ढेर लग चुके हैं. इसी के ठीक नीचे कम्प्यूटर और लैब पर तो पैसे खर्च किये जा रहे हैं, लेकिन स्कूल की मरम्मत की सुध किसी ने नहीं ली. स्कूल के अधिकांश कमरे अब किसी काम के नहीं हैं." मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने आयुक्त संचालक, स्कूल शिक्षा संचालनालय, भोपाल से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है.

ऐशबाग की डीपी से हादसे का खतरा: भोपाल शहर के ऐशबाग स्टेडियम के पास रोड किनारे एक बिजली का डिस्ट्रीब्यूटर बाॅक्स (डीपी) बीते कई महीने से खुला पड़ा है, जिस रोड पर यह डीपी मौजूद है. उकस जुड़ाव एक दर्जन से अधिक कालोनियों से है, इन्हीं कालोनियों के रहवासी रोजाना इसी रोड से आवाजाही करते हैं. स्कूल आने-जाने वाले बच्चे खेलते-खेलते डीपी के बेहद करीब पंहुच जाते हैं, वहीं जानवर भी इसके आसपास घूमते रहते हैं. ऐसे में हमेशा किसी बड़े हादसे की आशंका बनी रहती है. रहवासियों का कहना है कि "इस क्षेत्र में ऐसे कई डीपी खुले पड़े हैं, जो लोगों की जिंदगी के लिये खतरा बने हुए हैं." मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने कार्यपालन यंत्री मप्र विविकंलि, भोपाल से प्रकरण की जांच कराकर लोगों की जीवन सुरक्षा हेतु की गई कार्यवाही के संबंध में 3 सप्ताह में जवाब मांगा है.

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  4. टीआई के बाद अब DIG से सवाल, मानवाधिकार आयोग ने जवाब किया तलब

छिंदवाड़ा में फाइनेंस कंपनी का कारनामा: छिंदवाड़ा जिले में एक निजी फाइनेंस कंपनी ने उसका लोन नहीं चुकाने पर कर्जदार युवक के मकान की दीवारों पर पेंट से आम सूचना लिखवा दी. आम सूचना में कंपनी ने लिखवाया कि "इस युवक ने हमारी कंपनी से लोन लिया था, जिसे चुका नहीं पाने पर यह संपत्ति अब कंपनी की है, इससे कोई लेन-देन नहीं करें." छिन्दवाड़ा क्षेत्र के गुलाबरा क्षेत्र में रहने वाले फरियादी निमेश ब्रम्हे ने बताया कि "कंपनी द्वारा उसके घर की दीवार पर आम सूचना लिखवाने से उसे व परिजनों को बेहद शर्मिंदगी महसूस हो रही है, उसने कंपनी केे कर्मचारियों को ऐसा लिखने से मना किया था, लेकिन कंपनी के कर्मचारियों ने अपशब्दों का प्रयोग करते हुए उसके मकान में पेंट से सूचना लिख ही दी." मामले पर संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने तत्काल प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है, आयोग ने इस प्रकरण क्रमांक 3053/छिन्दवाड़ा/2023 में एसपी, छिन्दवाड़ा से 3 सप्ताह में जवाब मांगा है.

टीकमगढ़ में युवक की मौत पर परिजनों ने लगाया जाम: टीकमगढ़ जिले के बल्देवगढ़ थानाक्षेत्र के डारगुवा गांव में एक युवक राघवेन्द्र की मौत हो गई, घटना से गुस्साए परिजनों ने टीकमगढ़ शहर के अस्पताल चैराहे पर शव रखकर जाम लगा दिया. मृतक के परिजनों ने उनके गांव केे ही कुछ लोगों पर युवक को जबरन जहर पिलाकर मार देने का आरोप लगाया है. परिजनों ने पुलिस को बताया कि, गांव के ही कुछ दबंग लोगों ने जहर देकर राघवेन्द्र की हत्या की है. परिजनों ने आरोपियों पर हत्या की धारा लगाकर मामला दर्ज करने की मांग की, इस पर डीएसपी ने आरोपियों पर कठोर कार्रवाई का आश्वासन दिया, तब जाम खोला गया. मामले में संज्ञान लेकर मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने एसपी, टीकमगढ़ से मामले की जांच की जांच के आदेश दिए हैं.

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