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MP News: मध्य प्रदेश बना देश का पहला राज्य, किशोरों-युवाओं के लिए प्रस्तुत किया ‘खुल के पूछो’ चैटबॉट - mp chatbot news

मध्य प्रदेश सरकार और यूएनएफपीए ने किशोरों-युवाओं के लिए चैटबॉट पेश किया है.

mp govt unfpa launch chatbot
एमपी सरकार अनएफपीए ने चैटबॉट लॉन्च किया
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Published : Jul 17, 2023, 10:55 PM IST

भोपाल (PTI)। मध्य प्रदेश सरकार और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने ‘खुल के पूछो’ चैटबॉट प्रस्तुत किया है. ‘जस्ट आस्क’ या ‘खुलके पूछो’ कृत्रिम बुद्धिमत्ता से युक्त एक चैटबॉट है जिसे किशोरों और युवा वयस्कों को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार (एसआरएचआर) और सामाजिक मुद्दों पर सही एवं सुलभ तरीके से जानकारी देने के लिए विकसित किया गया है.

सहभागी बनाकर दी जाएगी नि:शुल्क जानकारी: एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि 'जस्ट आस्क या खुल के पूछो’ नामक डिजिटल सहभागिता मंच पर उपयोगकर्ता बड़े होने, शारीरिक परिवर्तन, यौवन, मासिक धर्म, प्रजनन स्वास्थ्य, गर्भावस्था, परिवार नियोजन, लिंग पहचान, यौन अभिविन्यास, मानसिक स्वास्थ्य और अन्य एसआरएचआर विषयों से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछ सकते हैं. विज्ञप्ति में जिक्र है कि चैटबॉट उपयोगकर्ताओं को संवादात्मक वार्तालाप में सहभागी बनाकर उन्हें सटीक और विश्वसनीय जानकारी नि:शुल्क प्रदान करेगा.

चैटबॉट क्या है: इसमें दो आकांक्षी रोल मॉडल ध्रुव और दृष्टि हैं, जो सरल और विश्वसनीयता के साथ जानकारी साझा करते हैं. 'खुल के पूछो' चैटबॉट में सामग्री सरल, आकर्षक इन्फोग्राफिक्स द्वारा समर्थित है जो सामान्य समझ को बढ़ाती है और उपयोगकर्ताओं को आसानी से निर्देशों का पालन करने में सक्षम बनाती है. इसके अलावा, 'खुल के पूछो' चैटबॉट किशोरों और युवाओं को किशोर अनुकूल स्वास्थ्य क्लिनिक (एएफएचसी), सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं और हेल्पलाइन से जोड़ता है.

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एमपी का नया नवाचार: प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि "यह मध्यप्रदेश में एक नया नवाचार है. इसके माध्यम से 15 से 25 वर्ष के वयस्क उन सवालों को पूछ सकते हैं जिन्हें वे अपने माता-पिता या अभिभावकों से पूछ नहीं पाते हैं. यह युवाओं के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक का कार्य करेगा." यूएनएफपीए की भारत और भूटान में प्रतिनिधि एवं कंट्री डायरेक्टर एंड्रिया वोज्नार ने कहा, “युवाओं और युवतियों को सुरक्षित और गैर-न्यायिक स्थानों की आवश्यकता होती है. जहां वे सही और विश्वसनीय जानकारी के माध्यम से सशक्त और शिक्षित हो सकें. यूएनएफपीए प्रतिनिधि ने कहा कि "चैटबॉट महत्वपूर्ण है जो भावी पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पैमाने और विविधता पर एक डिजिटल रूप से आगे की अवधारणा प्रदान की गयी है. उन्होंने आगे कहा कि 'खुल के पूछो' चैटबॉट के रूप में "संचार के सबसे लोकप्रिय तरीके का उपयोग करना, यह सुनिश्चित करता है कि स्वास्थ्य और आरोग्य वास्तव में युवाओं की उंगलियों पर है.

भोपाल (PTI)। मध्य प्रदेश सरकार और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) ने ‘खुल के पूछो’ चैटबॉट प्रस्तुत किया है. ‘जस्ट आस्क’ या ‘खुलके पूछो’ कृत्रिम बुद्धिमत्ता से युक्त एक चैटबॉट है जिसे किशोरों और युवा वयस्कों को यौन और प्रजनन स्वास्थ्य अधिकार (एसआरएचआर) और सामाजिक मुद्दों पर सही एवं सुलभ तरीके से जानकारी देने के लिए विकसित किया गया है.

सहभागी बनाकर दी जाएगी नि:शुल्क जानकारी: एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि 'जस्ट आस्क या खुल के पूछो’ नामक डिजिटल सहभागिता मंच पर उपयोगकर्ता बड़े होने, शारीरिक परिवर्तन, यौवन, मासिक धर्म, प्रजनन स्वास्थ्य, गर्भावस्था, परिवार नियोजन, लिंग पहचान, यौन अभिविन्यास, मानसिक स्वास्थ्य और अन्य एसआरएचआर विषयों से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछ सकते हैं. विज्ञप्ति में जिक्र है कि चैटबॉट उपयोगकर्ताओं को संवादात्मक वार्तालाप में सहभागी बनाकर उन्हें सटीक और विश्वसनीय जानकारी नि:शुल्क प्रदान करेगा.

चैटबॉट क्या है: इसमें दो आकांक्षी रोल मॉडल ध्रुव और दृष्टि हैं, जो सरल और विश्वसनीयता के साथ जानकारी साझा करते हैं. 'खुल के पूछो' चैटबॉट में सामग्री सरल, आकर्षक इन्फोग्राफिक्स द्वारा समर्थित है जो सामान्य समझ को बढ़ाती है और उपयोगकर्ताओं को आसानी से निर्देशों का पालन करने में सक्षम बनाती है. इसके अलावा, 'खुल के पूछो' चैटबॉट किशोरों और युवाओं को किशोर अनुकूल स्वास्थ्य क्लिनिक (एएफएचसी), सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं और हेल्पलाइन से जोड़ता है.

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एमपी का नया नवाचार: प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी ने कहा कि "यह मध्यप्रदेश में एक नया नवाचार है. इसके माध्यम से 15 से 25 वर्ष के वयस्क उन सवालों को पूछ सकते हैं जिन्हें वे अपने माता-पिता या अभिभावकों से पूछ नहीं पाते हैं. यह युवाओं के लिए एक विश्वसनीय मार्गदर्शक का कार्य करेगा." यूएनएफपीए की भारत और भूटान में प्रतिनिधि एवं कंट्री डायरेक्टर एंड्रिया वोज्नार ने कहा, “युवाओं और युवतियों को सुरक्षित और गैर-न्यायिक स्थानों की आवश्यकता होती है. जहां वे सही और विश्वसनीय जानकारी के माध्यम से सशक्त और शिक्षित हो सकें. यूएनएफपीए प्रतिनिधि ने कहा कि "चैटबॉट महत्वपूर्ण है जो भावी पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करने के लिए पैमाने और विविधता पर एक डिजिटल रूप से आगे की अवधारणा प्रदान की गयी है. उन्होंने आगे कहा कि 'खुल के पूछो' चैटबॉट के रूप में "संचार के सबसे लोकप्रिय तरीके का उपयोग करना, यह सुनिश्चित करता है कि स्वास्थ्य और आरोग्य वास्तव में युवाओं की उंगलियों पर है.

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